हेलो दोस्तों, मेरे पिता की मौत 10 साल पहले ही हो गई थी एक्सीडेंट से। मेरी माँ रागिनी 36 साल की, 38″34″36″ फिगर वाली, सांवली पर आकर्षक औरत है।
वो काफ़ी चुदक्कड़ टाइप की औरत है, क्योंकि उसका चक्कर मेरे पापा के मौत से पहले भी किसी और के साथ चल रहा था और ये मुझे अब पता चला है।
दोस्तो मेरे घर में मैं और मेरी मां बस दो लोग ही हैं। मैं तो पढाई के लिए ज्यादातर समय हॉस्टल में ही रहती हूं। लेकिन लॉकडाउन में मैं घर आया था।
एक दिन मेरी माँ अपने स्कूल की रिपोर्ट सबमिट करने ऑफिस गई हुई थी। क्योंकि वो सरकारी टीचर है, इसलिए उन्हें लॉकडाउन में भी रिपोर्ट सबमिट करनी होती थी। उस दिन मैं घर की सफ़ाई कर रहा था, क्योंकि माँ को समय नहीं मिलता था। इसलिए जब भी मैं घर आता हूं, तो मैं ही साफ-सफाई करता हूं।
मैं उसके कमरे की सफ़ाई कर रहा था। जैसे ही मैंने उसके बिस्तर का गद्दा ऊपर उठाया, तो मैं हैरान रह गया। वाहा 2 प्रेगनेंसी किट रखी हुई थी और इतना ही नहीं, मुझे उसकी अलमारी से सेक्स पोजीशन वाली बुक भी मिली।
मैं ये सब देख कर दंग रह गया और मेरे मन में बुरे-बुरे ख्याल आने लग गए, अपनी माँ को चोदने के। वैसे भी वो काफी सेक्सी दिखती थी।
जब माँ वापस आ गई तो मैंने उनसे कुछ नहीं कहा। हमारा घर ऐसा है, कि माँ के कमरे में जाने के लिए मेरे कमरे से होकर जाना पड़ता है। मुझे पता था, आज-कल भी उनका किसी से चक्कर चलता है। क्योंकि वो हर रोज़ रात को, किसी से धीमी आवाज़ में बात करती थी। लेकिन मैं उनसे कुछ नहीं कहता था।
एक दिन मैंने फैसला किया, कि आज मैं भी मां की हर बात सुनूंगा और उनके सोने के बाद ही सुनूंगा और मैं जाग रहा था। कुछ देर नॉर्मल बात करने के बाद, वो नॉन-वेज टाइप की बातें करने लगी। करीब 1 बजे अचानक वो उठ कर मेरे कमरे में आई और मुझे देखने लगी, कि मैं सोया हूं की नहीं।
मैं जान-बूझ कर सोने की एक्टिंग करने लगा। उन्हें लगा कि मैं सो गया और वो चुपके से बिना आवाज किए बाहर चली गई। मैं भी उठ गया और पहले उनके कामरे में गया। वाहा जाके मैंने देखा, कि उसने अपनी पैंटी और पायल को बिस्तर पर ही उतार दिया है। मैं सोचने लगा, कि ये क्या कर रही है।
फिर मैं भी चुपके से उसके पीछे चला गया। मैंने बाहर जाकर देखा, तो वो कहीं नज़र नहीं आ रही थी। फिर मैंने सुना, कि हम जिस कमरे में गाड़ी रखते थे, उस कमरे से अजीब-अजीब तरह की आवाज आ रही थी।
मैं दबे पांव उस कमरे के पास गया और खिड़की, जिस पर सिर्फ लोहे की ग्रिल ही लगी हुई है, उस पार से अंदर झांकने लगा। मैंने वहां देखा, कि मां अपनी नाइटी ऊपर करके जमीन पर बैठ कर एक हाथ से अपने स्तन दबा रही थी और एक से अपनी चूत में उंगली कर रही थी।
वो आआह… उह्ह्ह्ह….. ईह्हह्हह्हह्हह्ह…… ऊऊह्हह्हह्ह… म्म्म.. म्मम्मम्मह्ह… ह्ह्ह्ह.. आआआआआह्हह्ह… कि आवाज निकल रही थी और पागल सी हो रही थी।
उसको देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया, पर थोड़ी देर बाद शायद वो झड़ गई और उसने अपनी चूत को साफ किया और अपने स्तनों को वापस नाइटी में डाल कर आने लगी।
मैं जल्दी से जाकर अपने बिस्तर पर सोने की एक्टिंग करने लगा। मेरी दिल की धड़कन भी बहुत तेज़ थी, क्योंकि मैंने अपनी माँ को ऐसे पहले कभी नहीं देखा था। हमें वक्त वो एक-दम सेक्स की देवी लग रही थी।
अगले दिन सुबह मैंने उससे कुछ नहीं कहा। वो भी एक दम नॉर्मल थी. उस दिन से ही मेरे अंदर माँ को चोदने की इच्छा और ज्यादा हो गई।
करीब 2 दिन बाद माँ फिर 2 बजे के आस-पास उठ कर बाहर निकली। उस दिन मैं समझ गया था, कि वो फिर से अपनी चूत में उंगली करने जा रही थी। मैं भी उसके पीछे-पीछे बाहर निकला और बाहर आते ही मां.. मां.. मां.. चिल्लाने लगा।
मेरी आवाज़ सुन कर, वो थोड़ी देर बाद उस गाड़ी वाले कमरे से बाहर निकली। मैंने उनसे पूछा, कि वो वहां क्या कर रही थी, तो वो बोली, कि शायद कोई चूहा था, जो आवाज कर रहा था। मैं बस वही चेक करने के लिए घुसी थी।
मैंने कुछ नहीं बोला और अपने कमरे में जाकर सोने के लिए कहा और वो अंदर अपने कमरे में चली गई। मैं बहुत देर तक बाहर ही खड़ा रहा और सोचने लगा, कि आज तो इसको चोद कर ही रहूंगा। फिर मैं अन्दर गया और अपनी माँ के कमरे में चला गया। अंदर जाके मैंने देखा, कि वो सो रही थी।
मैं उसके पास गया और कुछ देर तक तो उसको बस निहारते ही रहा। मैं सोच रहा था, कि उसको चोदू के नहीं, पर मैं इतना कामुक हो चुका था, कि मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था।
फिर मैंने मां के ऊपर से उसकी चादर हटा दी, लेकिन उसको पता नहीं चला, क्योंकि वो नींद में ही थी। अब मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके स्तनों को नाइटी के ऊपर से ही दबाने लगा।
वो अचानक से जाग गई और मुझे धक्का देने लगी। पर मैं हटा नहीं और एक हाथ उसकी नाइटी के अंदर घुसा दिया और उसकी चूत को रगड़ने लग गया। वो मुझे हटाने की कोशिश करने लगी, पर वो नहीं कर पा रही थी। कुछ देर बाद मैंने ही उसे छोड़ दिया और अलग हो गया।
वो उठ कर बैठ गई और मुझे 2 थप्पड़ मारे और कहने लगी-
माँ: तू कैसा बेटा है, जो अपनी माँ के साथ जबरदस्ती कर रहा है? इसी दिन के लिए क्या मैंने तुझे बड़ा किया है?
और फिर ये बोलते हुए उसने मुझे थप्पड़ मारा और रोने लग गई। अब मुझे भी गुस्सा आने लगा था. मैंने उसके बिस्तर के नीचे से वो प्रेगनेंसी किट और किताब निकाली और कहा-
मैं : साली रंडी! पापा की मौत तो बहुत पहले हो चुकी है, तो अब तू किसके बच्चे की माँ बनने वाली है? जो ये सब यहाँ है.
वो एक-दम डर गई और चुप हो गई।
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मैंने कहा: मुझे सब पता है, कि तू हर रोज़ किस्से बात करती है और तू किस्से चुदवाती है। लेकिन मैं चुप रहता हूँ।
वो एक दम चुप थी. अब मैंने उसको धक्का मारा और बिस्तर पर लिटा दिया और उसके दूध को जोर-जोर से दबाने लग गया। वो अब भी मुझसे अलग होने की कोशिश कर रही थी।
फिर मैंने उसको पलटा दिया और उसकी कमर पर बैठ गया और उसकी नाइटी को ऊपर करके उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लग गया और कहने लगा-
मैं : माँ, आज मैं तेरी चूत शांत करूँगा।
वो बोली: पहले मेरी बात सुन लो, फिर जो करना है वो कर लेना।
मैंने उसको छोड़ दिया और कहा की बोल।
वो बोली: देख तू मेरा बेटा है और मैं तेरी मां हूं और मां बेटे का रिश्ता काफी पाक होता है, लोगो को पता चला तो क्या कहेंगे। भगवान भी मुझे कभी माफ़ नहीं करेंगे।
मैंने मां को समझाया : मां किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा, बस तेरे और मेरे बीच रहेगा सब।
और ये बोल कर मैं उसके होठों को छूने लग गया और स्तनों को दबाने लगा। जैसा कि मैंने बताया था, कि वो बहुत हॉर्नी है। तो थोड़ी देर तक नखरे करने के बाद, वो भी मेरा साथ देने लगी।
15 मिनट स्तन दबाएँ और उसको छूने के बाद मैंने कहा-
मैं : मुझे तुम्हारी चूत मारनी है, तो अपने कपड़े उतारो।
और ये बोलते हुए मैंने अपने सारे कपडे उतार दिये। इस बात पर वो मना करने लगी और कहने लगी बस यहीं तक रहने दे। लेकिन मैं कहा मानने नहीं वाला था। मैंने उसको बिस्तर से उठा कर खड़ा किया और उसकी नाइटी को ऊपर करने लगा। लेकिन वो मुझे रोकने लगी.
मैंने उसका हाथ हटा दिया और उसकी नाइटी हटा दी। मैं पागल हो गया, क्योंकि मैंने अपनी माँ को ब्रा और पैंटी में पहली बार देखा था। फिर मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया, तो उसके दूध झूल गए और फिर मैंने जैसे ही उसकी पैंटी उतारने के लिए खींची, तो उसकी हाए निकल गई। क्यूकी उसकी चूत की झांट भी खिच गयी थी। उसकी चूत बालों से भरी हुयी थी.
मैने कहा: साफ क्यों नहीं करती हो अपनी चूत के बालों को?
माँ बोली: टाइम ही नहीं मिलता.
फिर मैंने उसको उठाया और उसको बिस्तर पर फेंक दिया और मैं भी उस पर चढ़ गया और उसकी टांगों को फेल कर उसकी गीली चूत को चाटने लगा। कुछ देर विरोध करने के बाद, वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत में ढकने लगी थी।
10 मिनट तक चाटने के बाद, मैं उसके होठों को छूने लगा और उसके होठों को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा। उसको दर्द होने लगा था. मैंने उसकी चूत को रगड़-रगड़ के लाल कर दिया था।
अब उसकी चूत मारने का वक्त आ गया था। मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो मुझे कह रही थी-
माँ: प्लीज़ मत चोदो मुझे, ये ग़लत है।
लेकिन मैं कहा रुकने वाला था। मैंने एक ज़ोर का झटका मारा, पर मेरा सुपाड़ा ही चूत के अंदर गया और वो चिल्ला उठी। उसकी चूत बहुत टाइट थी, क्योंकि उसने काफी टाइम से चूत चुदवाई नहीं थी।
मैने फ़िर से झटका मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और झटके मारने लग गया। अब उसको भी मजा आने लगा था और वो अब आआहाहाहाहा.. अहह.. उम्म्म्म.. अहहाहहाहा..
एहेहेहे.. एहहाज्जज्जज्ज्झाआआ… ऊऊओह्हह्हह्ह……. की आवाज़ निकल रही थी।
करीब 1 घंटे हर पोजीशन में चोदने के बाद, मैं झड़ने वाला था। तो मैंने उसको कहा-
मैं : मैं झड़ने वाला हूं.
तो उसने कहा: प्लीज़ मेरी चूत के अंदर नहीं, मैं प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती हूँ।
लेकिन मैंने नहीं माना और उसकी चूत के अंदर ही सारा स्पर्म निकाल दिया। उसकी चूत से स्पर्म टपकने लग गया। फ़िर हम दोनो सो गये।
उस दिन के बाद से, अब मैं हर रोज़ अपनी रंडी माँ को चोदता हूँ। कभी उसकी मर्जी से तो कभी ज़बरदस्ती से।