Xxx बुर की चुदाई का मजा मुझे दिया एक सेक्सी लड़की ने जो मुझे स्लीपर ट्रेन में मिली थी. मैंने उसे ब्लू फिल्म देखते देखा तो समझ गया कि चालू माल है!
दोस्तो, इस वेबसाइट के सभी पाठक पाठिकाओं को मेरे खड़े लंड से प्रणाम.
मैं अजीत, मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ.
मुझे चूत चाटने का बेहद शौक है.
आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लेकर आया हूँ बुर की चुदाई का मजा लेने की.
मैं एक सरकारी काम से जबलपुर से दिल्ली जा रहा था.
मेरी ट्रेन शाम के 7 बजे जबलपुर से चली.
मैं सेकंड एसी कोच में सफर कर रहा था.
दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि मैं बहुत ही अनुशासन में रहने वाला युवा हूँ.
मुझे सामने से देखने से किसी को नहीं लगेगा कि मुझे चूत का इतना चस्का हो सकता है.
कोच में अन्दर आकर मैंने नजर घुमाई तो कुछ खास नजर नहीं आया.
मैं अपनी बर्थ पर लेट गया.
रात में करीब दो बजे एक लड़की मेरे सामने वाली सीट पर आकर लेट गई.
वह उसकी रिज़र्व सीट थी.
मैंने ध्यान से देखा तो वह अपने फ़ोन में एक चुदाई वाली ब्लू फिल्म देख रही थी.
मैं चुपचाप लेटा रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने ध्यान दिया कि वह लड़की अपनी चूत में कुछ डाल रही है.
मेरा मन तो किया कि रंगे हाथ पकड़ कर चोद देता हूँ लेकिन फिर मैं सामान्य बना रहा और मैंने सुबह होने का इंतजार किया.
सुबह उसका कोमल और फूला हुआ बदन देख कर तो लंड अन्दर ही गीला हो गया.
मैंने ठान लिया कि इसको दिल्ली पहुंचने से पहले किसी भी तरह से पटाना है.
यहां मैं आपको बताना चाहूँगा कि मेरी अंग्रेजी बहुत ही अच्छी है और जब मैं अंग्रेजी बोलता हूँ उस वक्त मुझे बोलता देख कर कई बार लोग पलट कर भी देख लेते हैं.
मैंने सोचा अपनी इसी योग्यता से इसे सैट करने की कोशिश करता हूँ.
तो मैंने मुस्कुराते हुए उससे पूछा- आपका नाम क्या है?
उसने बताया- मेरा नाम दीक्षा है.
मैं- आपको कहां तक जाना है?
दीक्षा- जी, मुझे दिल्ली जाना है.
मैं- क्या करती हैं आप दिल्ली में?
दीक्षा- मैं एक आईटी कंपनी में जॉब करती हूँ और घर से वापस जॉब के लिए जा रही हूँ.
वह मुझसे बात करने लगी थी और उसने बताया कि वह लक्ष्मी नगर में कहीं रहती है और दिल्ली में उसका एक बॉयफ्रेंड भी है, जो उसके साथ ही उसकी कंपनी में काम करता है.
अब तक उसके बूब्स को देखकर मुझसे रुका नहीं जा रहा था क्योंकि उसके दूध बहुत कामुक लग रहे थे, एकदम तने हुए थे.
मेरी नजरें बार बार उसके मम्मों पर ही टिक रही थीं.
वह टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसके थिरकते मम्मों से साफ समझ आ रहा था कि उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई है.
उसके बिना ब्रा में होने का सुबूत उसकी चूचियों के कड़क निप्पल भी इशारा दे रहे थे.
फिर मैंने सोच लिया कि हिम्मत करके चुदाई की बात भी छेड़ देता हूँ.
मैं- आपको हिंदी फिल्म पसंद है?
दीक्षा- हां, मुझे अच्छी लगती है.
मैं- मेरा मतलब एडल्ट फिल्म से है, जो आप रात में देख रही थीं.
दीक्षा- जी, वह मैं … वह …
उसका ये बुदबुदाना था कि मुझे मौका मिल गया.
मैंने एक हाथ उसके पैर पर रखा और कहा- कोई बात नहीं यार, मैं भी बहुत देखता हूँ लेकिन मुझे रियल वाली ज्यादा पसंद है और बस यही जानना चाहता था कि आपको कैसी वाली पसंद है?
वह शर्माती हुए आंखें झुका कर बोली- मुझे भी रियल वाली पसंद है.
मेरा हाथ अब उसकी जांघों तक जाने लगा था.
सुबह का टाइम था तो मैं ज्यादा कुछ ना कर सका मगर उसका विरोध ना देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने उससे कहा- एक काम करो अपना नंबर दे दो, मैं एक मस्त चुदाई वाली वीडियो भेजता हूँ.
उसने नंबर दिया तो मैंने उसे व्हाट्सप्प पर एक वीडियो भेजी.
वह फिल्म उसको अच्छी लगी.
अब मैंने उससे चैट पर ही पूछा- चुदना चाहती हो?
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उसने कहा कि ट्रेन में नहीं हो पाएगा और अब तो हम लोग दिल्ली पहुंचने वाले ही हैं!
मुझे भला इससे ज्यादा क्या ही चाहिए था.
मैंने पूछ लिया- तो दिल्ली पहुंच कर चुदवा लो!
उसने कहा- कहां चोदोगे?
तो मैंने कहा- जहां तुम कहो.
फिर उससे बात करके मैंने पहाड़गंज के एक होटल में एक रूम बुक कर दिया.
अब तक हम दोनों सेक्स चैट कर रहे थे तो मैंने उससे पूछा- कितनी देर तक चुदना चाहती हो मेरे लंड से?
तो वह बिंदास बोली- जितनी देर तुम चोद सकते हो, उतनी देर तक चुत चुदवाऊंगी … और अगर अच्छा चोदोगे तो रात में भी तुम्हारे साथ ही रुक जाऊंगी.
दोस्तो, उसकी ये कामुक बातें सुनकर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने ट्रेन के बाथरूम में जाकर जोर से मुठ मारी.
वह समझ गई थी तो मुझे देख कर मुस्कुरा दी और बोली- अब फ्री हो गए?
मैंने कहा- क्या करता यार … रहा ही नहीं जा रहा था.
वह खिलखिलाने लगी.
उसी समय मैंने मौका देख कर उसका दूध मसल दिया.
वह हँसती हुई आह कह कर मुझसे दूर हो गई.
अब तक हम दिल्ली पहुंच गए.
फिर मैंने एक ऊबर कैब बुक की और हम सीधा होटल पहुंच गए.
इसी बीच मैंने उसके चूचे खूब मसल लिए और वह भी मेरे लौड़े को अपने हाथ से दबा कर देख चुकी थी कि मेरा हथियार कैसा है.
वह जब लंड सहला रही थी तब बहुत गर्म हो रही थी.
मैंने कहा- कैब में ही चूसना चाहोगी.
तो वह कुछ बोली तो नहीं पर उसने मुँह से खा जाने जैसा एक्शन किया.
मैं समझ गया कि आज की सुबह मस्त चुत के नाश्ते से ही शुरू होगी.
होटल के कमरे में अन्दर आए और हमारा दरवाजा बंद हुआ ही था कि मैं उस पर टूट पड़ा.
वह भी मेरे साथ लग गई.
मैंने उसको कुछ मिनटों में ही नंगी कर दिया.
उसने भी लपक के मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया.
उसको मेरे लंड का बड़ा साइज बहुत पसंद आया.
उसने नीचे बैठ कर मेरा लंड चूसा.
दीक्षा- हाय भेनचोद, कितना मोटा लंड है रे तेरा … इसको तो मैं आज खा ही जाऊंगी.
मैं- हां बेबी, आज ये तेरी चुत के लिए फुल तैयार है … आज यह तुम्हारी चूत को रगड़ कर फाड़ देगा.
वह बोली- हां मुझे भी ऐसे ही लंड से फड़वाना है.
उसने जब जी भरके मेरा लंड चूस लिया तो वह कहने लगी- अच्छा बाथरूम में मुठ मार आए थे, इसीलिए नहीं झड़ रहा है.
मैंने कहा- यह तो तुम्हारे फायदे की बात है न!
वह हंस कर बोली- हां है तो फायदे की बात … अब देर तक चलेगा.
मैंने कहा- मुठ न भी मारता तब भी देर तक ही चलने वाला था.
वह हंस रही थी.
मैं- चलो अब कुश्ती लड़ते हैं.
अब हम दोनों बेड पर आ गए और मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और उसे डीप किस करने लगा.
साथ ही मैं अपने एक हाथ से उसके एक मम्मे को मसलता रहा.
एक हाथ से दूध मसलना और एक हाथ से चुत रगड़ना … मेरी ये अदा उसे बहुत पसंद आयी. वो 5 Star Hotel Escorts in Delhi जैसी मेरे साथ रोमांस कर रही थी और मैं भी उसे एक रंडी की तरह छोड़ने के बेकरार था.
वह पूरी मस्ती के साथ किस करने लगी.
कुछ देर बाद मैं उसकी चूत पर आया और चाटने लगा.
उसकी चूत तड़पने लगी थी.
वह बोली- अब और ज्यादा मत तड़पाओ … जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालो.
लेकिन मैं ऐसे कहां उसको चोदने वाला था.
उसकी तड़प को बढ़ाने के लिए मैंने चूत में जीभ अन्दर डाल दी.
वह जोर से चिल्लाने लगी और मेरा सर चूत में घुसाने लगी.
काफी देर चूत चाटने के बाद मैंने उसके मुँह में फिर से अपना लंड दे दिया और वापस से उसकी चूत चाटने लगा.
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में थे.
इसी दौरान मेरा पानी निकल गया और वह मेरे लंड की एक एक बून्द को चट कर गई.
वह बोली- कैसा लगा?
मैंने उसके गाल में लंड रगड़ते हुए कहा- अब तो यह और देर तक चलेगा!
वह बोली- मेरी चुत में कसावट इतनी ज्यादा है कि तेरे लवड़े को निचोड़ लेगी.
मैंने कहा- निचोड़ेगी तो तब, जब अन्दर लेगी. चल टांगें खोल रंडी … अभी देखता हूँ तेरी चुत को … आज उसे भोसड़ी बना दूंगा.
यह सुनकर वह खिलखिलाने लगी और बोली- बड़े कमीने हो … फ्री की चुत मिल गई, तब भी रंडी बोल रहे हो.
मैंने उसके एक दूध को मींजते हुए कहा- क्या हुआ बेबी, रंडी शब्द से झांटें सुलग गई क्या?
वह बोली- साले, अभी चुत चाट कर हटा है … झांटें दिखी भी थीं तुझे? मैं हर वक्त चुत साफ रखती हूँ.
मैंने हंस कर कहा- हां, तेरी तो झांटें सुलगने का कोई सीन ही नहीं है.
इसी तरह की चुहलबाजी में वह मेरे लंड को सहलाती रही और कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब चुदाई शुरू होने का वक्त था.
मैंने उसकी चूत चुदाई के लिए उसे चित लेटने का कहा.
दीक्षा- हां, मुझे चित लिटा कर ही चोदो … और पूरी ताकत से चोदना.
मैंने उसे लिटा दिया और चुत पर लंड सैट कर दिया
वह- आह जल्दी से लंड डालो मेरी चूत में … आह बुझा दो मेरी प्यास और मसल डालो मुझे … रगड़ डालो.
उसकी कामुक सिसकारियां सुन कर मेरा लंड और कड़क हो गया.
मैंने चुत में लंड पेल दिया और पूरी स्पीड से Xxx बुर की चुदाई करने लगा.
वह एकदम से लंड पेलने से दर्द से चिल्ला उठी और बोली- साले मादरचोद … धीरे चोद भैन के लवड़े … अभी नई नकोर चुत है … मैं ज्यादा बार नहीं चुदी हूँ.
मैंने कहा- हां तो ज्यादा बार चुदवा ले रंडी साली … कुतिया चिल्ला क्यों रही है. सारा होटल अपने कमरे में बुलाएगी क्या?
उसे एकदम से ‘होटल में हैं’ इस बात का भान हुआ और वह अपने मुँह पर हाथ रख कर कराहती हुई बोली- धीरे धीरे चोदो न … दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- कुछ देर रगड़वा ले रानी सारा दर्द मस्ती में बदल जाएगा.
यही हुआ भी, कुछ ही देर में वह मस्त हो गई और चुत उठा उठा कर लंड से लोहा लेने लगी.
मैंने भी मस्ती से उसकी चुत में ठोकरें देते हुए उसकी एक चूची को पीना शुरू कर दिया.
वह ऊपर को उठ कर मेरे मुँह में अपना पूरा दूध देने की कोशिश कर रही थी.
कुछ ही देर में बुर की चुदाई चरम पर पहुँच गई और मैंने उससे पूछा- माल किधर लोगी?
वह बोली- चुत में नहीं छोड़ना … मेरे मुँह में दे दो.
मैंने लंड चुत से निकाला और उसके मुँह में दे दिया.
उसने लंड का माल पी लिया और लंड को चाट कर साफ कर दिया.
हम दोनों चुदाई के बाद अलग अलग होकर अपनी अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगे.
वह मेरी छाती चूम कर बोली- मजा आ गया दोस्त … सच में तुमने चुत की मां चोद दी है.
मैं भी हंस कर बोला- अभी तो शुरुआत है बेबी … एक और राउंड के बाद बताना कि कैसा लगा मैं!
वह हंसने लगी और हम दोनों ने दूसरा राउंड शुरू कर दिया.
इस बार मैंने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा.
उसकी Xxx बुर दो बार चुदने के बाद और रसीली हो रही थी.
मैंने उसकी गांड पर लंड झाड़ कर पूछा- आज मजा आ गया सच में … बोलो मेरी रांड, और चुदवाना है क्या?
वह भी हांफ़ती हुई बोली- हां बेबी. तुम मस्त चोदते हो.
मैंने कहा- फिर तो आज रात यहीं रुकना पड़ेगा.
तो उसने कहा- ठीक है, इसके लिए मुझे कुछ कॉल करना पड़ेंगे.
उसने किसी से कुछ बात की और रुकने का फैसला किया.
शाम को हम थोड़ा बाहर गए और फिर खा पीकर वापस आकर हमने जमकर पूरी रात चुदाई की.
वह अभी भी दिल्ली में रहती है.
आपको कैसी लगी मेरी Xxx बुर की चुदाई कहानी?
मुझे जरूर बताइएगा.
लड़कियों से कहना है कि आपकी चूत अगर गीली हुई हो तो जरूर मेल करें.
फिर मिलेंगे.