नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम शकील है और मैं मुंबई से हूँ. ये कहानी मेरी खुद की सच्ची कहानी है. जब ये घटना हुई थी, उस समय मेरी उम्र 25 साल की थी. मैं इंदौर में एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करता था.
यह कहानी मेरी और मेरी मामीजान के बीच की है. मामा और मामी मेरे घर से थोड़ी दूरी पर ही रहते हैं. मैंने अपना अलग फ्लैट किराए से लिया है. मैं मामा के घर हफ्ते में एक बार ही जाता हूँ. मेरे मामा की उम्र 35 साल और मामी की उम्र 30 साल है. मामी का नाम रेशमा है. वो देखने में बहुत खूबसूरत हैं. वो जब भी जींस पेट और टॉप पहनती हैं, तो बड़ी मस्त माल लगती हैं.
एक दिन मैं जॉब पर नहीं गया. उस दिन मुझे किसी वजह से काफी देर हो गई थी. साथ ही उस दिन मुझे बैंक में अपना खाता नंबर भी लेने जाना था. मैं दोपहर में बैंक जाकर आ गया. फिर मैंने सोचा कि चलो आज फुर्सत हूँ, मामा के घर भी हो आऊं.
मैं कुछ ही समय में मामा के घर पहुंच गया. मैंने उनके घर की बेल बजाई. पहली घंटी में जब मुझे कोई उत्तर नहीं मिला, तो एक मिनट रुकने के बाद मैंने 3-4 बार घंटी बजा दी. अब तक करीब 10 मिनट हो गए थे. मैंने सोचा शायद मामी सो रही होंगी, इसलिए देरी हो रही है.
तभी मामी ने आवाज देते हुए मुझे रुकने को बोला और दरवाजा खोला. मैं वहां से वापस जाने ही वाला था कि मामी ने दरवाजा खोल दिया.
उन्होंने मुझे देखा और हैरानी से पूछा- अरे तुम … आज जॉब पर नहीं गया क्या?
मैंने अन्दर आते हुए कहा- नहीं मुझे बैंक में काम था.
मैं अन्दर आया तो मुझे उनके घर में एक अंजान आदमी बैठा हुआ दिखा. मैं अभी कुछ समझ पाता कि वो मुझे देख कर वहां से चला गया.
मैंने उस आदमी को पहले वहां कभी नहीं देखा था. मैंने मामी से पूछा कि ये जनाब कौन थे?
मेरी मामी बोलीं- मेरे पहचान वाले थे.
मामी मुझे जबाव देते समय कुछ हिचकिचा सी रही थीं. मुझे शक हुआ.
मैंने मामी से उस आदमी के बारे में और जानने की इच्छा नहीं की, बस ‘अच्छा जी …’ कह कर बात को खत्म कर दिया.
अब तक मामी ने भी खुद को सयंत कर लिया था. उन्होंने टीवी ऑन किया और मेरे लिए रसोई में पानी लेने चली गईं.
मैं मन ही मन सोचने लगा कि कुछ तो गड़बड़ है. इसके बाद मैंने मामी से मेरी एक फ्रेंड की बात छेड़ी और उनसे कहा कि वो आज लव मैरिज करने जाने वाला था.
इस पर मामी बोलीं- क्या कहूँ … तुम तो शादी नहीं ही कर रहे हो ना.
तब मैं बोला- मामी आपसे फ्रेंडली एक बात पूछूँ?
मामी बोलीं- हां पूछो.
मैंने पूछा- कॉलेज में आपका कोई ब्वॉयफ्रेंड था?
मामी बोलीं- पहले तुम बताओ?
मैंने कहा- जी हां एक जीएफ थी.
इस तरह से मैंने मामी को अपने साथ बिंदास बात करने के लिए खोल लिया. उनकी कुछ समय पहले वाली हिचकिचाहट भी खत्म हो गई थी. अब मामी मेरे साथ फ्री होकर बात करने लगी थीं.
कुछ देर की खुली बातचीत के बाद मामी बोलीं- हां मेरा भी एक ब्वॉयफ्रेंड था.
मैंने कहा- वाओ मामी … कभी उसके साथ एंजाय किया या नहीं?
मामी बोलीं- हां किया है.
मैं मामी के करीब बैठ गया और मैंने उनसे पूछा- वाह … मुझे भी तो बताओ कैसे मजे किए.
मामी हंसते हुए बोलीं- वो सब क्यों बताऊं?
मैं मामी को बड़े प्यार से देख रहा था और मैं उनसे ‘प्लीज़ बताओ न …’ कहते हुए जिद करने लगा.
मामी मुझसे बोलीं- किसी को बताओगे तो नहीं?
मैं बोला- अरे रेशमा जी, अब हम दोनों दोस्त हैं यार … बोलो न.
‘अच्छा रेशमा जी!’
प्यार को तरसी मामी को दिया अपने लंड का सहारा – Mami ki Chudai
‘क्यों बुरा लगा आपको?’
‘नहीं मुझे बहुत अच्छा लगा.’
‘तो फिर आगे बताओ न.’
तब मामी बोलीं- हां ठीक है … सुनाती हूँ.
फिर मामी मुझे अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने लगीं. उस वक्त मैं उनके बाजू में ही बैठा था. मैंने उनका हाथ मेरे हाथ में था.
जो चुदाई की कहानी मामी मुझे सुना रही थीं, वो काफी हॉट थी. मैंने उनसे उनकी इस कहानी में सब कुछ बिंदास बताने को कहा, तो वो भी खुलती चली गईं. उन्होंने चुदाई के बारे में मुझे काफी विस्तार से बताया. उनकी कहानी में मम्मों की चुसाई, लंड चुसाई आदि सब शामिल थी. बस वो लंड चूत न कह कर अंग्रेजी में बूब्स और लॉलीपॉप सकिंग फकिंग जैसे शब्द यूज कर रही थीं.
तभी मैंने देखा कि मामी की आंखों में वासना की खुमारी सी दिख रही थी. मैं रेशमा मामी को किस करने लगा. वो मुझे मना करने लगीं, पर मैं नहीं माना और उन्हें किस करते हुए उनके मम्मों को भी दबाने लगा.
उसी समय मामी के घर का लैंड लाइन वाला फोन बजा तो मामी मुझसे बोलीं- एक मिनट रुको यार … मुझे फोन तो सुन लेने दो. प्लीज़ थोड़ा वेट करो.
मामी फोन सुनने लगीं. मैं उनसे चिपक कर ही खड़ा हो गया था.
फोन पर उधर से आवाज़ आई- हैलो रेशमा डियर.
मामी बोली- जी आप कौन?
मैं फोन के रिसीवर पर हाथ रख कर धीरे से उनके कान में बोला- रेशमा डार्लिंग आप बिंदास बात करो, मुझे भी सुनना है कि कौन है?
तब मामी बोलीं- हैलो आप कौन?
उधर से कोई बोला- मैं मोहित हूँ जी … आपकी सहेली का पति.
तब मामी बोलीं- जी अच्छा … समझ गई … हां बोलें कैसे याद किया?
उस तरफ से आवाज आई कि बस यूं ही आपकी सहेली मनीषा आपको याद कर रही थी. मैं समझ गया कि वो आदमी मामी से डबल मीनिंग वाले शब्दों में बात कर रहा था.
मामी बोलीं- जी ठीक है … मैं कल आती हूँ.
मामी ने फोन कट कर दिया.
मैं बोला- मामी आप तो पटाखा हो.
वो बोलीं- कैसे?
मैं बोला- आपकी सहेली का पति भी आप पर लट्टू है.
मामी हंस कर बोलीं- जी हां वो तो है … वो भी चांस मारना चाहता है.
मैं बोला- ठीक है रेशमा डार्लिंग … आज मुझे भी एक चांस दे दो.
मैं मामी को बांहों में लेकर किस करने लगा. मामी कसमसाते हुए मुझसे न छूटने जैसे छूटने की कोशिश करने लगी थीं.
अब तक मामा के आने का टाइम भी हो गया था. मैं बोला- मामी अभी तो मैं जाता हूँ … किसी और दिन आपको चोद कर पूरा मजा लूँगा.
मामी बोलीं कि थोड़ा रुको न … अपने मामा से मिल कर जाना. वो भी 10-15 मिनट में आने वाले ही होंगे.
कुछ देर बाद मामा आ गए, मैं उनसे मिला और हालचाल पूछ कर अपने घर जाने लगा.
तभी मामा ने मुझे रोकते हुए कहा- अरे शकील, कल तुम जॉब से सीधे यहीं आ जाना. कल तुम मेरे घर ही रुक जाना. मैं रात को कुछ काम से बेंगलोर जा रहा हूँ.
मेरी तो मानो लॉटरी निकल पड़ी थी. मैंने बड़ी संजीदगी से कहा- जी मामा जी.
इसके बाद मैं अपने घर आ गया.
मैं रात को सोचने लगा कि कल तो मामी की चुत के दीदार हो ही जाएंगे.
मैं दूसरे दिन जॉब से अपने घर आया और फ्रेश होकर मामा के घर चला गया. मामा बंगलोर जाने की तैयारी में थे. उनकी फ्लाइट 7 बजे की थी.
मैं बोला- मामा जी मैं आपको एयरपोर्ट पर छोड़ देता हूँ.
तब तक मामी भी तैयारी करके बोलीं- जी हां हम तीनों ही चलते हैं. मुझे मेरी सहेली से भी मिलना है.
मामा ने बोला- ठीक है.
हम लोग एक टैक्सी पकड़ कर एयरपोर्ट आ गए. वहां मामा को छोड़कर हम दोनों वापस निकले.
मैंने बोला- मामी आपकी सहेली का घर कहां पर है?
तब मामी बोलीं- यार, मुझे मामी मत बोलो … अब सिर्फ रेशमा बोलो … मैं किसी सहेली के घर पर नहीं जा रही हूँ. तुम्हारे साथ घूमने जा रही हूँ.
मैं बोला- ओके रेशू मेरी जान!
वो हंस दीं.
मैंने उन्हें अपनी बांहों में समेट लिया. हम दोनों गेट वे ऑफ़ इंडिया चले आए. वहां हम दोनों लवर्स के जैसे हाथों में हाथ डाले हुए 8 बजे तक घूमे.
आज रेशमा मामी ने जींस और टॉप पहना हुआ था, जिसमें वो एक मस्त लौंडिया के जैसे दिख रही थीं. उनकी टाईट जींस और चुस्त टॉप से उनकी चुत का फूला हुआ आकार और उठी हुई गांड बड़ी मस्त लग रही थी. ऊपर उनके मम्मे एकदम हॉट दिख रहे थे.
उस शाम हम लोगों ने बाहर ही खाना खाया और घर को 11 बजे तक घर पर पहुंचे.
घर आते ही मैं रेशमा मामी को किस करने लगा.
वो बोलीं- मेरे राजा आराम से … आज रात भर मज़े करने हैं.
वो बेडरूम में चेंज करने चली गईं. मैंने टीवी ऑन करके देखने लगा.
तभी रेशमा मामी वहां आईं. मैं उन्हें देखता ही रह गया. वो एक छोटी से जालीदार फ्रॉक जैसी बेबीडॉल नाइटी में बहुत ही कामुक और हॉट लग रही थीं. मेरी मामी मेरे सामने Indore Escort की तरह सेक्सी रंडी बनकर आयी थी जो मुझे अपनी और आकर्षित कर रही थी. मैं उन्हें बांहों में लेकर किस करने लगा.
वो मुझसे बोलीं- सब यहीं करोगे क्या?
मैं उन्हें अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और उन्हें बिस्तर पर लिटाकर उनके ऊपर चढ़ गया. मैं मामी को किस करते हुए उनके 34 इंच के मम्मों को मसलने लगा. उनकी फ्रॉक जैसी नाइटी की डोरी खोल कर उसे उतारने लगा.
मामी भी मेरी शर्ट उतारने लगीं. मैंने एक झटके में ही मामी की नाइटी को उतार दिया और उनके एक मम्मे पर किस करने लगा. वो मुझे भी किस करने लगीं.
तभी मामी बोलीं- एक मिनट रूको.
मैंने उन्हें छोड़ा तो वो नंगी ही रसोई में चली गईं और मेरे लिए कुछ मिल्क चॉकलेट ले आईं. उन्होंने मुझे पहले पूरा नंगा किया. उसके बाद खुद की पेंटी उतार कर पूरी नंगी हो गईं.
मैं उन्हें अपनी तरफ खींच कर किस करते हुए बोला- साली रेशू … तू बड़ी मस्त आइटम है … माँ की लौड़ी.
मैं मामी को गालियां देने लगा और किस करने लगा.
इसके बाद मैंने उनको लिटा दिया और उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगा कर मामी की चूत को उठा सा दिया. उनकी दोनों टांगों को दूर दूर फैलाते हुए मैं मामी की चुत चाटने लगा. उनकी मादक सिसकारी निकल गई.
करीब 5 मिनट तक रेशमा मामी की चूत चाटी, जिससे वो एकदम से कड़क होने लगीं. मामी मुझसे चुदाई करने के लिए बोलने लगी थीं. चूत चाटने के बाद मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
मैंने अपना 8″ का लंड मामी की चुत पर सैट किया और अन्दर डालने लगा.
पहले ही धक्के में मेरा आधा लंड रेशमा मामी की चुत में घुस गया था. मामी की जोरदार आह निकल गई. उसी वक्त मैंने एक और तेज धक्का दे दिया और ज़ोर ज़ोर से मामी की चुत की चुदाई करने लगा.
वो ‘आहहा … अम्मी … मर गई … आह … कितना मोटा लंड है … उम्म्ह… अहह… हय… याह… … मर ही गई … उहहाहा … ओर ज़ोर से करो … हां..’ करने लगीं.
मैंने मामी को बीस मिनट तक चोदा. फिर मैं बोला- मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है.
वो बोलीं- लंड का जूस मेरी चुत में ही छोड़ दो.
मैंने मामी की चूत में लंड का जूस छोड़ दिया. उसके बाद हम दोनों वैसे ही लेटे रहे. मैं मामी के मम्मों को सहलाने लगा.
तब मामीजान बोलीं- आज मुझे बहुत दिन बाद असली लंड का मजा मिला है. मैं तेरे लंड का स्वाद भी चखना चाहती हूँ.
मैंने पैर फैला दिए और उनको लंड चूसने को कह दिया. मामी बैठ कर मेरा लंड चूसने लगीं.
वाओ … मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था. कुछ ही मिनट में मैं फिर से तैयार हो गया. अब दूसरा राउंड खेले जाने की पूरी तैयारी हो गई थी.
अबकी बार रेशमा मामी मेरे लंड पर बैठ गईं और गांड उछालने लगीं. उनके कंठ से ‘आहह … उम्म … ओह..’ की मादक आवाजें आने लगीं. मैं उनकी कमर पकड़ कर नीचे से धक्का देने लगा.
कुछ टाइम बाद मैंने उन्हें कुतिया के पोज में बनाया और उनके पीछे से चुत में लंड पेल कर चुदाई शुरू कर दी. मामी की चूचियों को पकड़ कर मैंने ताबड़तोड़ धक्के देने शुरू कर दिए थे. मामी की गर्म आहें और कराहें निकल रही थीं.
करीब 20 मिनट मामी की चुदाई के बाद मैं मामी की चूत में ही झड़ गया.
उसके बाद हम दोनों चिपक कर पड़े रहे.
फिर मैं बोला- जान एक बात पूछूँ?
वो बोलीं- जी हां पूछो …
मैं पूछा- कॉलेज में जब आप स्टूडेंट थीं, तब आपने कितने लंड लिए थे?
रेशमा बोलीं- दो के लंड लिए हैं.
मैंने पूछा- क्या दोनों के एक साथ लिए थे?
वो बोलीं- नहीं यार … एक पहले ब्वॉयफ्रेंड बना कर उसने अपने घर पर मुझे पेला था और उसके बाद कॉलेज में ही छत के ऊपर एक साल उससे मजे लिए थे. उसके बाद दूसरा ब्वॉयफ्रेंड पटाया था. उसके साथ कॉलेज के पास ही एक जंगल में जाकर चुदाई करवाई थी. उधर एकदम सुनसान रहता था, कोई नहीं आता था.
मैं बोला- और जो कल दोपहर में आया था वो?
मामी बोलीं- वो मेरे सहेली मनीषा के पति का दोस्त है अमित.
मैं बोला- ओके तो अमित यहां क्यों आया था?
रेशमा मामी बोलीं- वो भी मेरी चुत मारना चाहता था. वो मनीषा के पति के सामने मुझे चोदना चाहता था. मेरी फ्रेंड मनीषा भी चाहती है कि कुछ नया किया जाए.
मैं बोला- ओके क्या आप मुझे मनीषा से मिला सकती हो. बल्कि उन तीनों से ही मिलवा दो. मैं ग्रुप सेक्स की बात करना चाहता हूँ.
इस पर मामी मान गईं.
उस रात मैंने एक बार मामी की चुत और चोदी और हम दोनों चुदाई के बाद साथ में वॉशरूम में जाकर नंगे ही साथ में नहाये.
मैं मामी को देख कर बोला- रेशमा, मुझे तेरी गांड मारनी है.
वो मेरे गले में हाथ डाल कर बोलीं- तुम आज से मेरे पति हो … तुम जो चाहो कर सकते हो, पर आज नहीं ओके.
हम दोनों नहा कर वैसे ही नंगे सो गए. दूसरे दिन मुझे जॉब पर भी जाना था, इसलिए मैंने भी जिद नहीं की.
दोस्तो, मेरी फेमिली चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके बताना. मेरी चुदाई की कहानी का इन्तजार कीजिएगा.