Xxx Chachi ki Chudai कहानी में पढ़ें कि शादी के बाद चाची मेरे घर पहली बार आई तो उनकी मोती चूचियां देखकर मेरा लंड गर्म हो गया. मैंने कैसे चोदा चाची को?
हैलो, मैं राज … फ्री सेक्स कहानी पर बहुत दिन से हिंदी चुदाई कहानी पढ़ रहा हूं.
आज मुझे लगा कि अपने साथ हुई एक बहुत ही मज़ेदार सेक्स कहानी को लिखूं.
मैं आपको बता दूँ कि ये मेरी पहली सेक्स कहानी है तो कोई गलती होना लाजिमी है तो माफ़ कर दीजिएगा.
ये Xxx Chachi ki Chudai कहानी आज से 3 साल पहले की है.
मैं अपने एक फ्रेंड के साथ एक सेमिनार में गया हुआ था.
मेरी मम्मी का फोन आया कि दिल्ली वाले चाचा और चाची घर आ रही हैं, तो तू जल्दी घर आ जाना.
मैंने मम्मी से कहा- हां ठीक है मम्मी, आ जाऊंगा.
ये बोलकर मैंने फोन रख दिया.
थोड़ी ही देर बाद मैं घर पहुंच गया.
चाचा चाची पहले ही घर पहुंच गए थे.
मैंने उनको नमस्ते की और चाचा से बात करने लगा.
चाचा की शादी थोड़े दिन पहले ही हुई थी.
मेरी हिम्मत चाची से बात करने की नहीं हो रही थी पर मेरी नजर बार बार उनके बूब्स पर जा रही थी.
चाची के मम्मे बहुत बड़े बड़े थे और उनके ब्लाउज का गला काफी खुला था, तो उनके मम्मे और भी ज्यादा कामुक लग रहे थे.
थोड़ी ही देर बाद चाची ने मुझसे कहा- राज तुम तो कुछ बोल ही नहीं रहे.
मैंने कहा- अरे चाची ऐसी बात नहीं है, बस ऐसे ही मैं थोड़ा झिझक रहा हूं.
चाची बोलीं- मुझसे झिझक कैसी राज?
चाचा ने कहा- इसने तुमसे कभी बात नहीं की न … शायद इसलिए!
इस पर सब हंसने लगे.
कुछ ही देर में मैं चाची से भी बात करने लगा.
थोड़ी देर बाद चाची ने कहा- जरा मेरा फोन देखना, क्या बात हो गई है, इसमें नेट नहीं चल रहा है.
मैंने फोन देखा तो उनके फ़ोन की रोमिंग बंद थी. उसकी वजह से नेट नहीं चल रहा था.
वो ऑन करते ही नेट चल गया.
मैंने चैक करने के लिए क्रोम खोला, तो चाची ने झट से मेरे हाथ से फोन ले लिया लेकिन मैंने उतनी देर में देख लिया था कि उसमें पोर्न साइट खुली हुई थी.
फिर थोड़ी देर में सबने खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे.
चाचा और चाची मेरे ही बेड पर सोने वाले थे.
थोड़ी देर बाद चाची ने मुझे फिर से आवाज दी और कहा- राज, जरा इधर आओ, मुझे फोन में कुछ सीखना है.
मैं उनके पास जाकर बेड पर बैठ गया और जो जो उन्होंने पूछा, सब बता दिया.
बीच बीच में मैं चाची के बूब्स को भी घूर रहा था.
इस बात को शायद चाची ने भांप लिया था.
काफी देर हो गई थी.
चाचा भी सो गए थे तो मैं भी वहीं सो गया था.
चाची मेरे बगल में ही सो रही थीं. पर हमारा कम्बल अलग अलग था. चाची के सोने के थोड़ी देर बाद मैं भी सोने लगा.
पर बीच बीच में मैं चाची को चोदने के बारे में सोच रहा था जिससे लंड कड़क हो रहा था.
पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.
रात को करीब एक बजे चाची ने करवट ली और उन्होंने अपना मुँह मेरी तरफ कर लिया.
वो मेरे और पास को भी आ गई थीं.
मैंने देखा कि उनके बूब्स ब्लाउज से कुछ बाहर को निकल रहे हैं.
मैं बहुत देर तक उनके मम्मों को देखता रहा.
चाची के बदन से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी.
वो कहते हैं ना, जो किस्मत में हो, वो मिलता ही है.
ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ.
थोड़ी देर बाद चाची ने फिर से करवट ली और इस बार वो मेरे बहुत पास आ गई थीं.
मैंने इस बार मन बना लिया और चाची के ब्लाउज पर अपना हाथ रख दिया.
मुझे बहुत डर लग रहा था क्योंकि चाचा उसी कमरे में थे.
मैंने थोड़ी हिम्मत बढ़ाई और ब्लाउज के ऊपर से उनके मम्मों को हल्का हल्का दबाना शुरू कर दिया.
मुझे डर भी लग रहा था और बहुत मज़ा भी आ रहा था क्योंकि चाची के बूब्स बहुत बड़े और सॉफ्ट थे.
मैंने धीरे धीरे अपना हाथ ब्लाउज के अन्दर डालने की कोशिश की तो चाची जाग गईं और उन्होंने मेरे हाथ को हटा दिया.
मैं चुपचाप वैसे ही लेटा रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से हिम्मत की और फिर से ब्लाउज के ऊपर हाथ रख दिया.
इस बार चाची ने कुछ नहीं कहा, वो सो सी गई थीं शायद, या उन्हें भी मजा आने लगा था.
मैंने अपना मुँह चाची के ब्लाउज के ऊपर दबा दिया.
चूंकि चाची मेरे बहुत पास थीं और उनके दूध बिल्कुल मेरे मुँह के पास ही थे.
मैंने ब्लाउज के ऊपर से अपने मुँह को दबाना शुरू कर दिया और चाची के बूब्स को ऊपर से ही किस करने लगा.
तब शायद चाची को पता चल गया था तो भी उन्होंने कुछ नहीं बोला.
वो आंख बंद करके लेटी रहीं.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने अपने हाथ से उनके ब्लाउज में से एक बूब को बाहर निकाल लिया.
आह क्या दूध था यार … एकदम मलाई. मन तो कर रहा था कि उसको अभी खा जाऊं!
लेकिन अपने आप पर संयम रखा और दूध को चाटने व चूसने लगा.
चाची को भी मज़ा आ रहा था, पर वो बता नहीं रही थीं.
वो मुझे ऐसा दिखा रही थीं, जैसे वो गहरी नींद में सो रही हैं और कुछ नहीं जानती हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है.
पर अब मैं सब समझ गया था कि चाची चुदने के लिए मरी जा रही हैं.
थोड़ी देर बाद मैंने चाची की कमर पर हाथ फेरा और चाची के ही कम्बल में आ गया.
मैंने चाची के ऊपर एक पैर रख लिया था और उनके बूब्स को दबा रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने चाची की साड़ी ऊपर कर दी और उनकी जांघ तक साड़ी को ले आया.
मैंने उनकी नंगी जांघ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.
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अब चाची को मज़ा आने लगा तो उन्होंने अपने दोनो पैरों को कसके दबा लिया.
फिर मैंने चाची की साड़ी को और ऊपर किया तो देखा चाची ने पैंटी नहीं पहनी है.
मेरे तो मजे हो गए थे.
मैंने उनकी चूत पर अपनी उंगली लगाई. चाची की चूत गीली हो चुकी थी.
मैंने थोड़ा आगे बढ़ कर चाची की चूत को हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया.
अब चाची बहुत मज़े लेती हुई मेरे सीने से चिपक गईं और उन्होंने अपनी आंख भी खोल ली थी.
मुझसे चाची की आंखें टकराईं तो वो हल्के से मुस्कुरा दीं.
हम दोनों अब एक दूसरे का पूरा साथ दे रहे थे.
चाची को बहुत मज़ा आ रहा था. वो अपनी चूत को ऊपर नीचे कर रही थीं.
मेरे ज्यादा तेजी से चूत को रगड़ने से चाची की हल्की आवाज में कामुक सिसकारियां निकल रही थीं ‘आह … आह …’
मैंने चाची के मुँह पर हाथ रखा और धीरे से कहा- चाची चुप रहो, चाचा जाग जाएंगे.
इसके बाद उन्होंने आवाज नहीं निकाली और मैं चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करता रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने चाची का ब्लाउज खोल दिया और ब्रा को नीचे करके उनके दोनों मम्मों को बाहर निकाल लिया.
उनके बूब्स बाहर आ गए थे और मैंने उनकी एक चूची को चूसना शुरू कर दिया.
उन्होंने मेरा पूरा मुँह अपने मम्मों में दबा दिया.
मुझे ऐसे और ज्यादा जोश आ गया तो मैंने उनके एक दूध के निप्पल को काटना शुरू कर दिया.
चाची को लग रही थी तो उन्होंने इशारे से बताया.
मैं रुक गया.
अब मुझे किसी बात का डर नहीं था.
मैं चाची के ऊपर चढ़ गया और कम्बल को ऊपर तक ओढ़ कर उनके दोनों मम्मों को चूसता रहा.
कुछ देर बाद मैं नीचे आ गया और चाची की टांगों को फैला कर मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
चाची की चूत बहुत नमकीन थी और उसमें से खट्टा स्वाद भी आ रहा था.
इससे चाची पागल हो गई थीं; वो अपनी चूत को ऊपर नीचे कर रही थीं और मेरा सिर अपनी जांघों से जकड़ लिया था.
मैं सांस भी नहीं ले पा रहा था, पर चूत को चाटते वक्त मुझे कुछ होश नहीं था.
मैंने चाटने के बाद चूत में उंगली डाली.
मेरी पूरी उंगली गीली हो चुकी थी और चूत अन्दर से बहुत गर्म हो रही थी.
ऐसा करते करते सुबह के 4.30 बज गए और चाचा की आंख खुल गई.
मैं अपने कम्बल में चुपचाप आकर सो गया.
सुबह होते ही मैंने देखा चाची अभी तक सो रही हैं.
मैं उठा और थोड़ी देर में नहा-धो कर रेडी हो गया. फिर नाश्ता वगैरह किया.
अब मैं चाची से नज़रें मिलाने में कुछ सकपका रहा था पर चाची मुझसे बिल्कुल घुल-मिल गई थीं.
ऐसे ही शाम हो गई.
मैं चाची के पास ही बैठा था.
उस वक्त चाचा अपने किसी दोस्त से मिलने गए थे तो वो रात को थोड़ा देरी से आने वाले थे.
मुझे ये जानकर बहुत अच्छा लगा क्योंकि आज चाची की चूत में लंड डालने का बहुत अच्छा मौका था.
रात हुई.
हम सब खाना खाकर अपने अपने रूम में आ गए.
चाची मेरे ही रूम में सोने वाली थीं.
मैंने जल्दी सोने की एक्टिंग की.
चाची भी सो गईं.
थोड़ी देर बाद मैंने वही करना शुरू कर दिया जो कल किया था.
चाची समझ गईं और वो करवट लेने के बहाने थोड़ा पास आ गईं.
मैंने सबसे पहले चाची की चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू की.
चाची को सेक्स चढ़ गया था, उन्होंने अपनी चूत खोल दी थी और मेरे सर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया था.
मैं समझ गया कि चाची को चूत चटवाने का मन है. मैं नीचे आया और उनकी चूत चाटना शुरू कर दिया.
चाची बहुत मज़े से अपनी चूत को ऊपर नीचे कर रही थीं और मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थीं.
कुछ देर बाद मैं ऊपर आ गया और चाची के पास लेट गया.
मैंने अपना लंड बाहर निकालकर चाची के हाथ में दे दिया.
चाची ने लंड पकड़ कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मैं जन्नत में हूं.
कुछ देर बाद मैं फिर से नीचे आया और चाची की जांघों को फैला कर चुदाई की पोजीशन में आ गया.
मैंने चाची की चूत के ऊपर अपना लंड रखा और अन्दर पेल दिया.
चाची ‘अह आह आह आह …’ कर रही थीं.
मुझे उनकी कामुक आवाज से और ज्यादा ऊर्जा मिल रही थी.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
चाची की टाइट चूत पनिया गई और ‘फच फच …’ की आवाज़ करने लगी.
चूत बहुत गीली हो गई थी.
मैंने चाची को करीब 20 मिनट तक ऐसे ही चोदा.
चाची कुछ बोल नहीं रही थीं बस आह आह की आवाज निकाल रही थीं.
फिर थोड़ी देर में मेरा पानी छूटने को हो गया. मैंने लंड को चूत के ऊपर निकालकर सारा पानी निकाल दिया.
झड़ने के बाद मैंने चाची को कपड़ा दे दिया.
उन्होंने मेरे लंड का माल साफ कर लिया.
अब हम दोनों बात करने लगे.
चाची ने बताया- तेरे चाचा के लंड में दम नहीं है.
उन्होंने ये भी बताया कि वो शादी से पहले कई बार चुद चुकी हैं और उन्हें अपनी चूत की चुदाई कराने में बड़ा मजा आता है.
यदि चाचा ने उन्हें सही से नहीं चोदा, तो वो जल्द ही कोई नया चोदू ढूँढ़ लेंगी.
इसके थोड़ी देर में चाचा आ गए, वो दारू के नशे में टुन्न होकर आए थे.
वो आकर सो गए और हम दोनों भी सो गए.
कुछ देर बाद चाची मेरे लंड पर मुँह लगा कर लंड चूसने लगीं और लंड खड़ा होते ही वो लंड पर चढ़ गईं और चुदाई करवाने लगीं.
उस रात चाची ने मेरे लंड से तीन बार खेला.
अगले दिन चाचा और चाची वापिस चले गए फिर मेरी चाची से कभी मुलाकात नहीं हुई क्योंकि अब चाचा का तलाक हो चुका है.
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