इस सेक्स कहानी में मेरे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी ने मेरे कुंवारे लंड से अपनी चूत चुदवा कर मुझे चोदना सिखाया था और मैंने पहली चुदाई की थी.
दोस्तो, कैसे हैं आप सब!
उम्मीद करता हूँ सब खड़ा करके मुठ मार रहे होंगे और मेरी महिला मित्र लोग चूत में उंगली डाल रही होंगी.
यह मेरी प्रथम सेक्स कहानी है, गलती हो तो प्लीज क्षमा कर दें.
ये सेक्स कहानी 2019 के सितंबर की है.
मेरा नाम सोनू है. मैं अल्लाहाबाद का रहने वाला हूँ.
मेरी हाईट 6 फीट है और मेरे लंड का साइज़ भी 6 इंच है.
मैं थोड़ा सा गेहुँआ रंग का हूँ और भाभियों को बहुत जल्दी आकर्षित कर लेता हूँ.
पड़ोस की एक बिहारी भाभी ने मेरे लंड का उद्घाटन किया था और मुझे लड़के से मर्द बनाया था.
उन्होंने अपनी ढलती जवानी को मेरे लंड से सुख की आपूर्ति की थी.
मोना भाभी मेरे पड़ोस में रहती हैं.
मैं एक सुपर बाजार में काम करता हूँ तो उनको कुछ न कुछ लेने आना ही पड़ता था.
जहाँ मैं काम करता हूँ, वहां भाभी अक्सर सामान के लिए आया करती थीं.
मैं बिल बनाता तो किसी न किसी बहाने से वे मुझे छुआ करती थीं.
मुझे अच्छा भी लगता था और डर भी लगता था क्योंकि मेरा बॉस थोड़ा खडूस किस्म का था.
भाभी को मुझसे अपना काम निकलवाना होता था तो मुझे डर लगा रहता था कि कहीं बॉस ने देख लिया तो डाँट पड़नी तय थी.
इसलिए मैं उन भाभी से ज्यादा बात नहीं करता था.
पर मन करता था कि सिर्फ उनसे ही बात करूं.
अब भाभी का मेरी शॉप में आना लगा रहता था.
वे हफ्ते में एक बार तो आ ही जाती थीं.
मैं दिन में 3 बजे लंच के लिए घर जाता था.
एक बार की बात है, उस दिन वे उसी वक्त शॉप में महीने का सामान लेने आई थीं.
भाभी अपनी स्कूटी से आयी थीं.
सामान ज्यादा होने के कारण मुझे उनके घर सामान छोड़ने जाना पड़ा.
क्योंकि ऐसा मेरे बॉस ने ही बोला था कि सामान छोड़ने उनके घर चले जाओ.
मैं भाभी के पीछे पीछे चला गया.
उनका घर हमारी शॉप से थोड़ी ही दूर था तो मुझे वहां पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगा.
भाभी का फ्लैट चौथी मंजिल पर था.
लिफ्ट में सामान रख कर मैं और भाभी लिफ्ट में चढ़ गए.
वहां भाभी ने मुझसे मेरा नाम पूछा.
तब मैंने उनको अपना नाम बताया.
उन्होंने मेरा हाल चाल पूछा- कहां रहते हो?
यह सब चल ही रहा था कि तब तक उनकी मंजिल में हम दोनों पहुंच चुके थे.
मैंने उनका सामान उठाया और घर के अन्दर ले गया.
उन्होंने मुझे हाल में सोफे पर बैठने को कहा.
वह अन्दर किचन में गयी और मेरे लिए एक गिलास पानी ले आईं.
मैंने पानी पिया और उनसे कहा- अब चलता हूँ, मुझे लंच के लिए जाना है. यदि देर हो गई तो बॉस डांटेंगे.
उन्होंने मुझे अपने घर में ही लंच का ऑफर किया.
मैं वहां से मना करके उठने लगा.
तब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- पहली बार आये हो, कुछ खाकर ही जाओ.
मैंने उनसे कहा- अगली बार कभी जब आपके घर आना हुआ, तो जरूर खा लूँगा. भाभी जी अभी इजाजत दीजिए.
यह बोल कर मैं जाने को हुआ तो उन्होंने मेरा नंबर मांग लिया.
मैंने भी उनको अपना नंबर दे दिया और वहां से जल्दी अपने घर लंच करके वापस शॉप आ गया.
उस रात मुझे एक अंजान नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज आया.
मैसेज गुड नाइट का था और अच्छा सा संदेश था.
मैंने प्रोफाइल देखी, तो यह वही भाभी जी थीं.
मैंने भी गुड नाइट विश कर दिया.
अब मैसेज का सिलसिला चल पड़ा था.
कभी वह, तो कभी मैं मैसेज कर दिया करता था.
कभी मजाक वाले मैसेज … तो कभी शुभ संदेश वाले!
एक बार मेरे फोन से डबल मीनिंग वाला मैसेज चला गया.
यह उनको भी अच्छा लगा.
ये उन्होंने बाद में बताया.
पहले तो वह नाराज होने का नाटक कर रही थीं, डांट रही थीं.
मेरी फटी पड़ी थी. मैं सॉरी बोल रहा था.
तभी अचानक से उन्होंने मुझे आंख मारने वाली इमोजी भेजी.
तब मैं थोड़ा रिलेक्स हुआ.
अब तो अक्सर डबल मीनिंग वाले मैसेज भाभी की तरफ से आने लगे.
धीरे धीरे हमारी अच्छी दोस्ती हो गयी.
वे भी अब खुल का बात करती थीं. भाभी अपनी सब परेशानी मुझे बताती थीं.
एक दिन की हम दोनों के बीच मैसेज से कुछ बातचीत हुई.
मोना भाभी- सोनू, तुम्हारी कोई जीएफ है?
मैं- नहीं भाभी, काम से समय ही नहीं मिलता. मैं कहां लड़की पटा पाऊंगा?
मोना भाभी- झूठ मत बोलो. तुम इतने स्मार्ट हो, पर्सनैलिटी भी अच्छी है … कोई तो जरूर होगी!
मैं- नहीं भाभी, सच कह रहा हूँ. आपसे क्यों छुपाने लगा. अब तो मेरी आपसे दोस्ती हो गयी है.
मोना भाभी- दोस्त मानते तो तुम मुझे भाभी नहीं बोलते!
मैं- तो भाभी जी, आपको भाभी बोलने की शुरू से ही आदत है. आप ही बता दो कि आपको क्या बोलना है?
मोना भाभी- मेरा नाम ले सकते हो. उम्र में बड़ी हूँ तो क्या हुआ. वैसे भी हमारी दोस्ती तो हो गयी है न!
मैं- ओके भाभी … सारी मोना जी!
मोना भाभी- बताओ न, जीएफ तो होगी तुम्हारी?
मैं- नहीं है मोना जी … सच में!
मोना भाभी- तो कोई पसंद होगी तुमको?
मैं- आप ही पसंद हैं, तभी तो आपसे बात करता हूँ. आपसे बात करके मुझे अपनापन महसूस होता है.
मोना भाभी- अच्छा जी, तो मैं पसंद हूँ तुमको?
मैं- जी भाभी!
मोना भाभी- मुझमें क्या अच्छा लगा जो शादीशुदा लड़की पसंद आ गयी तुमको?
मैं- आपसे बात करके, आपकी आदत सी लग गयी है मुझे. कब आपसे लगाव हो गया … पता ही नहीं चला.
मोना भाभी- अच्छा जी, बड़े छुपेरुस्तम हो तुम तो!
मैं- आपको बुरा लगा तो सॉरी भाभी.
मोना भाभी- फिर से भाभी … मुझे भी तुम अच्छे लगे, पर जब तुमसे भाभी सुनती हूँ न … तो फीलिंग्स ही बदल देते हो तुम!
मैं- तो आपको भी मैं पसंद हूँ क्या?
मोना भाभी- हां आई लाइक यू!
मैंने भी आई लाइक यू टू लिखा.
हमारी चैट रात दो बजे तक चली.
दोस्त की सुहागरात पर मैंने उसकी बीवी की चूत का घूंघट खोला – Biwi ki Chudai
अगला दिन रविवार का था तो मुझे कोई चिंता नहीं थी और सच बोलूँ तो समय का पता ही नहीं चला.
उस रात उन्होंने मुझे बाहर अकेले में कहीं घूमने चलते हैं बोला, मैं भी राजी हो गया.
हम दोनों ने एक कैफे में मिलना उचित समझा.
रात में ही हमने सब तय कर लिया था कि किस कैफे में मिलना है.
अगले दिन तय समय पर मैं वहां पहुंच गया.
मेरे आने के दस मिनट बाद भाभी भी आ गईं.
मैंने और भाभी ने आखिरी वाली टेबल चुनी और उधर जाकर बैठ कर बात करने लगे.
भाभी ने हुक्का ऑर्डर किया और स्नेक्क आर्डर किया.
मैं आपको भाभी के हुस्न के बारे में तो बताना ही भूल गया.
गोरे रंग की भाभी … एकदम नशीली आंखों वाली शै थीं.
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि बिहारी लड़कियों की आंखें कितनी सुंदर होती हैं.
भाभी ने आज फिटेड चूड़ीदार सलवार सूट पहना हुआ था, जिसमें भाभी कयामत लग रही थीं.
भाभी का फिगर 34-30-36 का है, तो वे इस फिट सूट में एकदम कयामत लग रही थीं.
हम दोनों तय जगह पर मिले.
हम दोनों ने नाश्ता किया और हुक्का पिया. उस दिन भाभी ने मुझे अपने यार के जैसे ट्रीट किया.
मुझे भी उनसे बात करके काफी अच्छा लगा.
अब हमारा महीने में एक बार ऐसे ही मिलना होने लगा.
धीरे-धीरे हम दोनों बहुत करीब आने लगे.
एक दिन मैं और भाभी इंदौर से दूर घूमने गए. उस दिन मैं भाभी की कार में उनके साथ गया था.
वहां तालाब के किनारे गाड़ी खड़ी करके हम दोनों बात करने लगे.
भाभी ने मेरा हाथ पकड़ रखा था.
ठंडी हवा चल रही थी.
अचानक से भाभी ने मेरे होंठों पर किस कर दिया.
मैं कुछ देर के लिए चकित हो गया.
मैं एकदम सन्न की स्थिति में था.
भाभी ने पूछा- क्या हुआ, अच्छा नहीं लगा क्या?
मैंने जवाब में आगे बढ़ कर उनको भी किस कर दिया.
भाभी ने मुझे जकड़ लिया और हम दोनों अगले 5 मिनट तक किस करते रहे.
तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूची दबवा दी.
मुझे अच्छा लगा, पर डर भी लग रहा था कि कोई देख न ले.
क्योंकि हम दोनों यह सब खुले में कर रहे थे.
मैंने अपना हाथ उनके दूध से हटा दिया और घर चलने को कहा.
लेकिन भाभी ने मना कर दिया.
कुछ दूरी पर एक होटल था.
भाभी ने वहां चलने को कहा.
मोना- यहीं पास में एक होटल है, हम दोनों वहां चलते हैं.
मैं- होटल में क्यों मोना!
मोना- बैठेंगे … और वह सब भी करेंगे.
मैं- वह सब क्या भाभी!
मैं जानबूझ कर भी अनजान बन रहा था.
मोना- किस के आगे क्या होता है, तुम्हें नहीं पता क्या?
मैं- नहीं मोना, मुझे नहीं पता आज पहली किस किया तो काफी अच्छा लगा.
मोना- तो चलो, आगे का सब वहीं करना. मैं तुमको जैसा बोलूँगी, तुम वैसा ही करना. हम दोनों को और अच्छा लगेगा.
चूंकि मैंने ब्लू फिल्म देखी थी तो मुझे जानकारी थी कि आगे क्या होने वाला है.
आज मैं पूरा मर्द बनने वाला था.
हम दोनों ने होटल में जाकर एक रूम बुक किया और कमरे में जाते ही भाभी ने मुझे फिर से किस करना चालू कर दिया.
इस बार मैं भी खुल कर उनका साथ दे रहा था.
हम दोनों ने दरवाजे पर ही ये सब करना शुरू कर दिया.
फिर जल्दी से दरवाजा बंद करके हम दोनों बिस्तर में आ गए.
उधर हम दोनों जौंक की तरह लिपट कर किस करने लगे.
हमारी चुम्मियाँ चलती रहीं.
इस बीच हम दोनों के सारे कपड़े उतर चुके थे.
भाभी ब्रा पैंटी में रह गई थीं और मैं चड्डी में!
तब भाभी ने चड्डी में हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया.
सच में पहली बार किसी महिला ने लंड पकड़ा था तो मजा आ गया.
उन्होंने मेरी चड्डी उतार दी और लंड के साथ खेलने लगीं.
फिर अचानक से भाभी ने लंड को मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
सच में क्या आनन्द आ रहा था … मैं आपको शब्दों में बयान नहीं कर सकता.
मैं भाभी के मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबा रहा था.
फिर मैंने उनकी ब्रा उतारी और भाभी के 36 साइज के बूब्स दबाने लगा.
मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो चुका था कि मुझसे रुका ही न गया और मैं पाँच मिनट में ही झड़ गया.
चूंकि ये मेरा पहला अनुभव था, इसलिए मैं जल्दी स्खलित हो गया था.
मैंने अपने लंड का सारा माल भाभी के मुँह में ही टपका दिया था.
ध्यान आते ही मैंने भाभी से सॉरी बोला, उन्होंने कुछ नहीं कहा, वे सारा माल गटक गईं.
उन्होंने अपना मुँह साफ किया और मुझसे बोलीं- कोई बात नहीं, पहली बार में होता है.
फिर मुझे उन्होंने अपने दूध पिलाए.
बारी बारी से मैं उनके दोनों दूध दबा रहा था और पी रहा था.
फ़िर मैंने अपना एक हाथ अपना उनकी पैंटी में डाला.
उनकी चूत से पानी निकल रहा था.
मैंने उनके शरीर से पैंटी उतार कर अलग कर दी और उनकी चूत को हाथ से सहलाने लगा.
भाभी सेक्सी आवाजें निकाल रही थीं.
वे मेरा सर पकड़ कर चूत की तरफ ले गयी और मुझे चूत चाटने को कहा. वो मेरे साथ एक Allahabad Escort की तरह ही रोमांस कर रही थी.
यह मेरा पहली बार था तो मैं लग गया. मुझे भाभी की चूत का स्वाद अच्छा लग रहा था.
भाभी अपनी आंखें बंद किए हुई चूत चटवाने का मजा ले रही थीं.
वे बोले जा रही थीं- आह सोनू … बहुत दिनों से इस मुनिया को किसी ने छुआ ही नहीं … खा जा बहुत मजा आ रहा है … चाटते रहो आह चूसते रहो … आह पहली बार चूत चुसाई में इतना मजा आ रहा है आह … सी चाट खा … जा इसको … बहुत खुजली है इसमें … चाट जा.
भाभी की चूत चाटते हुए मुझे 5 मिनट हो गए थे.
उनकी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया था. मैं उनकी चुत की मलाई को चाटता जा रहा था.
मुझे चुत रस का स्वाद बड़ा नमकीन सा लगा.
भाभी ने मेरा सर अपनी चूत में दबा दिया ताकि मैं वहां से हिल ही न सकूं.
कुछ सेकेंड में भाभी ने पूरा पानी निकाल दिया था और मुझे अपने ऊपर खींच कर किस करने लगीं.
वे अपनी चूत का पानी मेरे होंठों के जरिए खुद चखने लगी थीं.
अब भाभी कुछ देर के लिए निढाल हो गयी थीं और वे पड़ी पड़ी मेरे लंड को सहलाने लगीं.
यह सब करते हुए हम दोनों को 30 मिनट हो चुके थे.
समय का पता ही नहीं चल रहा था.
मेरे लंड महाराज ने फिर से खड़ा होना चालू कर दिया.
भाभी ने तुरंत खड़े लंड को मुँह में लिया और उसे कड़क करके सहलाती हुई बोलीं- अब लंड को चूत में डाल दो. इसमें ज्यादा मजा आएगा.
मैं ठहरा अनाड़ी.
भाभी की चूत में लंड रख कर धक्का मारा.
मेरे धक्के से लंड फिसल गया.
ऐसा 2-3 बार हुआ.
फिर भाभी ने लंड को पकड़ा और सही जगह में सैट करके बोलीं- सोनू अब लगा धक्का!
जैसे ही मैंने धक्का लगाया, मेरा टोपा अन्दर जा घुसा.
ऐसे ही 2-3 धक्के लगाने के बाद मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया.
यह पहली बार था.
ऐसा सुख मुझे कभी नहीं मिल सका था. ऐसा लग रहा था कि किसी भट्टी में लंड चला गया है, पर उसका आनन्द ही अलग था.
मोना भाभी ने कहा- अब धक्के लगाना शुरू करो जान … ऐसा सुख मिलेगा जो आज तक नहीं मिला होगा तुझे!
मैं धकापेल धक्के लगाता गया.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
मोना ने कुछ देर बाद मुझे अपने ऊपर से उठाया और वे अब मेरे ऊपर आकर बैठ गईं.
लंड चूत में सैट करके वे ऊपर नीचे होने लगीं.
हम दोनों को ही बड़ा मजा आ रहा था.
कमरे में फच् फच् की आवाजें गूंज रही थीं.
कुछ ही देर बाद मोना की चूत ने और मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.
मेरे लंड का पानी उनकी चूत में अन्दर समा गया.
हॉट बिहारी सेक्स में ऐसा सुख, ऐसा आनन्द मुझे आज तक नहीं मिल सका था, जैसा भाभी ने मुझे दिया.
मैंने उनको किस किया और भाभी ने वादा किया कि अगली बार कहीं घूमने नहीं, चुदाई करने सीधा होटल जाएंगे. दूसरी बार में और अच्छे से सेक्स एंजॉय करेंगे.
अगली बार उन्होंने कहा कि वे मेरे लिए सेक्स वाली गोली भी लाएंगी ताकि हम दोनों लंबी चुदाई का आनन्द ले सकें.
भाभी ने यह भी कहा कि अगर उस चुदाई में मैंने उन्हें अच्छे से चोदा तो वे अपनी सहेली को भी मुझसे चुदवाएंगी.
अगर मैंने उनकी सहेली को भी अच्छे से संतुष्ट किया तो उससे पैसे भी दिलवाएंगी.
अब यहां से शुरू होगी मेरे प्ले बॉय बनने की सेक्स कहानी.
मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, आप लोग मुझे मेल करके बता सकते हैं.
जल्द ही मैं आगे की सेक्स कहानी आप लोगों के साथ शेयर करूँगा.
भूल चूक माफ करना और लड़कियों अपनी चूत साफ रखना. क्या पता कल आप में कोई मुझे अपनी चूत का स्वाद चखा सके.
इस हॉट बिहारी सेक्स कहानी पर आप लोगों के मेल का इंतज़ार रहेगा.