Desi Bur Chudai कहानी में परदे वाली एक सेक्सी लड़की की शादी एक गांडू आदमी से हो गयी. उसने उसे एक बार भी नहीं चोदा. वह अपनी कुंवारी चूत लेकर उससे अलग हो गयी.
हाय दोस्तो, मैं यास्मीन खुराना हूँ।
मैं इस वेबसाइट पर हमेशा कहानी पढ़ा करती हूँ।
तो मैंने सोचा कि मैं भी क्यूं ना कहानी लिखूँ।
इसलिए आज लिख रही हूँ।
मैं पहली बार Desi Bur Chudai कहानी लिखने जा रही हूँ।
कुछ गलती हो तो माफ़ करना।
यह एक सच्ची कहानी है, कोई काल्पनिक या झूठी नहीं।
सभी घटनायें सत्य पर आधारित हैं।
तो चलिए ज़्यादा समय ना लेते हुए कहानी पर आती हूँ।
मैं, यास्मीन खुराना एक विधर्मी औरत हूँ।
अब आप बोलेंगे खुराना होकर विधर्मी कैसे?
तो दोस्तो, खुराना विधर्मी भी होते हैं।
मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ इकबाल से करवा दी गयी थी।
इकबाल का बड़ा गैरेज़ था।
शुरुआत में तो सब ठीक था।
लेकिन शादी के कुछ महीनो बाद मुझे पता चला कि इकबाल को औरतों में दिलचस्पी नहीं बल्कि मर्दों में है।
वह गे है।
उसने अपनी इज़्ज़त और खानदानी प्रतिष्ठा बचाने के लिए मुझसे शादी कर ली।
हम मिडिल क्लास के लोग हैं तो मेरे शौहर का पैसा देखकर मेरी शादी करा दी गयी थी।
लेकिन जब मुझे इकबाल के बारे में पता चला तब मैंने ठान ली कि अब मैं इकबाल साथ नहीं रह सकती हूँ।
फिर मैं इकबाल से बोली- मुझे तलाक दे दो।
लेकिन इकबाल तलाक देने से मना कर दिया।
साथ ही उसने मेरे घर मतलब मेरे मायके पर झूठ बोला कि मेरा कहीं चक्कर चल रहा है और इसी सब के चलते मैं तलाक मांग रही हूँ।
उसने बताया कि वह मुझे तलाक़ नहीं देने वाला है।
अब मेरे घर वाले भी मुझे खड़ी-खोटी सुनाने लगे।
लेकिन मैं भी तो एक औरत हूँ।
मेरे में भी हवस की आग थी।
फिर मैं एक वकील त्रिपाठी जी से मिली।
तब त्रिपाठी जी बोले- यास्मीन, तुम एक काम करो।
मैं एक एनजीओ वाली आरती जी का नंबर देता हूँ, तुम उनसे मिलो।
आरती जी से संपर्क कर के मैं उनसे मिलने चली गई और पूरी बात बताई।
आरती जी बोलीं- टेंशन की कोई बात नहीं है।
उन्होंने वकील त्रिपाठी जी से फ़ोन पर बात की ओर बोली- कोर्ट में केस दर्ज करें, बाक़ी सब मैं देख लूंगी।
अब इकबाल पर दबाव आया।
कोर्ट के आगे उससे झुकना पड़ा और मेरा तलाक हो गया।
लेकिन मेरे घर वालों ने मुझे घर से निकाल दिया।
मेरे घर वालों को लगता था कि मैं ग़लत हूँ इसलिए मैंने तलाक लिया है।
अब फिर से मैं आरती जी के पास गयी और बोली- आप एक बार फिर से मेरी मदद कीजिए।
मेरे लायक कोई काम हो तो बताइए।
आपके तो इतने संपर्क होगे कहीं भी कोई जॉब या कोई काम …!
तब आरती जी मेरी बात को काटते हुए बोली- अरे यास्मीन तू चिंता मत कर!
मैं कुछ देखती हूँ।
कोई काम होगा तो ज़रूर बताऊंगी।
मैंने बोला- मेरे पास रहने को भी कोई जगह नहीं है।
तब वह बोली- तुम मेरे घर पर रह सकती हो जब तक कोई काम न मिल जाए।
फिर मैं बोली- आरती जी, आपका बहुत शुक्रिया!
आप इतना कुछ मेरे लिए कर रही हैं।
तब आरती जी बोली- यास्मीन, अब यह तो मेरा काम है।
तुम जैसी औरतों की मदद करना!
अब मैं आरती जी के घर पर रहने लगी।
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लगभग एक सप्ताह बाद आरती जी बोली- यास्मीन एक काम है।
बेदी जी है, जो नेता चौधरी के भाई है।
उन्हें उनके ऑफिस के देख रेख के लिए औरत की ज़रूरत है।
पगार और खाना पीना साथ में रहने के लिए रूम भी देंगे।
आगे उन्होंने कहा- मैंने उनसे तेरे लिए बात की है।
तू एक बार उनकी ऑफिस जा कर मिल ले।
मैं बेदी जी के ऑफिस गयी लेकिन वे नहीं थे।
फिर किसी ने फ़ोन किया और मुझे एक पता दिया गया और कहा गया बेदी जी ने इस पते पर बुलाया है।
मैं उस पते पर गयी।
वह एक फार्म हाउस था।
मैं अंदर गयी।
वहां कोई 40 या 42 साल का मर्द था।
वह बोला- आजा यास्मीन, तेरा ही इन्तज़ार था।
मैं बोली- जी मैं वह जॉब, आरती जी …!
तब बेदी हंसने लगा और बोला- जॉब?
साली आरती लड़कियाँ देती है, आज उसने तुझे भेजा है।
उन्होंने कहा- आ जा मेरी गोद में रानी!
यह कह कर उन्होंने मुझे बाँहों में ले लिया और बोले- तू मस्त माल है।
उन्होंने मेरी ओढ़नी हटा दिया।
फिर मेरी कुर्ती के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने शुरु कर दिये और मुझे किसिंग करने लगे।
कुछ 10 से 15 मिनट चूमा चाटी की।
फिर उन्होंने मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरी ब्रा-पैण्टी भी उतार दिया।
वे मुझे बोले- चल लण्ड चूस!
मैं भी चूसने लगी।
वे मेरा सर पकड़-पकड़ कर पूरा अपना लंड अंदर मेरे मुंह में पेल रहे थे।
मुझे उल्टी जैसा लग रहा था।
लेकिन मैं कर भी क्या सकती थी।
मैं भी चुपचाप चूसने लगी।
लगभग 10 मिनट तक उन्होंने मेरे मुंह की चुदाई की और मेरे मुंह में सारा वीर्य भर दिया।
वे बोले- क्या मस्त है तू साली!
उन्होंने मेरी गांड पर थप्पड़ भी लगा दिया।
फिर वे बोले- चल अपनी ब्रा से मेरा लंड साफ़ कर!
मैंने उनका लण्ड साफ़ किया।
फिर से उनका खड़ा हो गया तो वे बोले- चल सीधी लेट जा!
मैं लेट गयी।
वे घुटने के बल बैठ गये, मेरी टांगें खोल कर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मैं चीख पड़ी क्योंकि उनका लंड बहुत बड़ा था।
यह मेरी पहली चुदाई थी … वह भी इतना बड़ा।
मेरी चूत की चुदाई शुरू हो गयी.
जब भी लंड अंदर जाता, मेरी बच्चेदानी को ठोकर मारता।
पूरे रूम में सिर्फ़ और सिर्फ़ गपागप गप… की आवाज़ गूंज रही थी।
बेदी जी मेरे बूब्स को भी दबाये जा रहे थे।
फिर बेदी ने मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया।
अब मैं भी झड़ गयी थी।
उन्होंने फिर से मेरे मुंह में लंड दिया।
उनका लंड फिर से खड़ा हुआ तो उन्होंने मुझे डॉगी बना दिया।
मैंने उन्हें मना किया लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी।
वे बोले- भोसड़ी की … तेरे नखरे देखने के लिए नहीं बुलाया है तुझे!
और मेरी गांड में पूरा लंड डाल दिया।
वे बोले- ले साली ले!
और मेरी गांड ठोकने लगे।
लगभग 15 मिनट तक उन्होंने मेरी गांड मारी और लंड का सारा पानी मेरी गांड में पेल दिया।
ऐसे ही उन्होंने मेरे साथ 3 राउंड किया।
मुझमें उठने की ज़रा-सी भी हिम्मत नहीं थी।
उसके बाद बेदी ने कपड़े पहने और मेरे मुंह पर पैसे फेंके।
उन्होंने आरती जी को फ़ोन किया और कहा- ले जा अपना माल!
आरती जी आयी और मुझे ले गयी।
फिर मैंने आरती जी को एक थप्पड़ लगाया और बोली- साली, तू यह काम करती है?
तुझे शर्म नहीं आयी।
तब आरती जी बोलीं- साली, तेरा पति नामर्द था।
रहती ना उसके साथ!
तेरे अपने घर वालों ने तुझे छोड़ दिया।
लेकिन यह पैसा देख … अब तू ही देख ले आगे क्या करना है।
मना करेगी तो मैं जबरदस्ती नहीं करूंगी।
मैंने वो पैसे ले लिए, फिर वह चली गयी।
तो दोस्तो, यह थी मेरी अपनी सच्ची कहानी।
आप लोगों को कैसी लगी यह देसी चूत की चुदाई कहानी?
मुझे ज़रूर बताए!
धन्यवाद!