रमीज़ ने माँ की चूत पे लंड रखा करीब 7 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा था उसका लंड, माँ की चूत एक दम गीली थी।
ये है अबतक की सबसे सेक्सी, अश्लील, गन्दी, चुदाई से भड़ी मुस्लिम आंटी की चुदाई कहानी। इस कहानी को पढ़ते पढ़ते पक्का मुठ मार दोंगे। तो प्लीज, प्लीज, प्लीज इस कहानी को पूरा पड़ना ऐसी कहानी नहीं पढ़ी होगी आजतक!
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है अंकुर, जैसा कि मैंने आपको पिछली स्टोरी में बताया था कि मैंने आंटी की गैर मर्द से चुदाई देखी थी!
उस स्टोरी के बाद मुझे बहुत सारे ईमेल आए जिसमें उन्होंने मुझे उस औरत का नाम पूछा जिसका जिक्र मैंने मेरी पुरानी Muslim Sex Stories में!
किया था! आप सबके ईमेल पाकर मैं बहुत ज्यादा खुश हूं कि आप लोगों को मेरी स्टोरी पसंद आई!
मैं माफी चाहूंगा कि इतने समय तक मैंने स्टोरी पब्लिक नहीं की, लेकिन अब मैं आ गया हूं मेरी एक नई स्टोरी के साथ! यह कहानी
पिछली वाली स्टोरी का ही अगला पार्ट है, तो जिन लोगों ने वह स्टोरी नहीं पड़ी है वह पहले जा कर मेरी पिछली स्टोरी पढ़ ले!
खैर अब ज्यादा समय नष्ट ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूं, मैं आंटी को अब हर रोज फॉलो करता था और आंटी ऑलमोस्ट हर दिन अपने यार से अपनी चूत मरवाने जाती थी
मैंने एक हिडन स्पॉट ढूंढ लिया था जहां से बैठकर मैं उन लोगों की चुदाई देखता था और उनकी बातें सुनता था,
लेकिन उस औरत का जिक्र उस दिन के बाद से कभी भी नहीं हुआ, मैं हर दिन आंटी और उस लड़के की रिकॉर्डिंग सुनता था लेकिन उसमें मुझे कोई भी सुराग नहीं मिला!
खैर मेरा ध्यान तो उस चीज पर था भी नहीं क्योंकि मुझे Aunty Ki Chudai देखने को मिल जाती थी उसी से मेरा काम चल जाता था, माना कि अब मेरी नजर आंटी के प्रति बदल गई थी पहले तो मैं उनको बहुत शरीफ समझता था लेकिन अब मैं उन्हें बहाने से छूने की कोशिश करता था!
खैर ऐसे ही काफी दिन बीत गए और अब मेरे घर वालों के घर वापसी का टाइम भी हो गया था! अब क्योंकि मेरे घर वाले वापस आ गए थे तो मुझे वापस अपने घर जाना पड़ रहा था!
लेकिन अब मुझे मेरा फेवरेट पास टाइम मिल गया था मैं दोपहर के वक्त मैं अपने घर से निकल जाता था आंटी घर के बाहर उनका वेट करता था, ऐसे ही एक दिन मुझे जब मैं आंटी घर के बाहर वेट कर रहा था तब मैंने एक बहुत ही अजीब सी घटना देखी!
मैंने देखा कि आंटी और एक औरत उनके बिल्डिंग से निकले और दोनों एक रिक्शा में बैठे और जाने लगे, उस वक्त तो मुझे लगा कि वह और शायद उनकी कोई दोस्त होगी क्योंकि उसने अपना मुंह दुपट्टे से ढका हुआ था, और उस औरत ने पीले कलर का सूट पहन रखा था!
जैसा कि मैंने आपको पीछे स्टोरी में भी बताया था कि आंटी घर के सामने ढाबे वाला था मैं वहीं पर खड़े होकर कोल्ड ड्रिंक पी रहा था और यह सब देख रहा था उतने में उसे ढाबे वाले ने दोबारा से बोला कि देखो यही है उसके साथ वाली रंडी!
दुकान वाला बोला ‘यह जब भी औरत आती है अपना मुंह ढक कर यह आती है और जब यहां से जाती है तब भी मुंह ढक कर ही जाती है|
अब मैंने जल्दी से उस दुकान वाले को पैसे दिए क्योंकि अब तो यह कंफर्म हो गया था कि वह आंटी जरूर कोई दूसरे काम करने के लिए वहां पर आई है! मैंने उनका पीछा चालू किया!
वैसे तो मुझे पता ही था कि वह लोग कहां जाने वाले हैं, तो मैं थोड़ी देर बाद जब उस जगह पर गया वहां पर मैं फिर से अपने फेवरेट स्पॉट पर चला गया!
वहा जब मैंने अंदर का नजारा देखा तो एकदम गजब का नजारा हो रखा था आसिफ वहां पर नंगा बैठा हुआ था और वहां पर दो औरतें नाच रही थी!
अब सुजाता आंटी की हाइट तो ज्यादा लंबी नहीं थी तो मैं आंटी को पहचान गया क्योंकि उनका बदन काफी ज्यादा गोरा था तो दूसरी वाली औरत था उसका बदन बहुत ज्यादा गोरा तो नहीं था लेकिन वह थोड़ी लंबी थी!
अब आसिफ ने बोला ‘कि अरे तुम दोनों आपस में ही लगे रहोगे कि मुझे भी आकर कुछ दोगे’, उसने दूसरी वाली औरत की तरफ इशारा करते हुए बोला ‘कहा थी मेरी जनेमन्न इतने दिन से, गांव में तुम्हारा सब कैसा रहा, कितने लंड खाए तुमने?
गांव का नाम सुनकर तो में सकते में आ गया अब मैं बहुत उत्सुकताव्स उस औरत की तरफ देख रहा था और मेरा पूरा ध्यान अब उस औरत के रिप्लाई पर केंद्रित था मुझे कुछ शक हो रहा था! और जैसे ही उस औरत ने रिप्लाई में बोला ‘अजी कहां कुछ भी नहीं हुआ सब लोग वहीं पर थे।
कुछ भी नहीं हो पाया’; उस औरत की आवाज सुनकर पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ मैं अपने कानों को झुठला देना चाहता था, लेकिन मैं हंड्रेड परसेंट शोर नहीं था; उसके बाद भी आसिफ ने बोला अरे लेकिन वह तुम्हारे चाचा का लड़का है ना सूरज उसे तुमने कराया ही होगा!
अब जब मैंने सूरज का नाम सुना तब तो मैं हंड्रेड परसेंट शोर हो गया कि यह औरत कोई और नहीं बल्कि मेरी खुद की मां सुहासिनी है! फिर भी मैं खुद पर यकीन करने को तैयार नहीं था मुझे यह यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरी सात्विक मां किसी गैर मर्द से चुदाई सकती है!
उसके बाद मेरी मां ने रिप्लाई में आसिफ को बोला कि ‘हां उससे थोड़ा बहुत हो गया लेकिन वह भी आजकल बिजी रहता है ज्यादा चुदाई नहीं कर पाया!’ अब मैंने वहां से अपनी आंख और कान दोनों हटा लिए और मैं गहरी शोक् में चला गया!
मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरी मां जो गैर मर्द से भी चुदवा रही है प्लस मेरे कजन ब्रदर सूरज से भी चुदवा चुकी है!: सूरज जो शायद मुझ से 3 या 4 साल ही बड़ा होगा उससे मेरी मां चुदवा चुकी है!
मुझे मां पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था, मैं मन ही मन सोच रहा था कि कोई औरत इतनी ज्यादा प्यासी कैसे हो सकती है कि अपने बेटे के उम्र के लड़के से ही सेक्स कर ले! फिर अब मेरे मन में वह सारे दृश्य भी घूमने लगे जो बचपन में मैंने सूरज और माँ के साथ देखे थे,
लेकिन मैंने क्योंकि उस वक्त बचपन लड़कपन में था मैंने उन सब चीजों पर कभी ध्यान नहीं दिया लेकिन अब वह सारी चीजें मेरी आंखों के सामने घूमने लगी थी!