नमस्कार दोस्तो, मैं जिया पटेल! आज फिर से अपनी सेक्स कहानी फ्री लेस्बियन सेक्स लेकर हाजिर हूँ. बात लॉक डाउन के पहले की है, जब मैं और मेरी सहेली हैदराबाद घूमने गए थे. वो अक्टूबर का महीना था. जैसा कि आपको पता है कि मैं एक लेस्बियन हूँ, तो मैं अपनी खास सहेली सलोनी के साथ गई थी.
मैं अपने साथ में लेस्बियन सेक्स की जरूरत की सभी चीजें लेकर गई थी जैसे डिल्डो वगैरह.
इस बार मैंने अपने साथ चूत को रगड़ने वाला वाईब्रेटर भी रख लिया था.
जैसे ही हम हैदराबाद पहुंचे, तो नजदीक में ही हमने रिसॉर्ट में अपनी बुकिंग करवा ली थी.
हम दोनों काफी थके हुए थे क्योंकि पुणे से हैदराबाद तक कार से यात्रा पूरी की थी.
काफी थकान होने के कारण मैं कमरे में जाते ही बेड पर गिरी और सो गई.
मेरे बगल में सलोनी भी सो गई थी.
जबकि आये तो थे हम मजे करने तो सलोनी कहां सोने वाली थी.
जैसे ही उसने मुझे सोता देखा कि मैं आसमान की तरफ चेहरा करके आंख बंद करके सोई हूँ.
उसने हल्के से मेरी नाभि को किस किया.
मैंने एक जैकेट पहनी हुई थी और उसके अन्दर उतना नीचे आने वाला टॉप पहना था, जितने में बूब्स ढक जाएं.
इसी वजह से उस टॉप में से उसे मेरी नाभि दिख रही थी.
जैसे ही सलोनी ने मेरी नाभि को किस किया, मैंने उसे मना किया- रहने दे यार … अभी थकान काफी है. जरा आराम कर लेने दे, फिर मजा करते हैं.
मगर वह मुझे गुदगुदाने लगी और कहने लगी- एक बार रगड़ लेने दे मेरी जान, फिर थकान के बाद मस्त नींद आएगी.
वह मेरी बात नहीं मानने के मूड में थी और बार बार मुझे छेड़ रही थी.
कभी वह मेरी नाभि को चूमती, तो कभी मेरी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही मसल देती.
उसकी इस चुहलबाजी से मेरा भी मूड बन गया और मैंने झटके से उसे अपनी ओर खींच लिया.
वह जब तक कुछ समझ पाती, तब तक तो मैं उसके ऊपर आ गई.
वह हंसने और खिलखिलाने लगी और मेरे दूध दबाने लगी.
उसे मेरे चुचे दबाने में बहुत मजा आता था.
और उसे क्या … आपको भी मेरे दूध दबाने में मजा आएगा … बस कभी हवेली पर बुलाओ, तो जिंदगी बना दूँगी.
तो सलोनी मेरी चूचियां मसल रही थी और मैं उसकी!
वह हँसती हुई कसमसाने लगी मगर मैंने उसे दबोच लिया और उसके होंठों से होंठ लगा कर चुम्बन करने लगी.
अब उसको समझ में आ गया कि मैं अगर शुरू हो गई तो रुकने वाली नहीं हूँ.
उसने मुझसे छूटने की कोशिश करते हुए कहा- अरे यार, अभी रुको तो … अभी तो आए हैं! कुछ बियर शियर हो जाने दे फिर मजा करती हैं.
पर मैं कहां रुकने वाली थी. मूड तो चुदाई का लेकर ही आए थे, ऊपर से सलोनी ने आग लगा दी थी.
एक बार जो मैंने उसके साथ अपना कार्यक्रम शुरू किया तो रुकने का सवाल ही नहीं था.
मैंने अपनी जैकेट को निकाल कर एक ओर फेंका और एक झटके में अपना टॉप निकाल दिया.
मैं ब्रा और जीन्स में ही उसके ऊपर चढ़ गई.
मैंने सलोनी का टॉप निकाल कर फेंक दिया और झटके से उसकी ब्रा को उतार दिया.
उसके दोनों दूध खुली हवा में फुदकने लगे.
मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ी और उसके दोनों निप्पलों को बारी बारी से जोर जोर से चूसने लगी.
वह छटपटाने लगी.
आखिरकार उसकी चूत में भी चींटियां रेंगने लगीं.
मैंने उसके एक निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचा, तो वह आह करती हुई मुझे अपने दूध पर दबाने लगी.
अब वह खुद अपने हाथ से अपने एक दूध को मेरे मुँह में देकर चुसवा रही थी.
और जैसे ही मैं उसके निप्पल को अपने होंठों में दबा लेती, वैसे ही वह अपने दूध को अपनी तरफ खींचती.
जिससे यह होता कि उसका निप्पल खिंच कर उसके समूचे स्तन का खिंचना एक बड़ा ही मस्त नजारा पेश कर रहे थे.
उसके मुँह से एक मादक सिसकारी निकलती, जो मुझे बेहद दिलकश लग रही थी.
मैं भी उसके निप्पल को अपने होंठों के साथ साथ अपने दांतों से हल्के से मींज देती.
इस सब में उसकी आंखें मेरी आंखों से मिली हुई थीं, तो एक नशा सा छाता जा रहा था.
इसी तरह से मैंने सलोनी की दोनों चूचियों को बेहद कामुक तरीके से चूसा.
वह एकदम गर्मा गई थी हम दोनों एक दूसरे के साथ किसी Hyderabad Call Girls की तरह लेस्बियन सेक्स कर रही थी. उसकी हरकतें बता रही थीं कि अब उसकी चूत लंड मांग रही है.
लेस्बियन सेक्स में लंड के नाम पर रबर का मोटा लंड होता है जो आजकल कई तरह के आने लगे हैं.
उनमें बाइब्रेशन भी होती है, जो चूत या गांड में जाकर बाइब्रेट करके लंड लेने वाली को मजा की अधिकता देती है.
सलोनी अपने मुँह से अब लंड लंड कहने लगी थी.
मैंने भी उसके साथ एक बार भी रहम नहीं किया, जल्द से जल्द उसे चुदाई के लिए नंगी करना शुरू कर दिया.
मैंने एक ही झटके में उसकी इलास्टिक वाली पैंट खींचकर उतार दी.
अब बस सलोनी के जिस्म पर एक पैंटी ही बची थी, वो भी मैंने दांत से खींच कर निकाल दी.
साली सलोनी पूरी गोरी-चिट्टी 34-28-36 वाली गर्म माल … मेरे सामने नंगी पड़ी थी.
शानदार बेड पर चिकनी और बेहतरीन माल जैसी लौंडिया एकदम सफाचट चूत खोले नंगी पड़ी थी.
सोचो दोस्तो, ऐसा माल आपको चोदने मिल जाए … तो आप क्या करोगे!
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ऊपर से सलोनी एकदम चुदासी थी और अपनी चूचियां मसल मसल कर मुझे भी ललचा रही थी.
वह अपनी चूत में अपनी एक उंगली डालकर अपने मुँह में डाल कर अपनी चूत का रस चाट कर एक कामुक सीन दिखाया.
मैंने भी ज्यादा नहीं सोचा और नंगी हो गई; अपने सारे कपड़े एक झटके में उतार कर फेंक दिए.
उसके बाद मैंने अपना बैग खोला और उसमें से जल्दी से बेल्ट वाला डिल्डो निकाल कर अपनी कमर पर बांध लिया.
कमर पर नकली लंड बांध कर मैं उसके ऊपर चढ़ गई और सलोनी को जोर जोर से किस करने लगी.
सलोनी भी एकदम से चुदासी हुई पड़ी थी और पूरी गर्म हो गई थी.
वह भी मेरा साथ दे रही थी. मेरी कमर पर बंधे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर मुठिया रही थी.
फिर मैं जैसे ही उसके निप्पल जोर से चूसने लगी तो वह कामुक होकर बेकाबू होने लगी.
मैंने उसके दोनों निप्पल दांतों से काट काट कर लाल कर दिए.
मैं सलोनी को चाटती चूमती हुई धीरे धीरे नीचे को सरकने लगी और नाभि पर आ गई.
वह मेरे झुलसते हुए होंठों की तपिश से छटपटाने लगी.
‘आह आह.’ की आवाज गूंजने लगी.
मैंने जैसे ही उसकी नाभि का चुंबन किया तो वह सिहर उठी और मेरे सर को अपनी चूत की तरफ धकेलने लगी.
मैंने भी बिना देर किए उसकी चूत में जीभ डाल दी.
जैसे ही मैंने चूत में जीभ डाली, वह झटके से उठी और मेरे बाल पकड़ कर बोली- साली बस कर … मेरा पानी निकलने वाला है. भैन की लवड़ी साली क्यों सता रही है छिनाल … जल्दी से लौड़े को मेरी चूत में पेल दे कुतिया … आह.
मैंने जैसे ही ये सुना, वैसे ही मैं उठ कर आगे आई और उसे बेड पर पटक दिया.
वह गिरी और मैंने अपना 8 इंच डिल्डो का निशाना चूत पर लगा कर एक ही झटके में आधा अन्दर डाल दिया.
सलोनी चिल्ला पड़ी और कराहती हुई बोली- आह साली कुतिया … ये चूत क्या तेरे बाप ने पैदा की है … जो जैसा मन करे, चोद रही है. मादरचोदी धीरे से नहीं पेल सकती थी क्या?
मुझे उसकी बात पर गुस्सा आ गया और मैंने दूसरे ही झटके में पूरा डिल्डो अन्दर पेल डाला.
उसकी आंखें बड़ी हो गईं और उसकी चीख गले में ही रह गई.
सलोनी कोई पेशेवर रंडी तो थी नहीं कि कितना भी बड़ा लंड अपनी चूत में खा लेती.
वह कराहने लगी और छटपटाती हुई मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
मैं भी उसकी कहां कुछ सुनने वाली थी. मैंने पूरा 8 इंच का लौड़ा बाहर निकाला और फुल स्पीड से अन्दर बाहर झटके मारने लगी.
सलोनी जोर जोर से चिल्ला रही थी और बेड पर छटपटा रही थी.
लगभग 5 मिनट की चुदाई के बाद वह झड़ गई और शांत हो गई.
मैंने भी डिल्डो चूत से निकाल कर कमर से निकाला और सलोनी को गले से लगा कर सो गई.
थकान के कारण मेरी आंख कब लगी, कुछ पता ही नहीं चला.
मुझे सोती देख सलोनी उठी और उसने मेरे हाथों को ऊपर की ओर कसके बांध दिया.
उसके बाद सलोनी से डिल्डो अपनी कमर पर बांधा और मेरी टांगों को चौड़ा कर दिया.
अब तक मुझे सोये हुए बीस मिनट हो गए थे.
इतनी देर में मेरी नींद काफी गहरी लग गई थी.
मैं पूरी तरह से बेसुध हो चुकी थी.
फिर सलोनी ने बिना मुझे जगाये, बिना कुछ बोले डिल्डो मेरी चूत में सैट करके एक ऐसा जोर का झटका मारते हुए मेरी चूत में पेल दिया कि लगभग 5 इंच लंड अन्दर एक ही झटके में घुसता चला गया.
जरा सोचो दोस्तो, सोती हुई स्त्री को जब होश नहीं रहता, उस वक्त ऐसा कुछ हो जाए, तो क्या होगा.
जब आठ इंच का मोटा डंडा मेरी चूत में घुसा, तो मेरे ऐसे होश उड़ गए, जैसे चूत में भूकंप आ गया हो.
मुझे इतना ज्यादा दर्द हुआ कि बस मैं झेल ही ना पाई.
सलोनी ने पूरा डिल्डो पेल कर मुझे दबोच लिया था तो मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी.
मुझे उस पर इतना ज्यादा गुस्सा आ गया था कि बस लग रहा था कि जैसे ही मौका मिले और मैं उसे मार ही डालूँ.
पर क्या करती, मेरे हाथ बंधे थे. मैंने उसे इतनी गालियां दीं कि वह हैरान हो गई.
शायद ही कोई गाली बची होगी जो मेरे मुँह से ना निकली हो.
इस पर उसे भी खूब गुस्सा आया और उसने भी मुझे खूब गाली दीं.
सलोनी- मादरचोदी … जब तूने मेरी हार्ड चुदाई की थी, तब नहीं सोचा था कि चूत में दर्द होता है. अब भैन की लौड़ी गाली दे रही है कुतिया. अभी रुक साली … तेरी चूत के बाद तेरी गांड में भी ये डिल्डो जाएगा तब तुझे समझ आएगा कि तेरा मुझसे पाला पड़ा है.
ये सब उसने कहा- मुझे समझ में आया कि अब उसकी बारी है और ये मानने वाली नहीं है.
दोस्तो, उसने भी मेरे साथ पूरा बदला लिया. वह मेरे से भी ज्यादा जोर के झटके दे रही थी.
मैं बहुत जोर से चिल्ला रही थी पर उसने एक ना सुनी.
लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गई और उसने भी चुदाई बंद कर दी.
उसके बाद उसने मेरे हाथों को खोला और मेरे से लिपट गई.
उसने मेरे अन्दर इतनी भी शक्ति नहीं छोड़ी थी कि मैं उसको थप्पड़ लगा सकूँ.
पर कुछ भी हो, मेरे से भी हार्ड चुदाई मेरी सहेली करती है, ये देख कर मुझे बड़ा अच्छा लगा.
अभी हैदराबाद में हमारा ये शुरुआत वाला मजा था. अभी हम दोनों का बहुत लंबा प्लान था. जिसमें हम दोनों केवल लेस्बियन सेक्स तक ही रुकने वाली नहीं थी.
बड़े बड़े विदेशी लौड़े भी हैदराबाद में हमें मिलने वाले थे, जिनके साथ हम दोनों खूब मस्ती करने वाले थे.