कामवाली का भैया से बन गया उसका सैंया – Naukrani ki Chudai

Naukrani ki Chudai

हेल्लो दोस्तों, मैं सूरी मेहरा आप सभी का इस वेबसाइट में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ।
मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ। कुछ दिनों पहले मेरे घर में एक नई कामवाली आई थी, नाम था रीना। हमारी पिछली वाली कामवाली बहुत सारा पैसा और जेवर लेकर नौ दो ग्यारह हो गयी थी। इसलिए इस बार हम किसी तरह का रिस्क लेना नही चाहते थे। मेरे पापा ने मुझसे कहा की मैं रीना का पुलिस रिकॉर्ड चेक करवा लूँ। मैं थाने गया और रीना का पुलिस रिकॉर्ड चेक करवाया। वो क्लीन थी, उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नही था। पापा उसे 4 हजार रूपए महीना की पगार दे रहे थे। रीना हम लोग के घर काम करने लगी। वो अभी कुवारी थी और उम्र कोई 20 साल की होगी।
पतली दुबली अच्छे खासे सेक्सी बदन की वो थी। पहले ही दिन से वो मुझे अच्छी लगने लगी थी और मेरा बहुत जादा दिल उसे चोदने का था। धीरे धीरे मैंने उससे जान पहचान बनाना शुरू कर दी। सुबह वो 8 बजे हमारे घर आ जाती थी, अपने दुपट्टे को गले से निकालकर अपनी कमर पर बाँध लेती थी, नल की टोटी खोलकर वो पानी का बड़ा सा टब पहले भरती थी, फिर सारे बर्तन मांजती थी, फिर वाशिंग मशीन से सारे कपड़े धोती थी। उसे मैं छुपी हुई नजरो से देखता रहता था। मैं उम्र में रीना से कोई 2 साल बड़ा ही हूँगा, पर वो शरीफ लड़की थी।
“जादा भारी बाल्टी मत उठाया करो…..बदन में मोच आ जाएगी!!” इस तरह बोलकर मैं उसे लाइन देता था, पर रीना कोई जवान नही देती थी। बस हाँ और ना में ही जवाब दिया करती थी। मैं उसके जिस्म को उपर से नीचे तक घूर घूर के देखा करता था। दिल करता था की अभी इसे पकड़कर अपने कमरे में लाकर इसका बलात्कार कर दूँ, बहुत होगा तो जेल हो जाएगी। इस तरह के रंगीन ख्वाब मेरे दिमाग में हमेशा आते रहते थे। घर के सारे कपड़े धोते धोते उसका सलवार सूट भीग जाता था और बड़े बड़े रसीले 34” के दूध मुझे साफ़ दिख जाते थे। ओह्ह्ह्ह ..गॉड मैं उन मस्त मस्त दूध को मुंह लगाकर पीना चाहता था।
“रीना, कभी कुछ पैसो का काम पड़े तो मुझसे मांग लेना!!” मैं कहता था और उसे पैसे का लालच देता था, मैंने उसे मार्केट से नये कपड़े दिलवाने की कोशिश भी की थी, पर उसने साफ़ साफ़ मना कर दिया था।

Naukrani ki Chudai-4

“भैया जी….ये सब अच्छा नही लगता!!” रीना बोली थी और उसने साफ़ साफ़ मना कर दिया था
मैं उम्मीद छोड़ दी थी की कभी वो मुझसे पटेगी। क्यूंकि वो मेरी कोई लाइन नही लेती थी।
एक दिन मैं घर पर था और पढ़ रहा था, अचानक रीना का छोटा भाई आया, उसने हांफते हाँफते बताया की उसकी माँ घर में दरवाजा बंद करके फ़ासी लगाने जा रही है। ये सुनते ही मैं और रीना जल्दी उसके घर भागे। उसकी माँ का उसके बाप से रात को कोई झगड़ा हुआ था, इसलिए वो फ़ासी लगाने जा रही थी। रीना की माँ ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था, सारा मोहल्ला जमा हो गया था। उसकी माँ आज बिलकुल पगला गयी थी और बार बार कह रही थी की आज वो जरुर मर जाएगी। दरवाजा भी इतना मजबूत था की टूटने का नाम नही ले रहा था। रीना ये सब बवाल देखकर रोने लगी और मुझसे बार बार कहने लगी “भैया जी, मेरी माँ को बचा लो….भैया जी..मेरी माँ को बचा लो” वो मुझसे कहने लगी। मुझे भैया बुलाना बहुत चुभ जाता था, मैंने तो उसको चो……..ददददना चाहता हूँ और ये पगली तो मुझसे भैया भैया बुलाती रहती थी। मैं तेजी से काम करने लगा और घर की छत पर चढ़ गया, वहां एक रोशनदान मुझे मिल गया, जो रीना की माँ के कमरे में ही लगा हुआ था। मैंने अपनी शर्ट उताकर अपने सीधे हाथ में गोल गोल लपेट ली और रोशनदान का शीशा तोड़ दिया और अंदर कमरे में कूद गया। रीना की माँ फांसी के फंदे से झूल गयी थी, पर अभी जिन्दा थी, मरी नही थी। उसके हाथ पाँव हिल रहे थे। जिस मेज पर खड़े होकर उसने फांसी लगाई थी, वो वहीँ, पंखे के ठीक नीचे थी। मैं फुर्ती से मेज पर चढ़ गया और मैंने फांसी का फंदा खोल दिया और उसकी माँ को बचा लिया।
उसकी जान किसी तरह बची, मैंने अंदर से दरवाजा खोल। रीना अपनी माँ को जिन्दा देखकर बहुत खुश हुई। अगले दिन जब वो काम पर आई तो बार बार एक ही बात बोल रही थी।
“भैया जी…आपका बहुत बहुत शुक्रिया…कल आपने मेरी माँ को बचा लिया”

“रीना….देख तुझे मैं साफ़ साफ़ बोल रहा हूँ…..कोई घुमा फिराकर नही बोल रहा हूँ। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, इसलिए मैंने कल तुम्हारी माँ को बचाया…इसलिए मुझे तुम भैया मत कहा करो। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ!!” मैंने कह दिया। सुनकर वो झेप गयी, पर अगले दिन से उसने मुझे भैया नही बोला। एक दिन मेरे घर वाले घर पर नही थी, वो सफाई कर रही थी, मैंने रीना को पकड़ लिया और उसके गोरे गोरे गालों को किस करने लगा। वो अंदर ही अंदर मान गयी थी और उसने खुलकर कुछ नही कहा। उसके बाद वो भी मुझे किस करने लगी। इतने दिन से उसे मैं सारा दिन देखा करता था, आज उसको चोदने का मेरा पूरा मूड था। रीना इतनी दुबली और छरहरी थी की मैंने उसे उसकी पीठ और घुटनों के नीचे हाथ डालकर उसे अपनी गोद में उठा लिया। वो लजा गयी और उसकी नजरें नीचे झुक गयी। मैं बहुत खुसी महसूस कर रहा था की आज इस नई नई चिड़िया की चूत मिलने वाली है। मैं अपनी मस्त चुदासी कामवाली को गोद में लेकर खड़ा था, इसी बीच मैंने उसके गाल पर चूम लिया और फिर गोद में उठाकर उसके रसीले होठ पीने लगा।
हम लोगो के बीच में एक गहरी ख़ामोशी थी जो आज ये कह रही थी की रीना आज चुदने वाली है। उसका वजन कोई 55 किलो होगा, मेरे हाथ में दर्द होने लगा तो मैं उसे अपने कमरे में ले गया और अपने लक्जरी बेड पर मैंने उसे पटक लिया। फिर मैं भी उसके पास लेट गया, कामवाली रीना बार बार अपना मुंह छिपा रही थी। वो हंस रही थी, ठीठोली कर रही थी, वो मुस्की का राज ये था की वो जानती थी की हम दोनों के बीच में आज कुछ होने वाला है।
“भैया जी….मुझे शर्म आती है!!” रीना बोली
“अरी जान….आजकल सब लडकियाँ अपने बॉयफ्रेंड्स से कह कहकर चुदवाती है….एक तुम हो की शर्म कर रही हो!” मैंने कहा
बड़ी मुस्किल से मैंने उसका हाथ रीना के चेहरे से छुडाया और फिर अपना चेहरा मैंने उसके चेहरे पर टिका दिया।मेरे मुंह उसके मुंह पर था और मैंने उसके रसीले होठ का स्वाद ले रहा था। मेरी मस्त चुदक्कड़ कामवाली का चेहरा बता रहा था की आज वो किसी को अपने रसीले होठों का चुम्बन पहली बार दे रही है। ये बात मुझे साफ़ साफ उसकी मुस्की से पता चल गयी थी। मैंने बेड पर उसके हाथ फैला दिये और उसकी दोनों कलाई को अपने हाथ से कसकर पकड़ लिया। क्यूंकि बार बार वो अपने हाथ से मुझे धकिया रही थी। उसके बाद जो 15-20 मिनट तक मैंने जी भरकर उसके रसीले होठ चुसे और रीना की सांसो की खुसबू ली। कुछ देर में ही रीना चुदने को तैयार हो गयी। मैंने उसके दूध को छूने लगा और दबाने लगा, उसकी हंसी रुक नही रही थी।
“रीना ……क्या तुम कभी चुदी हो??” मैंने पूछा
“नही….” उसने आँखे बंद करते हुए ही कहा, मुस्की मारते हुए
“क्यों…..” मैंने पूछा
“…..कभी कोई चोदने वाला मिला ही नही भैया जी..” रीना अपनी आँखें बंद करती हुई बोली
“कितनी बार कहा की हम दोनों बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड है…..भैया जी मत कहा करो!” मैंने कहा
“कोई बात नही भैया जी….आप मुझे कसकर चोद लो…मेरी आदत आपको भैया जी ही कहने की हो गयी है…इससे कोई फर्क नही पड़ता है!!” रीना बोली

शोहर के ठंडेपन का नतीजा – Maa Bete ki Chudai

“अच्छा….” मैंने कहा
उसके बाद मैं उसके दूध तेज तेज दबाने लगा। धीरे धीरे मैंने उसका सलवार सूट निकाल दिया। उसने बहुत सस्ती वाली चड्ढी और ब्रा पहन रखी थी, मार्किट में ये 30-40 रूपए की मिलती है। मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और फुल नंगा हो गया। मेरा लंड 7 इंच का था और बहुत मोटा था, रीना की बुर चोदने को मेरा लंड पूरी तरह से तैयार था। रीना से अपनी आँखें खोली ही नही और बंद ही रखी। मैंने उसके मस्त मस्त सफ़ेद और बड़े सुंदर सुडौल दूधो को हाथ में ले लिया और तेज तेज दबाने लगा। रीना बार बार अपने रसीले होठो को अपने दांतों से काट लेती थी, जैसे मैं उसके दूध को किसी ट्रक के हॉर्न की तरह दबाता था। दोस्तों, उस दिन मैंने पूरा मजा ले लिया और अपनी कामवाली रीना के दूध मजे लेकर दबा लिए। फिर मुंह में लेकर मजे सी पिने लगा। रीना “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी” करके चिल्लाने लगी। मैने उसके मम्मे को मुंह में भर लिया और मजा लेकर किसी रसीले मीठे आम की तरह तेज तेज चूसने लगा। आज तो मजा आ गया था दोस्तों। उसके बाद मैं मैंने रीना को बैठा लिया और अपना लेट गया।
“रीना …..आजा मेरा लंड चूस!!” मैंने कहा
“भैया …..हम नही जानते है की कैसे लंड चूसा जाता है!!” मेरी कामवाली रीना बोली
मैंने तुरंत अपना फोन लिया और उसको लंड चूसने वाला एक विडियो दिखाया। फिर वो झुक गयी और उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मेरा 7इंच का लंड बहुत मोटा और बहुत शानदार था। रीना मेरे सुपाड़े को जीभ हिला हिलाकर चाटने लगी और मेरे लंड से खेलने लगी। हालाँकि वो अभी भी शर्मा रही थी, पर मेरी जिद के सामने उसकी एक ना चली। कुछ देर बाद तो उसने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया और मजे से चूसने लगी। अब धीरे धीरे वो चुदाई के सारे नियम अच्छी तरह समझ और जान रही थी। अब मेरी कामवाली बाई Ahmedabad Escort की अपना सिर हिला हिलाकर मेरा लौड़ा चूस रही थी। रीना के होठ की मीठी और नशीली रगड़ से मेरे लंड की एक एक नस फूल गयी थी। अब वो उसकी बुर चोदने को पूरी तरह से तैयार हो गया था।
इसी बीच मैं बेड पर खड़ा हो गया, और मैंने बैठी हुई रीना के मुंह में लंड डाल दिया और उसके सर को मैंने दोनों कान के पास से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी उसका मुंह चोदने लगा। आह्हह्हह्हह्हह….दोस्तों, मैं आपको बता नही सकता की मुझे कितना जादा सुख मिल रहा था अपनी कामवाली रीना का मुंह चोदने में। मैंने कसकर उसके सिर को पकड़ रहा था और जल्दी जल्दी कमर आगे पीछे चलाकर उसका मुंह चोद रहा था। मेरा लंड जब रीना के मुंह में जाता था तो सीधा गले तक पहुच जाता था और नीचे ने मोटा लंड गले में साफ़ साफ उभरता हुआ दिखता था। इसी तरह मैंने 15 मिनट रीना का जब मुंह चोदा तो मेरा कंट्रोल छूट गया और मेरा माल फच्च फच्च उसके मुंह में ही निकल गया। वो मेरा माल बाहर थूकने लगी।
“माँ की लौड़ी…..ये क्या कर रही है…पी जा….पी जा…..इसके थूकते नही है!!” मैंने रीना को समझाया
मेरे दबाव में आकर वो मेरा सारा माल बेमन से पी गयी। मैंने उसे बिस्तर पर वापस लिटा दिया और उसकी चूत पीने लगा। रीना ने अपनी सारी झांटे अच्छे से साफ़ कर ली थी, चूत चिकनी और साफ़ थी। मैं मजे से उसकी चूत पीता रहा, एक एक चूत की फांक को मैं मजे से पी रहा था, फिर मैंने उसकी चूत की पंखुड़ी को खोल दिया और सील बंद चूत को मजे से पीने लगा। रीना की चूत की सील बंद झिल्ली को मैं मजे से पी रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपना मोटा लंड उसकी चूत की सीलबंद झिल्ली पर लगा दिया और जोर का धक्का मारा।

Naukrani ki Chudai-3

रीना की चूत की झिल्ली टूट गयी और मेरा पहलवान लंड अंदर घुस गया, वो “……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा . ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करके चिल्लाने लगी।
मैंने उसकी कलाई कसकर पकड़ रखी थी, मैं अपनी कामवाली रीना को मजे से चोदने लगा। उफ्फ्फफ्फ्फ़…उसकी बुर कितनी कसी थी, मुस्किल से मेरा लंड अंदर बाहर हो पा रहा था। फिर मैं धीरे धीरे रीना को चोदने लगा। धीरे धीरे उसकी चूत रवां हो गयी और मैं तेज तेज उसके भोसड़े में लंड देने लगा। हर लौंडिया की तरह रीना ने भी अपने दोनों पैर किसी बतख की तरह उठा दिए और चुदवाने लगी। उसकी आँखें बंद थी और वो “अई…अई….अई……अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्” की आवाज वो बार बार निकाल रही थी। कुछ देर बाद मैं उसे तेज तेज ठोकने लगा। मेरी कमर अपने आप नाच नाचकर उसकी बुर को मजे से चोद रही थी। रीना बार बार अपनी गांड उठा देती थी। कुछ देर बाद तो मैं उसे और जल्दी जल्दी ठोकने लगा, रीना अपनी गांड हवा में उठाने लगी।
मैं उसकी चूत की मस्त सरवीसिंग कर रहा था, अपने सीधे हाथ से मैं उसकी भरी हुई चूत के दाने को जल्दी जल्दी घिस रहा था और उसे तेज तेज चोद रहा था। बुर के दाने और ओंठो को घिसने से उसे बहुत नशीली उतेज्जन हो रही थी। फिर मैंने अपने दोनों हाथ रीना की चूची पर रख दिया और उसके निपल्स को मजा लेकर मसलने लगा। वो “ओह्ह्ह्ह माँ… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ…” की आवाज बार बार निकाल रही थी। मैंने उसे आधे घंटे से जादा देर तक चोदा और फिर उसकी रसीली चूत में ही माल गिरा दिया।
“भैया जी….आप बहुत मस्त ठुकाई करते है!!” चुदवाकर मेरी कामवाली रीना बोली
अब वो मुझसे पूरी तरह से पट चुकी है और रोज चूत देती है।

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