मम्मी की सहेली को पटाया और अपने घर में चूत का भोसड़ा बनाया – Aunty ki Chudai

Aunty ki Chudai

मैं विकी, अपनी मम्मी की सहेली की चुदाई की कहानी बता रहा हूँ कि कैसे मैंने आंटी की मस्त फ्री मूड से सेक्स किया, Aunty ki Chudai.

मैं करनाल का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 22 साल है.

मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच है.

मेरे घर में 3 मेंबर हैं, मैं, मम्मी और पापा.

मेरे पापा जॉब करते हैं और मम्मी हाउसवाइफ हैं.

मैं स्टडी कर रहा हूँ. मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि किस प्रकार मैंने मम्मी की सहेली को चोदा.

ये बात आज से एक साल पहले की है तब समर वैकेशन चल रही थीं.

मम्मी की वो सहेली हमारे पड़ोस में रहती हैं और उनका हमारे घर में आना जाना लगा रहता है.

उनका नाम नीलम है.

नीलम आंटी की हाईट 5 फुट 6 इंच है.

उनके बड़े बड़े चुचे और बहुत मोटी गांड है.

एक दिन मम्मी को किसी काम से मामा के घर जाना था.

तो मैंने मम्मी से पूछा- आपके बाद हमारा खाना कौन बनाएगा?

मम्मी ने थोड़ी देर सोच कर कहा- मैं तुम्हारी आंटी को बोल देती हूँ कि वो तुम्हारा खाना बना देगी.

मैंने सहमति में सर हिला दिया.

तब मम्मी ने आंटी को फोन किया और कहा- नीलम यार, मुझे विकी के मामा के घर जाना है, तुम विकी और उसके पापा का खाना बना देना.

मुझे 2-3 दिन लग जाएंगे.

उन्होंने कहा- ठीक है, मैं खाना बना दूँगी.. आप चिंता मत करो.

पापा सुबह ड्यूटी पर निकल गए, मम्मी सुबह 10 बजे निकल गईं और मैं अकेला घर पर रह गया था.

लगभग 12 बजे डोरबेल बजी तो मैंने दरवाजा खोला, बाहर आंटी खड़ी थीं.

आज आंटी में कुछ बात ही अलग थी.. मैं तो उन्हें देखता ही रह गया.. क्या गजब की माल लग रही थीं.

उन्होंने ब्लैक कमीज़ और वाइट सलवार डाली हुई थी.

उनका फिगर बहुत मस्त लग रहा था..

नीलम आंटी का रंग वैसे ही बहुत गोरा था.. और उनकी 34 साल की उम्र भी आज धोखा दे रही थी.

मैंने आंटी को नमस्ते की और उन्होंने भी मुस्कुरा कर रिप्लाई दिया.

मैंने आंटी को अन्दर आने के लिए कहा.

वो अन्दर आ गईं. मैंने उनसे कहा- आप सोफे पर बैठिए, मैं आपके लिए पानी ले के आता हूँ.

मैंने आंटी को पानी पिलाया तो उस टाइम उनकी चुन्नी हटी हुई थी और उनके कुरते का डीप गला होने के कारण उनके चुचे साफ़ दिख रहे थे.

मेरी नज़र एकदम उनके चुचों पर पड़ी, मैं तो देखता ही रह गया और मेरा लंड भी खड़ा होने लगा.

तब आंटी ने पानी पिया और कुछ देर रेस्ट किया.

उसके बाद वो कहने लगीं- विकी, मैं किचन में खाना बनाने के लिए जा रही हूँ.

जब वो अन्दर जा रही थीं तो मैं उनकी मटकती हुई गांड देख रहा था.

मैं भी उनके पीछे चला गया और बोला- आंटी मैं आपकी हेल्प कर देता हूँ.

वो बोली- हां आ जाओ.. मेरी मदद करो, सामान कहां कहां है, मुझे बता देना.

मैं बार-बार उनके चुचे और गांड देख रहा था और वो भी मुझे नोट कर रही थीं.

काम करते हुए वो बहुत हंस हंस कर बातें कर रही थीं और बार बार मुझे देख रही थीं, जब मैं उनके चुचे ओर गांड देख रहा होता.

एक बार मैं उनके चुचे देख रहा था तो वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं.

तभी मैंने बुदबुदा कर कहा- कितने मस्त हैं.

आंटी ने कहा- क्या मस्त हैं?

मैंने कहा- कुछ नहीं.. मैंने तो कुछ नहीं कहा.

मेरा लंड बिल्कुल खड़ा हो गया.

हेल्प करते हुए मैं आंटी को टच कर देता, कभी उनकी गांड पे हाथ फेर देता, इससे लंड और अधिक अकड़ कर गरम हो रहा था साथ ही मेरा हौसला भी बढ़ता जा रहा था.

मैंने आंटी के पीछे आ कर हल्के से अपने लंड को उनकी गांड की घाटी में घिसा, तो आंटी ने कुछ फील नहीं किया, बस अपना काम करती रहीं.

मैंने फिर धीरे से कहा- बहुत मस्त है.

आंटी ने फिर कहा- क्या मस्त मस्त लगा रखी है.. खुल कर बोल ना, मैं जान चुकी हूँ.. तुम्हारे मन में क्या चल रहा है.

तुम्हारी मम्मी को तेरी शिकायत करनी पड़ेगी.. तू तभी सुधरेगा.

मैंने कहा- आंटी प्लीज़, मम्मी को मत बताना.

फिर उन्होंने बोला तो कुछ नहीं लेकिन खाना बना दिया.

मैं अब उनसे नज़रें भी नहीं मिला रहा था.

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मैं अपने रूम में आ गया, आंटी भी मेरे पीछे मेरे रूम में आ गईं और मेरे पास सोफे पे बैठ गईं.

थोड़ी देर टीवी देखते देखते उनका हाथ मेरी जाँघों पर आ गया और आंटी बोलीं- विकी, मैंने तो तुम्हें मज़ाक में डांट दिया था, तुम तो ऐसे ही नाराज़ हो गए.

मैंने कहा- मुझे कुछ नहीं हुआ आंटी, मैं कहां आपसे नाराज हूँ.

मैंने भी मौका संभालते हुए उनका हाथ पकड़ लिया.

वो बोलीं- तू किचन में किसको मस्त बोल रहा था?

मैंने कहा- आपको.

वो अपने मम्मे हिलाते हुए बोलीं- मुझे तो नहीं… और किसी चीज को देख कर मस्त बोल रहे थे.

मैंने छूटते ही कहा- आपकी गांड और चुचों को.

वो हंस कर बोलीं- तुझे अच्छे लगते है मेरे ये सब आइटम?

मैंने कहा- बहुत ज़्यादा.

“विकी तू बहुत शैतान हो गया है.”

ये बोल कर वो उठीं और अपने घर जाने लगीं.

मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया तो वो बोलीं- अभी नहीं विकी, बाद में करेंगे. अभी मुझे छोड़ दे.

मैंने कहा- अभी क्यों नहीं?

मैं उनके चुचे दबाने लगा और पीछे से उनकी गांड में अपना खड़ा लंड लगाने लगा.

वो बोलीं- अब मुझे घर जा कर काम करना है, खाना भी बनाना है..

ये सब फिर करेंगे.

मैंने ज़्यादा जबरदस्ती नहीं की और वो गांड ठुमकाते हुए चली गईं.

मेरा सारा दिन ऐसे ही सोते हुए निकल गया.

पापा 7 बजे आ चुके थे और नहा कर अपने रूम में चले गए.

मैं रात तक इंतज़ार करता रहा.

वो रात को 8 बजे खाना बनाने आईं.

मैंने आंटी को आँख मारी, तो वो मुस्कुराने लगीं.

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फिर आंटी किचन में चली गईं.

मैं भी उनके पीछे चला गया और उनको बांहों में भर लिया और उन्होंने मना किया कि तुम्हारे पापा आ जाएँगे.

मैंने कहा- नहीं आएंगे.

मैं उनके होंठों को चूसने लगा, वो पीछे जा कर दीवार से सट गईं मैंने उन्हें जकड़ लिया.

अब हम दोनों दबी हुई आवाज़ में बातें कर रहे थे.

मैंने मम्मे दबाना चालू किए तो बोलीं- रुको.

अब उन्होंने अपने चुचे अपनी कमीज़ से बाहर निकाल दिए.

उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.

मैं पागलों की तरह आंटी के मम्मों को चूसने लगा.

वो भी मेरे सर को अपने चुचों में दबा रही थीं.

आंटी के मस्त चुचे जबरदस्त चूसने से बिल्कुल लाल हो गए थे.

फिर मैंने उनकी सलवार में हाथ डाल दिया तो आंटी कहने लगीं- अभी नहीं विकी.. बाद में करेंगे. अभी ऊपर से ही कर लो.

मैंने कहा- एक बार अपनी चुत दिखा दो.

वो कुछ कहतीं कि तभी बाहर से पापा की आवाज़ आई- खाना नहीं बना क्या विकी?

मैंने कहा- पापा बन रहा है.

तभी आंटी ने जल्दी से कपड़े ठीक किए और खाना बनाने लगीं.

खाना बनाते हुए भी मैं पीछे से आंटी की गांड मसल रहा था.

वो बहुत खुश लग रही थीं, फिर कुछ देर बाद खाना बन गया वो मुझे चुम्मी देकर बाय कहते हुए चली गईं.

मैंने उनके जाने के बाद मुठ मारी और खाना खा कर सो गया.

सुबह वो 8 बजे नाश्ता बनाने आईं.

मैंने उन्हें गुड मॉर्निंग विश किया तो उन्होंने मुस्कुरा कर रिप्लाइ दिया.

मैंने उनसे बोला- आंटी आज जल्दी से पापा के लिए खाना बना दीजिए.. फिर एक गेम खेलेंगे.

आंटी हंस दीं.

मैं नहाने चला गया.

जब तक मैं नहा कर आया, तब तक खाना बन चुका था.

मैंने पापा को खाना लगा दिया, वो खा कर चले गए.

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उनके जाते ही मैंने आंटी को बांहों में ले लिया और एक दूसरे को चूसने लगे.

मैंने जल्दी से आंटी के कपड़े उतार दिए और आंटी ने मेरे कपड़े उतार दिए.

आंटी ने कहा- विकी जल्दी से कर लो.

मैंने घर जाकर तुम्हारे अंकल के लिए खाना बनाना है.

फिर मैं 11 बजे तक आ जाऊंगी.

मैंने देर ना करते हुए आंटी को बेड पे लिटा दिया और आंटी की चुत को चूसने लगा.

फिर लंड पर आंटी ने थूक लगा कर मसला.

आंटी की चुत बहुत प्यारी थी.

उनकी चुत के बाल बिल्कुल साफ थे.

मैंने आंटी की टांगों को कंधे पर रख लिया और लंड को चुत पर टिका कर एक झटका मारा.

मेरे लंड का टोपा आंटी की चूत के अन्दर चला गया.

आंटी सिसया पड़ीं.

मैंने फिर से एक जोर का झटका मारा तो पूरा का पूरा लंड आंटी की मांद में घुसता चला गया.

आंटी जोर जोर से चीखें मार रही थीं कि आह.. साले विकी, आराम से डाल.. लग रही है.

मैं उनकी बातों को अनसुना करते हुए बहुत तेज़ी से लंड को अन्दर बाहर कर रहा था.

दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए.

मैंने अपना माल आंटी की चुत में छोड़ दिया.

आंटी ने उठ कर कपड़े पहने, मुँह हाथ धोए और मेरे होंठों पर किस करके बोलीं- मैं 11 बजे आऊंगी.. तुम तैयार रहना.. अभी बहुत मस्ती बाकी है मेरी जान.

ऐसा बोल कर आंटी चली गईं. मैं समझ गया कि आंटी की कामवासना भी बहुत ज्यादा है.

मैं उठा, नहा कर आया और मार्केट से सामान लेने चला गया.

मैंने मार्केट से बियर की बॉटल, सिगरेट, आइसक्रीम और कुछ फ्रूट लिए और घर आ गया.

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इस वक्त 11 बजने वाले थे. मैंने नेट से कुछ सेक्सी वीडियो डाउनलोड की, तब तक डोरबेल बजी.

मैंने भाग कर दरवाजा खोला और आंटी जल्दी से अन्दर आ गईं.

मैंने गेट बंद किया.

आज आंटी ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी. मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था.

आंटी ने मुझे वासना से चूमते हुए बोला- आ जा मेरी जान.. मैं अब 2 बजे तक खाली हूँ.

मैं भी उनको पकड़ कर चूमने लगा.

वो भी मुझे पागलों की तरह चूमने और चूसने लगीं.

फिर मैं आंटी से अलग होकर फ्रिज से आइसक्रीम ले आया और हम सोफे पे बैठ गए.

मैंने लैपटॉप सामने रख के सेक्सी वीडियो चला दी.

मैंने आंटी की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया, जिससे उनके चुचों की लाइन साफ दिखने लगी.

मैंने आइसक्रीम को आंटी के चुचों की लाइन में डाल दी और उनके रसभरे मम्मे चाटने लगा.

फिर मैंने ब्लाउज उतार दिया, आंटी ने नीचे ब्लैक कलर की ब्रा डाली हुई थी.. क्या मस्त माल लग रही थीं.

मैंने उनकी ब्रा भी खोल दी और उनके जिस्म को चाटने लगा.

आंटी ने आइसक्रीम उठा कर अपने चुचों के निप्पल पर लगा दी और कहा- विकी चाटो इसे.

मैंने आंटी के चुचे को चूस कर आइसक्रीम खा ली.

फिर मैं बियर की बॉटल और सिगरेट ले के आया.

आंटी हैरान रह गईं और बोलीं- ये क्या है विकी?

मैंने कहा- आंटी, बियर और सिगरेट है.

आंटी बोलीं- विकी तू ये सब भी कर लेता है?

मैंने कहा- हां आप नहीं करतीं क्या?

वो बोलीं- मैंने कभी नहीं किया.

मैंने कहा- आज सब कुछ करेंगे मेरी जान.

मैंने बियर का ढक्कन खोला तो आंटी ने कहा- विकी मेरे बचे हुए कपड़े भी उतार दो.

मैंने आंटी का पेटीकोट जल्दी से उतार दिया.

फिर बियर की बोतल आंटी के मुँह में लगा दी.

एक दो बार ना करने के बाद आंटी ने थोड़ी सी बियर पी ली.. मैंने भी थोड़ी सी पी.

अब सिगरेट को आंटी के मुँह में रख के सुलगाया और आंटी को कश मारना सिखाया.

फिर मैंने एक कश लगाया और आंटी के ऊपर छोड़ दिया.

ये देख कर आंटी ने कश लगाया तो उन्होंने भी मेरे ऊपर छोड़ दिया.

उसके बाद मैंने आंटी को नीचे फर्श पर बिठा दिया, उनके कंधे के ऊपर बियर डाल दी, जो बह कर नीचे तक जा रही थी, मैं उस बियर को चाट रहा था.

फिर मैंने आइसक्रीम ली, उनकी काले रंग की चड्डी के अन्दर फंसी हुई चुत में डाल दी.

अपनी गरम चूत पर ठंडी आइसक्रीम लगते ही आंटी मचल उठीं.

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मैंने उसमें बियर भी डाल दी.

उन्होंने भी मेरे अंडरवियर में लंड को आइसक्रीम लगा दी और लंड को बियर से नहला दिया.

इस तरह की मस्ती से हम दोनों बहुत अधिक कामुक होने लगे थे.

आंटी ने मेरा अंडरवियर उतार दिया.

मैंने भी उनकी पेंटी उतार दी.

मैंने आंटी की चुत को चाटा, तो उन्होंने भी मेरे लंड पर लगी आइसक्रीम खा ली.

आंटी की चुत और मेरा लंड बिल्कुल लाल हो चुके थे.

मैंने उन्हें नीचे लेटा कर उनकी चुत पर आइसक्रीम डाल कर चुत में धक्का दे दिया.

लंड सारा का सारा अन्दर चला गया.

आंटी बोलीं- आह विकी जोर से करो..

मैं भी जोर से लगा कर शॉट मार रहा था.

कुछ देर बाद मैं सोफे पे बैठ गया और आंटी मेरे ऊपर आ गईं.

मैं अपने शॉट लगातार बढ़ा रहा था.

कई मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया.

इस बीच आंटी भी 2 बार झड़ चुकी थीं.

थोड़ी देर के बाद हमने फिर चुदाई की.

इस बार मैंने आंटी की टाइट गांड में आइसक्रीम डाल कर गांड को फाड़ दिया.

आज हमने 4 बार चुदाई की, हम बिल्कुल थक चुके थे.

आंटी ने कहा- विकी मुझे नहीं पता था कि तुम इतना मज़ा दे सकते हो.. मुझे तेरी फ्री स्टाइल चुदाई बहुत मस्त लगी.

अब जब भी मौका मिलता है तो हम दोनों ऐसे ही चुदाई की मस्ती करते हैं.

मेरी आंटी की चुत चुदाई की फ्री सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे लिखें.

savitabhabhi

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