Train Mein Chudai कहानी में पढ़ें कि मुझे अपनी बीवी की एक सहेली बहुत पसंद थी, वह सेक्सी माल थी, मैं उसे चोदना चाहता था लेकिन कोई जुगाड़ नहीं बन रहा था.
दोस्तो, कैसे हैं आप सब … उम्मीद करता हूँ कि आप सब ठीक होंगे.
मेरी उम्र 32 साल है और मैं ग़ाज़ियाबाद में ही एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करता हूँ.
मेरा दोहरा बदन गेहुआं रंग का है.
मैं गाजियाबाद में अपनी बीवी के साथ रहता हूँ.
आज मैं आपको एक सच्ची सेक्स कहानी बता रहा हूँ जिसे मैं जब भी याद करता हूँ, तो बस कामोत्तेजना से भर जाता हूँ.
तो मेरी Train Mein Chudai पढ़ कर मजा लें.
मेरी बीवी की बहुत सी सहेलियां हैं, लेकिन उनमें से एक उसकी बचपन की सहेली है जो कि उसकी बेस्ट फ्रेंड है.
उसका नाम मधुलिका है.
जैसा कि उसके नाम से ही रस टपक रहा है, वैसे ही उसका बदन देख कर लोगों के अन्दर कामवासना का कामुक रस टपकने लगता है.
मेरी बीवी ने मुझको मेरी शादी में उससे मिलवाया था, तब से मैं उसको जानता हूँ.
अक्सर वह मेरे घर आती जाती है.
मैं उसको देख कर मचल उठता हूँ.
मेरे 7 इंच लंबे मोटे लंड में एक सरसराहट दौड़ने लगती है.
मैं बस यही सोचता रहता हूँ कि कैसे इसको चोदूँ.
मधुलिका एक शादीशुदा औरत है और अपने पति के साथ रहती है.
मधुलिका की उम्र 29 साल है.
कभी वह साड़ी पहनती है, कभी जींस और कभी लैगी कुर्ती या सलवार सूट पहनती है.
लेकिन वह जो भी पहनती है, बवाल लगती है.
हर ड्रेस में उसके कसे हुए चूतड़ों के उभार किसी भी मर्द को चुदाई के लिए मजबूर कर दें, उसका बदन ऐसा लगता है.
उसका मक्खन जैसा चिकना बदन मुझे छूने के लिए उत्तेजित करता है और मैं किसी ना किसी बहाने से उसको छू ही लेता हूँ.
चाहे उससे हाथ मिलाना हो या उसको पानी देना हो.
मैं डेली जिम जाता हूँ.
स्टेरॉयड भी लेता हूँ, जिससे मेरे अन्दर हमेशा चोदने की गर्मी रहती है.
शादीशुदा औरतें मुझे बहुत पसंद हैं.
शायद इसीलिए मुझे मधुलिका को चोदने कि इतनी तड़प थी.
यूं ही दिन बीत रहे थे.
मैं उसे चोदने के बहाने ढूँढ ही रहा था कि इसी बीच मेरी बीवी प्रेगनेंट हो गई.
अब सेक्स बंद हो गया.
एक हफ्ते बाद मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि मुझे बिना चुदाई के नींद नहीं आती.
मैं हॉट वाइफ की फ्रेंड के बारे में सोचने लगा और मेरा लंड टाइट हो गया.
मैं तुरंत बाथरूम में गया और मधुलिका के नाम की मुट्ठ मार दी.
दो दिन बाद मेरी बीवी अपने घर चली गई क्योंकि यहां उसकी देखभाल के कोई नहीं था.
अब उसको डिलीवरी के बाद ही वापस आना था.
मैं अकेले रह कर दिन रात बस मधुलिका को ही सोचता रहता था और उसकी फोटो को अपने सामने रख कर उसके मुँह पर मुट्ठ मार कर लंड को शांत कर लेता.
दो महीने बाद मेरे साले की शादी थी.
मेरी बीवी का मायका गोरखपुर है तो शादी भी वहीं से थी.
मैंने शादी में जाने के लिए ऑफिस से पहले से ही एक हफ़्ते की छुट्टी ले ली थी.
शादी के बीस दिन पहले मेरे फ़ोन पर एक फ़ोन आया.
जानते हैं दोस्तो, यह फोन किसका था!
अरे मेरी जानेमन मधुलिका का …
मैंने उसका नाम स्क्रीन पर पढ़ा और झपट कर कॉल उठाया.
मैंने उसका हाल चाल पूछा.
उसने कहा- सब ठीक है.
तभी उसने कहा- जीजा जी आप मेरी एक मदद करेंगे?
मैंने कहा- क्या, बताओ … तुरंत करेंगे!
उसने कहा- जीजा जी, मुझे भी शादी में चलना है.
लेकिन मेरे पति को छुट्टी नहीं मिल पा रही है.
इसलिए मुझे आप अपने साथ ले चलेंगे क्या?
इतना सुनते ही मेरी आंखों में चमक आ गई.
मेरा लंड और सारी झांटें एकदम से खड़ी हो गईं.
मैंने मन में कहा कि क्यों नहीं ले जाऊंगा कुतिया साली … तुझे तो अकेले में चोदने का मौका भी चाहिए.
सामने से मैंने कहा- हां, क्यों नहीं … जरूर ले जाऊंगा.
तुम मेरे साथ ही चलना.
उसने कहा- ठीक है, आप अपने साथ मेरा रिजर्वेशन करा दीजिएगा. मैं पैसे दे दूँगी.
मैंने कहा- अरे पागल हो क्या … तुमसे पैसे थोड़ी लूँगा.
उसने मुझसे कुछ देर और बात करके फ़ोन काट दिया.
मैंने तुरंत नेट पर रिजर्वेशन चैक किया तो एसी और स्लीपर दोनों में सीटें खाली थीं.
मैंने सोचा कि सेकंड एसी में रिजर्वेशन कराऊंगा तो मज़ा नहीं ले पाऊंगा.
यही सोच कर मैंने तुरंत फर्स्ट एसी के दो बर्थ वाले कूपे में दोनों के रिजर्वेशन कराये.
अब इतना काम बन गया था कि जगह बन गई थी.
उसके बाद मैं सोचने लगा कि साला एसी फर्स्ट में खर्च तो कर दिया लेकिन उसकी चुदाई कैसे कर पाऊंगा.
यह एक समस्या थी.
मैं बहुत देर तक सोचता रहा कि कोई तरीका मिल जाए कि मधुलिका सैट हो जाए और चूत खोल दे.
जब कुछ भी समझ में नहीं आया तो मैंने सब कुछ हालात के ऊपर छोड़ दिया कि जो होगा सो देखा जाएगा.
तब भी मैंने सोचा कि यदि वह चुदने को राजी हो गई तो कम से कम निरोध तो ले ही लेता हूँ.
अब मैं मार्केट गया और वहां से डॉटेड बटरस्कोच फ्लेवर कंडोम खरीद लाया.
मेडिकल स्टोर के बाजू में ही एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम की दुकान थी, तो मैं उसमें घुस गया और उधर से एक स्पाई कैम ले आया.
घर आकर मैंने मधुलिका को फ़ोन करके बताया कि फर्स्ट एसी में रिजर्वेशन करा लिया है क्योंकि सबमें वेटिंग दिखा रहा था.
उसने कहा- कोई बात नहीं जीजा जी … ठीक है, उसमें केबिन मिलता है.
शांति और सुकून रहेगा.
मैंने कहा- हां. उधर रास्ते में इन्जॉय भी कर सकते हैं.
वह कुछ कड़क स्वर में बोली- इन्जॉय कर सकते हैं … इसका क्या मतलब हुआ?
मैंने तुरंत बात पलटते हुए कहा- अरे यार तुम तो जानती हो कि मुझे ड्रिंक करने का शौक है … तो वही इन्जॉय करने का कहा है.
वह हंसने लगी और धीमे से बोली- हां, मेरे लिए भी कुछ ले लेना!
यह सुनते ही मेरी बाँछें खिल गईं कि लौंडिया दारू पियेगी तो आसानी से टांगें भी खोल देगी.
अब मुझे कुछ कुछ लगने लगा था कि मामला सैट हो जाएगा.
शादी के दो दिन पहले हमारी शाम 5 बजे की ट्रेन थी.
मैं स्टेशन 4:30 बजे पहुंच गया था.
वह वहां पर अपने पति के साथ आयी थी.
पति उसको छोड़ने आया था.
मैंने जैसे ही उसे देखा, मेरा मन किया कि इसके कपड़े फाड़ कर इसे अभी यहीं पर चोद डालूँ.
उसने अपने चिकने गेहुंए बदन पर स्लीवलेस वाइट टी-शर्ट और नीचे एंकल लेंथ की डार्क ब्लू कलर की टाइट जींस पहनी थी जिसमें उसका गदराया बदन उभर कर मर्द मारी कर रहा था.
पैरों में उसने पतली सी पायल और हील वाली ब्लैक कलर की सैंडल पहनी थी, जिसकी वजह से उसके चूतड़ पीछे से और उठ गए थे.
उसने गले में सोने का मंगलसूत्र डाल रखा था जिसकी डोरी उसके मम्मों की घाटी से दबी हुई थी.
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अपने होंठों पर उसने गहरी लाल लिपस्टिक लगायी हुई थी और आंखों में मस्कारा और काजल लगाया था.
मैं मधुलिका के पति से गले लग कर मिला और मधुलिका से भी हाय हैलो हुई.
शाम 5 बजे हमारी ट्रेन आ गई.
हम लोग अपने केबिन में बैठ गए.
4 यात्रियों के केबिन में हम दोनों ही थे. बाकी दोनों सीट खाली थी.
मधुलिका का पति उसे ट्रेन में बैठा कर चला गया.
ट्रेन भी कुछ देर बाद चल दी.
रात को हम लोगों ने दो दो पैग लिए और पैंट्री से ख़ाना ऑर्डर कर दिया.
ख़ाना खा कर दस बजे हम लोग सो गए.
केबिन का दरवाज़ा बंद था और नाईट लैंप जला रखा था.
रात को एक बजे मैं मूतने के लिए उठा.
मूत कर आया और मैं उसकी तरफ़ करवट करके लेट गया.
वह दूसरी तरफ़ करवट करके गहरी नींद में सो रही थी.
उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी और सोते में उसकी शर्ट ऊपर खिसक गई थी, जिससे उसकी ब्लैक कलर की पैंटी की इलास्टिक ऊपर से दिख रही थी.
यह देख कर मेरा लंड मेरे लोअर से बाहर आने को बेताब हो उठा.
उसकी फूली हुई गांड देख कर मैंने अपना हाथ लोअर में डाल लिया और लंड को मसलने लगा.
मैंने ठान लिया कि इसको अभी चोदना है, चाहे जो हो जाए.
लेकिन कैसे चोदूँ?
अभी सोच ही रहा था कि तभी मेरी नज़र उसके फ़ोन पर पड़ी.
वह अलग रखा था.
मैंने सोचा कि चलो इसके मोबाइल में ही देखते हैं कि क्या क्या है.
देखते देखते उसके कॉल रिकॉर्डिंग वाले फोल्डर में घुस गया.
लीड लगा कर मैं उसकी सारी कॉल रिकॉर्डिंग सुन रहा था कि तभी एक कॉल रिकॉर्डिंग मिली जिसमें वह मेरी बीवी से बात कर रही थी.
वह कह रही थी कि यार मेरा पति मुझे चोदता तो है लेकिन मेरा पानी निकलने से पहले उसका निकल जाता है और मेरी सेक्स की इच्छा पूरी नहीं होती है.
मुझे जोर जोर से चुदवाने का बड़ा मन करता है.
अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन मुझे किसी बाहर वाले से चुदवाना पड़ेगा.
इसी लिए अभी तक मैंने बच्चा नहीं किया है.
मैं समझ गया कि मुझसे अब यह चुदवा लेगी.
मैंने वह रिकॉर्डिंग अपने फ़ोन में ले ली और उठ कर अपना लंड उसकी टाइट जींस वाले चूतड़ों में रगड़ने लगा.
वह तुरंत उठ गई और चौंक कर मुझे देखने लगी.
मैंने तुरंत अपना लंड अन्दर कर लिया.
वह ग़ुस्से में मुझ पर चिल्लाने लगी- यह क्या बदतमीज़ी है, शर्म नहीं है आपको … यह आप क्या कर रहे हैं?
मैं अभी टीटीई को बुला कर आपकी शिकायत करती हूँ.
मैंने कहा- एक बार मेरी बात सुनो, फिर जो मन में आए, वह करना.
उसने ग़ुस्से में कहा- क्या बताएंगे आप, बताइए?
मैंने फ़ोन अपना ऑन किया और वह रिकॉर्डिंग सुनाते हुए कहा- मधुलिका अगर तुम चाहो तो तुम्हारी यह सेक्स की प्यास मैं बुझा सकता हूँ.
मैं किसी को नहीं बताऊंगा.
घर की बात घर में ही रहेगी और तुम भी संतुष्ट हो जाओगी.
मैं तो तुम्हारी मदद ही कर रहा था.
उसने थोड़ी देर सोचा और बोली- क्या सच में आप मेरा पानी निकलवा देंगे?
मैंने कहा- एक बार आज़मा कर तो देखो!
उसने स्माइल देते हुए कहा- ठीक है फिर शुरू हो जाइए, लेकिन रुकिए मैं पहले जरा मूत आऊं!
मैंने कहा- जरा क्या, पूरा मूत आओ … पर जल्दी आना. मैं तड़प रहा हूँ.
वह मूतने चली गई.
मैंने झट से अपने बैग से स्पाई कैम निकाला और नाईट लैंप में छुपा कर लगा दिया.
वह मूत कर आयी और उसने केबिन का दरवाज़ा बंद कर दिया.
पर्दा खींचा और आकर मेरी गोद में बैठ गई.
मैंने उसको बर्थ पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया, उसके कान के पीछे किस करने लगा.
मैं अपनी जीभ से उसको चाट रहा था.
उसने मुझे आहें भर कर ऐसे कस के जकड़ा जैसे वह बरसों की प्यासी हो और उसकी कामुक जवानी कहीं क़ैद हो.
कान पर चूमते हुए धीरे धीरे मैं उसके चिकने गाल और रसीले लाल लिपस्टिक वाले होंठों पर आ गया.
दोस्तो, अपनी हॉट वाइफ की फ्रेंड कहानी के अगले भाग में मैं आपको अपनी साली की Train mein Chudai की कहानी की पूरी दास्तान लिखूँगा.
आप मुझे बताएं कि सेक्स कहानी कैसी लग रही है.