मैंने तब तक सेक्स नहीं किया था. एक दिन घर में ऐसी घटना हुई कि मुझे चूत की मजेदार चुदाई का मौक़ा मिला. मगर ये चूत किसी और की नहीं बल्कि मेरी विधवा ताई की थी.
दोस्तो, मेरा नाम पंकज (बदला हुआ) है. मैं इस वक्त 23 साल का हो चुका हूं. मेरे लंड का साइज 8 इंच है और मैं सेक्स कहानियां पढ़ कर मुठ मारा करता हूं. मैं इस वेबसाइट की कहानियां बहुत इंजॉय करता हूं और इसका एक रेगुलर रीडर हूं.
रिश्तों में चुदाई की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. मैंने भी अपने दोस्तों से इस बारे में काफी सुना था लेकिन यकीन तब हुआ जब मेरे साथ भी ऐसी ही मजेदार चुदाई की एक घटना हो गयी. मैं वही वाकया आपके सामने पेश कर रहा हूं जो कि एक सत्य घटना पर आधारित है.
यह कहानी मेरे और मेरी ताई के बीच हुई घटना के बारे में है. मेरी ताई का नाम कमला बाई (बदला हुआ) है. उनकी उम्र 50 साल के करीब है. वो मेरी मां से उम्र में 4 साल बड़ी हैं.
मेरे घर में मेरी मां और पापा के अलावा ताई जी भी रहती हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि मेरी ताई हमारे साथ क्यों रहती हैं तो मैं आपको बता देता हूं कि मेरे ताऊ जी की मृत्यु हो चुकी है. वो बहुत ज्यादा मात्रा में दारू पीते थे. इसलिए वो चल बसे. तब से ही ताई जी हमारे साथ रह रही हैं.
उनका एक बेटा भी है जो कभी कभी घर आता है. वो बाहर रह कर जॉब कर रहा है. ताई जी का अकेलापन मुझसे देखा नहीं जाता था. वो जवान तो नहीं थी लेकिन फिर लंड की प्यास तो उनको भी लगती होगी. ताऊ जी के जाने के बाद से शायद उन्होंने अपनी चूत में लंड का मजा भी नहीं लिया था.
एक दिन की बात है कि मेरे मां और पापा एक शादी समारोह में दिल्ली चले गये. घर पर मैं और ताई जी ही थे. मैं घर पर बोर हो रहा था. इसलिए मैंने फोन उठाया और कुछ कुछ देखने लगा.
मैंने सोचा कि कुछ सेक्स वीडियो या नंगी फोटो ही देख लेता हूं टाइम पास करने के लिए. अभी तक मैंने किसी की चूत भी नहीं मारी थी. बस कहानियां पढ़ कर मुठ मार लिया करता था और जवान लड़कियों, भाभियों और आंटियों के चूतड़ और चूची देख देख कर लंड हिलाता रहता था.
टाइम पास करने के लिए मैंने अपने एक दोस्त को भी घर बुला लिया. मैं और मेरा दोस्त दोनों ही साथ में ब्लू फिल्म देखते हुए मुठ मारने लगे. मुठ मारने के बाद हमें नींद आ गयी और हम ऐसे ही सो गये. मेरा दोस्त पता नहीं कब उठ कर अपने घर चला गया था.
कुछ देर के बाद ताई की आवाज मेरे कानों में पड़ी. मैंने आंखें खोलीं तो वो हमारे रूम में ही थी. वो खाने के लिए बुलाने आई थी. मगर वो नीचे कुछ देख रही थी. नीचे मेरा और मेरे दोस्त का वीर्य गिरा हुआ था जो काफी सारा था.
ताई ने मेरे और मेरे दोस्त के लंड के पानी को उंगली से छूकर देखा तो वो समझ गयी कि क्या गिरा हुआ है मगर वो कुछ बोली नहीं.
फिर उन्होंने कहा- चलो तुम उठो, उठ कर खाना खा लो.
मैंने देखा कि ताई के हाथ पर मुठ लगा हुआ था. मैं डर गया था कि वो डांटेंगी मगर उन्होंने कहा- चल उठ जा, मैं तेरा रूम साफ कर देती हूं, पता नहीं क्या क्या गिरा रखा है.
मैं उठ कर बाहर चला गया. मैं नहा धोकर फ्रेश हो गया और टीवी देखने लगा. फिर ऐसे ही शाम हो गयी. गर्मी का मौसम था तो उन दिनों घर में सब दो बार तो नहाते ही थे.
ताई बोली- पहले मैं नहा लेती हूं फिर तू नहा लेना.
ताई अन्दर गई तो मैं अपने फोन में सेक्स वीडियो देखने लगा. मेरा लंड फिर से तन गया था.
तभी ताई की आवाज अंदर से आई- अरे पंकज, मैं अपने कपड़े बाहर भूल आई हूं. एक बार मुझे लाकर दे दे.
मैं कपड़े देने गया तो पाया कि ताई ने ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी. उनकी नजर मेरे खड़े लंड के तंबू पर गयी. वो मेरे तंबू को घूरने लगी और फिर हंसते हुए बोली- तू तो अब बड़ा हो गया है.
फिर वो बाथरूम का दरवाजा पूरा खोल कर अपने बदन को पौंछने लगी.
ताई के चूचे ज्यादा कसाव में तो नहीं थे लेकिन ब्रा में बहुत सेक्सी लग रहे थे. उनका थोड़ा पेट भी निकला हुआ था मगर गांड तो बहुत ही बड़ी थी. मेरा लंड भी पहले से ही खड़ा था इसलिए मैं भी बहकने लगा.
उनके पास में खड़ा हुआ ही मैं अपने लंड को हाथ से हल्के हल्के मसलने लगा. ताई भी नीची नजर से मेरी हरकत को देख रही थी मगर कुछ बोल नहीं रही थी. फिर उन्होंने दूसरी ओर घूम कर अपनी ब्रा खोल दी. उनकी चिकनी कमर देख कर मेरे मुंह से आह्ह निकल गयी.
फिर उन्होंने अपनी पैंटी भी उतार दी. मुझे पहली बार ताई की मोटी और बड़ी सी गांड की झलक मिली. उन्होंने फिर दूसरी पैंटी जल्दी से पहन ली और दूसरी ब्रा भी पहन ली. उसके बाद वो मुझसे नहाने के लिए कह कर बाहर आ गयी और बोली कि तू भी जल्दी से नहा ले, उसके बाद मैं तेरे कपड़े धो दूंगी. अपनी गीली ब्रा और पैंटी को ताई ने वहीं नल पर लटका दिया था.
जब मैं अन्दर गया तो बाथरूम में से एक मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी. जब मैंने ध्यान दिया तो ये खुशबू ताई की पैंटी से आ रही थी. ताई की चूत के बारे में सोच कर ही मेरा लंड बेकाबू होने लगा. मैंने उनकी गीली पैंटी को लंड पर लगाया और मुठ मारने लगा. फिर मैंने मुठ मारते हुए उनकी पैंटी पर ही अपना माल गिरा दिया और नहाने लगा. फिर मैं बाहर आ गया.
उसके बाद ताई बाथरूम में गयी और जब वो बाहर आई तो मुस्करा रही थी.
उसके बाद मैं अपने दोस्तों के साथ में बाहर घूमने के लिए निकल गया. जब मैं रात को वापस आया तो उन्होंने खाना बना कर रख दिया था.
खाना खाने के बाद मैं टीवी देखने लगा. मैंने एक हॉलीवुड की मूवी लगा ली. ताई भी मेरे साथ ही बैठ कर टीवी देख रही थी. कुछ देर के बाद उसमें एक किसिंग सीन आया तो मैंने चैनल बदल दिया.
ताई बोली- आजकल पता नहीं कैसी कैसी फिल्में बनने लगी हैं, कुछ भी दिखा देते हैं.
फिर मैंने एक हॉरर मूवी लगा दी. टीवी देखते हुए ताई को नींद आ गयी और वो सो गयी. मैंने उनको जगाया और उनके रूम में सोने के लिए कहा. ताई उठ कर अपने रूम में चली गयी. उसके बाद मैं भी सो गया.
अगली सुबह जब वो मेरे रूम में मुझे उठाने के लिए आई तो मेरी आंख खुल गयी. मैंने देखा कि ताई मेरे अंडरवियर को घूर रही थी.
वो बोली- अरे इतनी सुबह-सुबह खड़ा हो गया है!
मैंने कहा- क्या खड़ा हो गया है?
वो बोली- देख, नीचे।
मैंने देखा तो मेरा लंड तना हुआ था. मैंने उस पर चादर डाल दी और ढक लिया. ताई ये देख कर मुस्कराने लगी.
मैंने कहा- वो … मुझे पेशाब लगी है, प्रेशर की वजह से हो जाता है.
ताई बोली- ठीक है, जल्दी से उठ जा और नहा धोकर नाश्ता करने के लिए आ जा. मैं उसके बाद नहाने के लिए जाऊंगी.
मैं जल्दी से फ्रेश होकर नाश्ता करने गया. ताई भी नहाने के लिए गयी.
मैं खा ही रहा था कि मुझे कुछ गिरने की आवाज आई और साथ में ताई भी चिल्लाई. मैं दौड़ कर देखने गया तो ताई बाथरूम में गिर गयी थी. वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
सहारा देकर मैंने उनको उठाया और बाहर लेकर आया. उनसे चला भी नहीं जा रहा था. मैं किसी तरह से धीरे धीरे संभालते हुए उनको उनके रूम तक लेकर गया और बेड पर लेटाया.
ताई बोली- शायद मेरे पैर में मोच आ गयी है. जरा डॉक्टर को बुला दे.
मैंने कहा- ठीक है, आप साड़ी पहन लो, तब तक मैं डॉक्टर को लेकर आता हूं.
वो बोली- मैं लेटे लेटे कैसे साड़ी पहनूंगी! एक काम कर, तू पड़ोस वाली आंटी को बुला दे, वो मेरी मदद कर देंगी. तब तक तू डॉक्टर को ले आना.
फिर मैंने वैसा ही किया. मैं डॉक्टर को लेकर आया. उन्होंने पैर को देखा और चेक किया और बोले कि मोच आ गयी है. ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है. आपको 2-3 दिन तक आराम करने की जरूरत है. मैं पैर में पट्टी कर देता हूं. इस पर पानी मत लगने देना.
पट्टी करने के बाद डॉक्टर चला गया और फिर पड़ोस वाली आंटी भी चली गयी. मैंने इस घटना के बारे में मां और पापा को भी फोन पर बता दिया.
वो बोले कि हम लोग जल्दी वापस आ रहे हैं.
ताई बोली- नहीं, चिंता की कोई बात नहीं है. आप लोग शादी को अटेंड करो और सारे कार्यक्रम के बाद ही आना. मां और पापा फिर मान गए और मुझसे कहने लगे कि जब तक हम लौट कर नहीं आ जाते तुम इनका पूरा ख्याल रखना.
सबके जाने के बाद ताई बोली- मुझे नहाना है. मुझे बाथरूम में ले चल.
मैं ताई को ले गया. वहां जाकर वो अपने कपड़े खोलने लगी. उनको नंगी होते देख कर मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.
फिर वो बोली- पंकज, मेरी पीठ पर जरा साबुन तो लगा दे.
ताई की पीठ पर मैं साबुन मलने लगा. उनकी कोमल सी चमड़ी पर हाथ फिराने में मुझे भी मजा आने लगा. फिर उन्होंने अपना पेटीकोट निकाल दिया. वो नीचे से भी नंगी हो गयी.
मैंने कहा- ताई, मैं मुंह घुमा लेता हूं.
वो बोली- नहीं, मैं तो तेरी बड़ी मां जैसी हूं. मुझसे क्या शरमाना. तू साबुन लगा दे. मैं अकेले नहीं लगा पाऊंगी.
उसके बाद वो मेरी ओर घूम गयी. ताई की चूत मेरी आंखों के सामने थी जिस पर बहुत बड़े बड़े बाल थे. नंगी चूत देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू होने लगा. फिर मैं उनके बदन पर साबुन मलने लगा. उनकी चूचियों पर, उनके पेट पर साबुन लगाने के बाद मैं उनकी चूत के आसपास साबुन लगाने लगा.
मेरे हाथों की उंगलियां बार बार ताई की बालों वाली चूत को छू रही थीं. ताई की चूत बहुत गर्म थी ऐसा लग रहा था जैसे उनकी चूत से गर्म गर्म भांप निकल रही हों. मेरी हालत खराब हो रही थी. किसी तरह से मैंने खुद को रोक कर रखा.
नहलाने के बाद मैंने उनको ब्रा और पैंटी पहना दी. फिर ब्लाउज और साड़ी पहनने में उनकी मदद की. मैं उनको बाहर रूम तक छोड़ कर आया. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैंने ताई की चूत देख ली थी. अब तो लंड को हिलाये बिना चैन नहीं आने वाला था.
मैं भाग कर बाथरूम में घुस गया और लोअर के साथ चड्डी नीचे खींच कर लंड को हाथ में लेकर जोर जोर से हिलाने और रगड़ने लगा. मेरी बंद आंखों के सामने ताई जी की बालों वाली चूत के अलावा कुछ और दिखाई ही नहीं दे रहा था.
उत्तेजना के कारण 2 मिनट में ही लंड ने वीर्य की पिचकारी बाथरूम की दीवार पर फेंक डाली. फिर मैं नहाया और तैयार हो गया. चूंकि उनसे अब खाना नहीं बन सकता था इसलिए मैं बाहर से खाना लाने के लिए गया.
खाना लेकर आया और फिर मैंने उनको भी खिलाया और खुद भी खाया. उसके बाद मैं टीवी देखने लगा. फिर मुझे नींद आने लगी. मैं अपने रूम में जाने लगा.
वो बोली- पंकज, मेरी पीठ में बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- मैं डॉक्टर को बुला देता हूं.
वो बोली- नहीं, तू जरा बाम की मालिश कर दे. उसी से आराम हो जायेगा.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं किचन में गया और सरसों का तेल गर्म करके लाया. मैंने ताई को उल्टा लेटने के लिए कहा. वो अपनी पीठ को नंगी करके लेट गयी. मैं ताई की पीठ पर मालिश करने लगा.
वो बोली- रुक मैं, साड़ी उतार देती हूं.
उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी और मैं उनकी पीठ की मालिश करने लगा.
वो बोली- थोड़ा नीचे की ओर जाकर कर मालिश.
मैंने वैसा ही किया.
फिर वो बोली- मेरे कूल्हे के पास में कर.
एक बार तो मैं सुन कर हैरान रह गया. सोच रहा था कि ताई आज चाहती क्या है.
मैंने हिम्मत करके कहा- तो फिर आप पेटीकोट भी उतार दो, नहीं तो तेल लगने से खराब हो जायेगा.
ताई ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया. अब वो पैंटी में रह गयी थी.
मैं ताई की गांड पर तेल की मालिश करने लगा.
वो बोली- थोड़ा अंदर तक करो.
मैं ताई की गांड को चौड़ी करके मालिश करने लगा और मेरे हाथ अब उनकी गांड की दरार को अंदर तक छूने लगे थे. मेरी एक उंगली ताई की गांड के छेद तक पहुंच रही थी.
कुछ ही देर में वो धीरे धीरे सिसकारने लगी- अम्म … हां करता रह, अच्छा लग रहा है, बहुत आराम मिल रहा है.
उनके मुंह से ऐसी सेक्स भरी आवाजें सुन कर मेरा भी मूड बनने लगा और मेरा लंड खड़ा हो गया.
अब मैं अपनी उंगलियों से उनकी चूत को छूने की कोशिश करने लगा और मैं कामयाब भी हो गया. ताई की चूत तक मेरी पहुंच हो गयी थी. फिर मैंने धीरे से उनकी गांड के छेद में उंगली करनी शुरू कर दी. वो कुछ नहीं बोल रही थी, बस लेटे हुए मजा ले रही थी.
अब मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने उनकी चूत को कुरेदना शुरू कर दिया. मैं ताई की चूत में उंगली करने लगा.
कुछ ही देर में वो बहुत गर्म हो गयी. मेरा लंड भी काफी देर से फड़क रहा था और दर्द करने लगा था.
फिर वो बोली- आह्ह पंकज, क्यों तड़पा रहा है मुझे. तुझे दिख नहीं रहा है कि मेरी हालत कैसी है? अब कुछ कर दे बेटा, बहुत दिन हो गये हैं.
मैं भी ताई के मुंह से यही सुनना चाह रहा था.
मैंने फटाक से अपनी लोअर और चड्डी खींची और लंड को बाहर कर लिया. मैंने ताई की पैंटी भी खींच दी और उनकी चूत को नंगी करके अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो जोर जोर से आवाजें करने लगी और कहने लगी- आह्ह चोद दे पंकज, जल्दी कर कुत्ते, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब. मेरी चूत में लंड दे दे, जल्दी से. वो मेरे साथ एक Ahmedabad Escort की तरह बोल रही थी जो अपनी चूत चुदवाने के लिए तड़प रही थी.
मैं पीछे से उनकी चूत में लंड को धकेलने लगा. चूंकि ये मेरा पहली बार था तो मुझे ज्यादा पता नहीं था कि कैसे करते हैं. मैं जल्दी जल्दी लंड के धक्के देते हुए अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा मगर मेरा लंड अंदर घुस ही नहीं रहा था. एक तो उनकी चूत पर बाल बहुत बड़े थे. पता ही नहीं चल रहा था कि लंड कहां टकरा रहा है.
कई बार मैंने ट्राई कर लिया तो वो हंसते हुए पूछने लगी- पहले नहीं किया है क्या तूने?
मैंने कहा- नहीं ताई, मैंने इससे पहले कभी नहीं किया है.
वो बोली- ला मैं सिखाती हूं मजेदार चुदाई.
उसके बाद वो सीधी होगयी. उन्होंने मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाया. मुझे मजा आने लगा क्योंकि पहली बार मेरा लंड किसी औरत के हाथ में गया था. अब तक तो मैं अपने ही हाथ से लंड को रगड़ा करता था मगर औरत के हाथ में तो जैसे जादू होता है.
फिर ताई ने मेरे लंड पर तेल लगाया और फिर अपनी चूत पर मेरा लंड सेट कर लिया.
फिर बोली- अब धीरे धीरे अंदर धकेल.
मैंने ऐसा ही किया. मुझे हल्का हल्का दर्द हो रहा था और हल्का हल्का दर्द ताई को भी हुआ मगर देखते ही देखते पूरा लंड अंदर चला गया.
अब मैंने लंड को चलाना शुरू किया. उनको अब दर्द नहीं हो रहा था. मैं ताई की चूत को चोदने लगा. पहली बार चूत को चोदने का वो मजा मैं यहां पर शब्दों में नहीं लिख सकता हूं.
ऐसा मन कर रहा था कि ताई की चूत को चोदता ही रहूं. मैं ताई की चूचियों को पीने लगा. वो भी मेरे बालों को सहलाते हुए मेरे लंड से चुदने का मजा लेने लगी.
मैंने फिर ताई के होंठों को चूसते हुए उनकी चूत को चोदना जारी रखा. बहुत मजा आ रहा था दोस्तो, जितना मजा चूत मारने में आता है उसके सामने मुठ मारने का मजा तो कुछ भी नहीं है.
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ताई के मुंह से भी कामुक सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह पंकज, आह्ह चोद, मजा आ रहा है. कई साल से मैंने चूत में लंड नहीं लिया था. मैं तो लंड के स्वाद को भूल ही गयी थी. आज तूने फिर से मजेदार चुदाई का मजा देकर मेरी चूत को हरी कर दिया है, आह्ह चोद मेरे बच्चे.
मैं तेजी से ताई की चूत को चोदने लगा. अब चुदाई करते हुए 8-10 मिनट हो गये थे और मेरे पूरे बदन में पसीना आ गया था.
मेरा स्खलन भी करीब था. फिर मैंने उनकी चूचियों को पीते हुए उन पर लेट कर धक्के लगाना शुरु किया और कुछ ही सेकेण्ड्स के बाद मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ा जो सारा का सारा ताई की चूत में भर गया.
मजेदार चुदाई के बाद थक कर मैं ताई के ऊपर ही गिर पड़ा.
वो बोली- अभी बाहर मत निकालना अपना लंड. इसको अंदर ही रहने दे. मुझे अभी लंड का अहसास चूत में लेने दे. अभी मेरी प्यास शांत नहीं हुई है.
फिर मैं ताई के ऊपर ही लेटा रहा और मेरी आंख लग गयी.
शाम को आंख खुली तो पाया कि मैं उनके बूब्स पर ही पड़ा हुआ था.
वो भी उठ गयी. हम दोनों के बदन पसीना पसीना हो रहे थे. तेल लगने की वजह से दोनों का बदन चिकना और चिपचिपा हो गया था.
मैंने कहा- चलो, मैं आपको नहला देता हूं.
ताई कुछ मायूस सी लग रही थी. मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया. मैं उनको बाथरूम में ले गया.
अंदर जाने के बाद मैं फिर से उनकी चूत को सहलाने लगा और उंगली करने लगा.
मगर ताई ने मुझे पीछे हटा दिया.
वो बोली- नहीं रहने दो.
मैंने कहा- क्या हुआ? अभी कुछ देर पहले तो हमने सेक्स का मजा लिया था. तब तो आपको बहुत मजा आ रहा था, अब क्या हो गया?
ताई बोली- वो सब गलत हुआ है. मुझे उसके लिए अब बहुत बुरा लग रहा है. मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाई. अब मैं दोबारा से ये सब नहीं होने दूंगी. तुम भी आज की ये घटना भूल जाना.
उनकी बात सुन कर मैं मायूस हो गया. फिर रात को हम लोग खाना खाकर सोने के लिए चले गये. मुझे तो अब नींद ही नहीं आ रही थी. ताई की चूत की चुदाई की यादें मेरे दिमाग में घूम रही थीं.
फिर मैंने एक आइडिया सोचा. मैं मोबाइल में ब्लू फिल्म देखने लगा. मैंने फुल वॉल्यूम खोली हुई थी. मैं चाहता था कि चुदाई की आवाजें ताई के रूम के अंदर तक जायें.
फिल्म देखते हुए मैं जोर जोर से कमला-कमला कहते हुए उनका नाम लेकर मुठ मारने लगा. मेरे लंड से वीर्य निकला और फिर मुझे थकान के कारण नींद आ गयी.
अगली सुबह मैं उठा और फिर फ्रेश हुआ. उसके बाद मैं ताई को भी नहलाने के लिए बाथरूम में ले गया. मैंने ताई को नहला दिया और फिर उनको बिना कपड़े पहनाए ही बाहर ले आया और बेड पर बिठा दिया.
मैं बोला- मैं अभी वापस आकर आपको कपड़े पहना दूंगा.
उसके बाद मैं खुद भी बाथरूम में गया और दरवाजा खोल कर नंगा ही नहाने लगा. फिर मैं ताई की पैंटी को मुंह पर लगा कर मुठ मारने लगा और जोर जोर से आवाजें करने लगा. ताई भी मेरी हरकतों को देख रही थी मगर कुछ बोल नहीं रही थी. मुठ मार कर मैंने ताई की पैंटी पर ही वीर्य निकाल दिया. उसके बाद मैं बाहर आया.
फिर मैंने उनको कपड़े दिये और फिर डॉक्टर को बुला कर ले आया. डॉक्टर ने ताई के पैर पर बंधी हुई पट्टी को उतार दिया और कहा कि अब इनका पैर बिल्कुल ठीक है और ये चल फिर सकती हैं. उसके बाद डॉक्टर चला गया.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैं ताई को चोदना चाह रहा था.
मैं ताई के पास गया और बोला- क्या बात है कमला ताई? आपने खुद पहल करके मेरे साथ चुदाई का मजा लिया. अब क्यों मना कर रही हो?
वो बोली- तू मेरे बेटे जैसा है, मुझसे गलती हुई है. मैं ये पाप नहीं कर सकती हूं. अब तू मेरे पास मत आना. मैं ये नहीं होने दूंगी.
मैंने कहा- कोई पाप नहीं है. सब जायज होता है.
वो बोली- नहीं, अब ये नहीं हो सकता.
फिर मैं बिना बोले घर से निकल गया. उसके बाद मैं शाम को ही वापस आया.
ताई ने पूछा- कहां गया था?
मैंने कहा- कहीं नहीं.
वो बोली- बता मुझे, कहां गया हुआ था दिन भर से तू?
मैंने कहा- कुछ नहीं, आपको पाप से बचाने के लिए गया हुआ था.
वो बोली- मैं कुछ समझी नहीं.
फिर मैं बिना कुछ कहे मां के रूम में गया और उनकी साड़ी और गहने लेकर आया और ताई को थमा दिया.
वो बोली- ये क्या कर रहा है तू?
मैंने कहा- आपको मेरी कसम है. आप कुछ नहीं कहोगी. आप चुपचाप ये साड़ी और गहने पहन कर आ जाओ.
ताई मेरी ओर हैरानी से देख रही थी. मगर फिर वो अंदर चली गयी.
उसके बाद मैं भी पापा की शादी की शेरवानी पहन कर आ गया. इतने में ताई भी आ गयी. उसने मां की शादी वाली साड़ी और गहने पहन लिये थे.
मैं उनका हाथ पकड़ कर घर के मंदिर में ले गया. वहां मैंने बिना कुछ बोले उनकी मांग में सिंदूर भर दिया और मां का मंगलसूत्र उनको पहना दिया.
मैं बोला- अब आज से आप मेरी पत्नी हो.
ताई ने मुझे हैरानी से देखा और फिर गुस्से में आकर मुझे एक जोर का थप्पड़ मार दिया और वहां से गुस्सा होकर चली गयी. उन्होंने खुद को अपने रूम में जाकर लॉक कर लिया. मुझे अब बहुत डर लगने लगा कि ताई कहीं कुछ उल्टा सीधा न कर बैठे.
मैं रात भर इंतजार करता रहा मगर उनके रूम का दरवाजा नहीं खुला. फिर मैं भी सो गया. सुबह जब उठा तो उनके रूम का दरवाजा खुला हुआ था. वो किचन में काम कर रही थी मगर मुझसे कुछ बोली नहीं.
इतने में मैं उनके रूम में गया और मां की साड़ी और गहने वापस लाकर मां की अलमारी में रख दिये. तब तक ताई ने काम खत्म कर लिया था. वो फिर बिना कुछ बोले फिर से अपने रूम में चली गयी.
मैं भी उनके पीछे गया और उनको सॉरी बोला.
वो बोली- तूने ये सब क्यों किया?
मैंने कहा- मैं आपसे प्यार करता हूं. मैंने आपको खुश करने के लिए वह सब किया था. आपका दिल दुखाने का मेरा कोई इरादा नहीं था.
उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया. उस दिन हमने दिन भर एक दूसरे से बात नहीं की.
रात का खाना खाकर मैं अपने रूम में सोने के लिए चला गया. कुछ देर के बाद ताई मेरे रूम में आई और बोली- शादी के बाद पति पत्नी एक ही रूम में और एक ही बिस्तर पर सोते हैं.
ऐसा बोल कर वो वापस चली गयी. मुझे कुछ समझ नहीं आया कि ताई ये क्या बोल कर चली गयी. फिर बाद में मुझे समझ आया कि वो अपने रूम में आने के लिए बोल कर गयी हैं.
मैं बिना देरी किये उनके रूम में चला गया. मेरे जाने पर वो बोली- हमने अपनी सुहागरात भी नहीं मनाई है.
मैंने कहा- मुझे नहीं पता कि सुहागरात में क्या क्या करते हैं.
वो बोली- वही करते हैं जो उस दिन किया था हमने.
ऐसा बोलते हुए वो अपने ब्लाउज को खोलने लगी. मेरा लंड भी हलचल में आ गया और मैं मुस्करा कर अपने कपड़े खोलने लगा. अगले दो मिनट में हम दोनों के दोनों पूरे नंगे हो गये थे. मैं ताई के ऊपर टूट पड़ा. उनके जिस्म को हर जगह से चूमने चाटने लगा.
ताई भी मेरे लंड को पकड़ कर मुठ मारने लगी. मैंने उसकी चूत को जैसे अपने दांतों से काटते हुए खाना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में ताई अब चुदाई के लिए तड़पने लगी और मैं भी जोश में आ गया.
मैंने ताई की चूत में लंड देकर उनको चोदना शुरू कर दिया. दोनों ने 20 मिनट तक चुदाई के मजे लिये और फिर साथ में झड़ गये.
उस रात मैंने तीन बार ताई की चूत चोदी और फिर हम थक कर सो गये.
अगली सुबह ताई मेरे साथ बिस्तर पर नंगी सो रही थी. मैंने उनकी चूचियों को छेड़ा तो वो जाग गयी. मेरा लंड टनटना रहा था.
मैंने ताई के मुंह के पास लंड कर दिया.
वो बोली- क्या कर रहा है?
मैंने कहा- ये भी आपसे प्यार करता है. इसको भी प्यार दे दो.
वो बोली- मैंने कभी ऐसा नहीं किया. तेरे ताऊ जी तो बस चूत में डालते थे. उन्होंने मेरे मुंह में कभी अपना लंड नहीं दिया. मुझे घिन्न आती है इससे.
मैंने कहा- आपने तो फिर कुछ किया ही नहीं. लो मैं आपको दिखाता हूं.
मैंने ताई के सामने ब्लू फिल्म चला दी जिसमें एक औरत एक आदमी के लंड को मस्ती में चूस रही थी.
ताई बोली- ऐसा भी करते हैं क्या, ये तो इसके पीछे भी डाल रहा है, मैंने तो आज तक कभी अपनी गांड नहीं मरवाई.
ये सुन कर मैं खुश हो गया. मैंने सोचा कि मुझे कुंवारी चूत न सही कम से कम कुंवारी गांड तो मिली. मगर ताई ने गांड चुदवाने के लिए मना कर दिया.
फिर मैंने भी जोर नहीं दिया. मैंने सोचा कि धीरे धीरे इनको गांड चुदाई के लिए भी मना लूंगा. उसके बाद मैंने मां और पापा के आने तक ताई के साथ बहुत मजे लिये.
उसके बाद मां और पापा आ गये. अब हम दोनों को चुदाई का मौका बहुत कम मिलता था. फिर 2-3 महीने के बाद मुझे इंदौर जाना था. मेरा आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज में एडमिशन हो गया था.
मैंने सोचा कि क्यों न इंदौर में ताई को अपने साथ ले जाऊं. मैंने मां और पापा से इस बारे में बात की और उनको बताया कि मुझे वहां फ्लैट पर अकेले रहना पड़ेगा. मुझे खाने की भी दिक्कत होगी. मैं सोच रहा हूं कि ताई को ले जाऊं अपने साथ.
मां और पापा ने सोचने के बाद हां कर दी. मैं खुश हो गया. अब मैं और ताई दोनों एक साथ इंदौर में एक फ्लैट में रहने लगे. वहां पर मैंने ताई के साथ खूब मजे किये.
मैं उनको सेक्स वीडियो दिखा दिखा कर चोदता था. जैसे वीडियो में चुदाई होती थी वैसे ही हम लोग भी किया करते थे. कभी बाथरूम में, कभी हॉल में, कभी किचन में. हमने हर जगह चुदाई के मजे लिये. रोज रोज चुदाई होने के कारण अब मुझे चूत में कम मजा आने लगा था.
ताई को मैंने गांड चुदाई के लिये पूछा तो उन्होंने मना कर दिया. वो कहने लगी कि उनको ये सब बहुत गंदा लगता है.
मेरे बहुत मनाने के बाद उसने गांड चुदवाने के लिए हां की. मगर एक शर्त भी रख दी कि चुदाई आराम से होगी. दर्द नहीं होना चाहिए.
मैंने भी उनकी बात मान ली. फिर मैं कॉलेज से आने के बाद उनको शॉपिंग के लिए ले गया. वहां मार्केट से मैंने उनको एक सेक्सी ड्रेस दिलवा दी जिसके साथ में ब्लैक ब्रा, पैंटी, बैकलेस और स्लीवलेस ब्लाउज वाली साड़ी भी थी.
उसके बाद मैं उनको पार्लर में ले गया. वहां पर मैंने उनका दुल्हन वाला मेकअप करवाया. उसके बाद मैंने मेडीकल शॉप से हनीमून पैक्ड वाली कॉन्डम ली. उसके बाद मैं उनको घर लेकर आया.
ताई तैयार होने के लिए गयी. जब वो साड़ी पहन कर आई तो उसमें एकदम से माल लग रही थी. उनको देखते ही मेरा लंड टनटना गया. मैंने उनको छोटे साइज की ब्रा दिलवाई थी ताकि उनके बूब्स उसमें कसे हुए दिखाई पड़ें और वो सच में काफी सेक्सी लग रहे थे.
मैं ताई के पास गया और उनको किस करने लगा. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैंने धीरे धीरे से उनकी साड़़ी को उतारना शुरू किया. उनके पेट पर हाथ फिराने लगा. फिर मैंने उनको नाभि पर किस किया.
उसके बाद मैं उनको बेड पर ले गया और एक एक करके उनके सारे कपड़े उतार दिये. ताई ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिये. मैंने उनके सामने लंड को हिलाना शुरू कर दिया. एक हाथ से मैं लंड को हिला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूत को छेड़ रहा था.
मैंने उनको लंड चूसने का इशारा किया. वो घुटनों के बल बैठ गयी और पहली बार उन्होंने मेरे लंड को मुंह में लिया. एक बार तो उनको अच्छा नहीं लगा मगर फिर मजा लेकर चूसने लगी. मुझे स्वर्ग सा आनंद मिल रहा था.
उसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये. मैं ताई की चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को चूसती रही. ऐसे ही करते हुए हम दोनों एक दूसरे के मुंह में ही झड़ गये. कुछ देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे.
कुछ देर के बाद मैंने फिर से उनके मुंह में लंड देकर चुसवाना शुरू कर दिया. ताई ने मेरे लंड को चूस चूस कर पांच मिनट में फिर से खड़ा कर दिया. उसके बाद मैंने उनकी गांड में उंगली करनी शुरू कर दी.
अब ताई को भी मजा आने लगा. उसके बाद मैंने उनकी गांड में उंगली से तेल लगाना शुरू कर दिया. दो मिनट में ही मैंने उनकी गांड तेल से भर दी ताकि लंड आसानी से फिसल कर ताई की गांड में घुस जाये.
फिर मैंने अपने लंड पर कॉन्डम लगा लिया.
वो बोली- तुमने आज से पहले तो कभी ये नहीं लगाया, फिर आज क्यों लगा रहे हो?
मैंने कहा- इसको लगाने से आपको दर्द कम होगा और मजा ज्यादा आयेगा.
पूरी तैयारी होने के बाद अब आखिरकार गांड चुदाई की बारी थी. मैंने ताई की गांड पर लंड को रगडना शुरू कर दिया. उनको मजा आने लगा और वो अब खुद ही लंड को अंदर डालने के लिए कहने लगी.
मैंने धीरे धीरे करके लंड को अंदर सरकाने की कोशिश करना शुरू किया. उनको हल्का हल्का दर्द होने लगा. मगर मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड उनकी गांड में उतार दिया. ताई की गांड दर्द कर रही थी मगर अब मैं नहीं रुक सकता था.
एक बार मैंने लंड को निकाला और फिर से पूरा लंड उनकी गांड में ठूंस दिया. ताई की गांड फट गयी. वो जोर जोर से रोने लगी. मगर मैं रुका नहीं. मैं गांड में लंड पेलता रहा और दो मिनट के बाद उनको भी चुदाई में मजा आने लगा.
अब वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी. हम दोनों चुदाई में मस्त हो गये. मैं ताई को कुतिया बना कर उनकी गांड को पेल रहा था और ताई भी मस्ती में पिलवा रही थी.
20-25 मिनट तक मैंने वैसे ही कुतिया वाली पोजीशन में उनकी गांड को पेला. इस दौरान वो 2 बार झड़ भी गयी थी. उसके बाद मैं भी उनकी गांड में ही झड़ गया और उनके ऊपर लेट कर हांफने लगा.
जब मैंने उठ कर लंड को बाहर निकाला तो देखा कि कॉन्डम पर खून लगा हुआ था और ताई की गांड से भी खून आ रहा था. कॉन्डम पर खून और वीर्य का मिश्रण सा लगा हुआ था. मैंने उसको निकाल कर फेंक दिया और दोबारा से लंड को हिला हिला कर खड़ा करने लगा.
ताई ने मना कर दिया और बोली कि अब मैं और नहीं करवा सकती हूं. अब जो करना है वो कल ही करेंगे. मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने भी उनकी बात मान ली.
उसके बाद उन्होंने मेरे खड़े लंड को मुंह में लेकर शांत किया. ताई मेरे लंड के सारे माल को अंदर पी गयी. मुझे बहुत मजा आया और फिर हम सो गये.
अगली सुबह उठे तो ताई की गांड बहुत दर्द कर रही थी. उनसे उठा भी नहीं जा रहा था. उस दिन फिर मैं कॉलेज में भी नहीं गया. मैंने उनको एक पेन किलर लाकर दी. गोली खाने के बाद उनको थोड़ा आराम हुआ.
उस दिन के बाद से मैं ताई की गांड और चूत दोनों ही चोदने लगा. अब भी मैं ताई के साथ ही रहता हूं. अब वो पहले की तरह चुदाई नहीं करवा पाती हैं. अब तो मैंने उनकी गांड को चोद चोद कर चौड़ी कर दिया है इसलिए अब गांड चोदने में भी वो मजा नहीं रहा.
मगर जब मुझे कोई और नहीं मिलता तो मैं उनकी गांड को चोद कर ही काम चला लेता हूं या फिर जब बहुत मन होता है तो मैं उनको सेक्स की दवा खिला कर गर्म कर देता हूं और फिर वो भी मस्ती में मेरे साथ सेक्स के पूरे मजे लेती है.
दोस्तो, आपको मेरी यह फैमिली सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे इसके बारे में जरूर बताना. जल्दी ही मैं आपके लिए अपनी एक और स्टोरी लेकर आऊंगा जिसमें मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने एक लड़के की गांड चुदाई की. लड़के की गांड चुदाई का अपना पहला एक्सपीरियंस आपके साथ शेयर करूंगा. आप कहानी पर कमेंट्स में अवश्य अपने विचार बतायें.