पति से परेशान मौसी ने मेरे लंड की सवारी की – Mausi ki Chudai

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Xxx मौसी चुदाई कहानी में मैंने अपनी सगी मौसी की चूत का बैंड बजाया. मैंने उनके घर रहने गया था. रात को मौसी मेरे साथ सोई. उसके बाद क्या हुआ?

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं अभी बरेली से पॉलिटेक्निक कर रहा हूँ.

आज मैं आपको अपनी Xxx मौसी चुदाई कहानी में बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी सगी मौसी की चूत का बैंड बजाया.

दोस्तो, मेरी मौसी का नाम अंजलि है. वो देखने में एकदम पटाखा लगती हैं.

उनको देखकर किसी की भी नीयत फिर सकती है.

मौसी का फिगर 36-30-38 का है. वो एकदम रूप की रानी हैं. उनकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी हैं कि किसी का भी लंड उनके आमों को देखकर ही खड़ा हो जाएगा.

फिर उनकी मटकती गांड का तो पूछो ही मत.

मौसी के दो बच्चे हैं. वो अभी छोटे हैं.

मेरे मौसा जी मुंबई में काम करते हैं और जल्दी घर नहीं आते हैं क्योंकि उनका उधर खुद का बिजनेस है.

मैं अपने सेकेंड सेम का एग्जाम देकर घर आ रहा था. घर पर आ जाने के बाद मैं दोस्तों के साथ में इधर उधर घूमता रहता था. मेरा समय नहीं कट रहा था.

एक दिन मौसी का फोन आया कि राहुल अभी तुम्हारे एग्जाम भी ख़त्म हो गए हैं. मेरे घर आ जाओ ना.

मैंने कहा- ओके मौसी, मैं अगले हफ्ते आपके घर आ जाऊंगा.

जब मैं उनके घर पहुंचा तो उनके दोनों बच्चे घर पर नहीं थे. वो कहीं दोस्तों के साथ में खेलने गए थे.

मौसी मुझे देखकर बहुत ही ख़ुश हुईं.

मैं तो मौसी को देखकर पागल ही हो गया.

दोस्तो, आपने देखा होगा कि औरत की उम्र बढ़ने के साथ उसकी इच्छाएं धीरे धीरे ख़त्म होने लगती हैं, चाहे वो सेक्स की हों या फैशन करने की हों.

मगर मेरी मौसी के अन्दर ये एक भी कमी नहीं थी.

मुझे लगता था कि जैसे जैसे उनकी उम्र बढ़ रही है, वैसे ही उनकी सुन्दरता भी बढ़ रही है.

मौसी मुझे बिठा कर अन्दर गईं और पानी लाईं.

जब मौसी मुझे पानी देने के लिए झुकीं तो मुझे उनकी दोनों चूचियों के दर्शन हो गए. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.

मैं एकदम से अवाक सा रह गया.

मुझे देखकर मौसी ने कहा- क्या हुआ?

मैंने कहा- मौसी आप अब भी कितनी अच्छी लगती हो. आपके सामने तो फिल्म की हीरोइन भी फेल हैं.

मौसी ने हंसकर कहा- चल, मौसी को मक्खन मत लगा. मैं अकेले बोर हो जाती हूँ. मेरे दोनों लड़के हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलते रहते हैं. मेरी तो कोई बात ही नहीं सुनता है. तुम्हारे मौसा जी की तो पूछो ही मत, पता नहीं उन्हें क्या हो गया है. वो तो घर आने का नाम ही नहीं लेते हैं.

मैं उनकी यह बात सुनकर बोल पड़ा- मौसी, हो सकता है मौसा अपने काम में ज्यादा बिज़ी हों.

मौसी बोलीं- काम के साथ साथ घरवाली का भी ध्यान रखना जरूरी है.

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हम दोनों ऐसे ही कुछ समय बातें करते रहे.

शाम हो गई थी.

मौसी मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आईं और बोलीं- राहुल लो नाश्ता कर ले, मैं खाना बनाने जा रही हूँ.

मैं नाश्ता करने के बाद बाथरूम में गया.

उधर मौसी की ब्रा पड़ी थी. मैंने मौसी की ब्रा को सूंघकर गहरी सांस ली.

मेरा लंड हिलाने का मन करने लगा.

मैं मौसी की ब्रा को लेकर अपने लंड पर लपेटकर लंड हिलाने लगा.

आह इतना मजा आ रहा था कि पूछो ही मत.

कुछ समय बाद मैंने अपना माल उसी ब्रा पर छोड़ दिया और बाहर आ गया.

शाम को हम सभी जब खाना खाने के लिए बैठे, तो मेरा ध्यान तो मौसी के मम्मों पर ही था.

मैं क्या बताऊं दोस्तो, मेरे तो लंड में खुजली होने लगी कि मैं कैसे भी करके अपनी मौसी की चुदाई करके ही रहूँगा.

खाना खाने के बाद में मैं गेस्टरूम में जाकर सोने लगा.

तभी मेरी मौसी मेरे पास आकर बोलीं- क्यों राहुल क्या हुआ … बड़ी जल्दी सो रहा है?

मैंने कहा- नहीं मौसी, अभी तो मैं जाग ही रहा हूँ.

मौसी ने एक ऐसा कदम उठाया कि मेरे लंड में आग लग गई.

मौसी मेरी रज़ाई में टांग डालकर बैठ गईं और कहने लगीं- और बता … घर का हाल चाल है.

मैंने कहा- सब सही है मौसी.

मेरी मौसी बहुत सारी इधर उधर की बातें बताने लगीं. सुनते सुनते मुझे और मौसी को कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.

जब मेरी नींद रात को करीब एक बजे खुली, तो मुझे लगा मानो मेरे ऊपर कोई चीज से दबाव डाला जा रहा हो.

मैंने अपनी आंखें खोलीं तो देखा मौसी की चूचियां मेरे सीने को एक बाजू से दबा रही थीं.

मौसी की चूचियों को देखकर लगा कि मौसी की दोनों मुसम्मियों को निचोड़ लूं.

पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और मैं अपना लंड हाथ से हिलाने लगा.

मुझे नहीं पता था कि मेरी मौसी की चूत बगल में ही चुदने पड़ी थी.

बस मैं लंड हिलाने लगा और मौसी के मम्मों को देख देख कर अपनी वासना भड़काने लगा. मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.

मेरे लंड हिलाने से मैं भी हिल रहा था इसी वजह से मेरी मौसी की नींद टूट गई और वो जाग गईं.

मैं धीरे से बिना हिले ऐसे ही अपने लंड को छोड़कर सोने का नाटक करने लगा.

जब मौसी ने देखा कि मैं सो रहा हूँ, तो वो भी मेरे से चिपक कर सोने लगीं.

जब मौसी ने मेरे कंबल को अपनी तरफ खींचा और अन्दर से पकड़कर सही करने लगीं. तभी मेरा खड़ा लंड उनके हाथ में आ गया.

वो लंड छूकर डर गईं और देखने लगीं कि यह क्या है.

उस समय मुझे अपनी मौसी को चोदने का भूत सवार था इसलिए मैंने सोने का नाटक जारी रखा, पर लंड में कहां दिमाग होता है. वो अकड़ा रहा.

मौसी ने जब मोबाइल की टॉर्च को लेकर कम्बल के अन्दर देखा, तो वो देखती ही रह गईं.

उन्होंने धीरे से मेरी तरफ देखा और जब मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की, तो वो धीरे से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं.

मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो गया था कि जो मैंने सोचा था, मेरा वो ही काम हो रहा है.

मौसी मेरे खड़े हुए लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं और जब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, तो भला मैं कैसे रुक सकता था.

मैंने भी धीरे से करवट ली और जागने की एक्टिंग करने लगा.

जब मैंने आंख खोली तो मौसी को देखकर कहा- मौसी, आप अभी जाग रही हो?

मेरी मौसी बोलीं- अबे साले, तू भी तो कब से जाग रहा है. अपनी मौसी को पेलने के लिए लंड को बाहर निकाल रखा है.

मैं हंस दिया.

वो बोलीं- मैंने शाम को ही देख लिया था, जब तू मेरी ब्रा पर मुठ मार रहा था. उसी के बाद से मुझे तुझसे चुदने की खुजली होने लगी थी. इसलिए आज मैं तेरे साथ गेस्ट रूम सोने चली आई हूँ.

यह बात सुनकर मैं बोला- मौसी, कसम से आपकी चूत मारकर मैं तो धनी हो जाऊंगा.

वो बोलीं- अब मौसी की चूत की खुजली भी मिटाएगा या फिर ऐसे ही टाइम निकाल देगा!

दोस्तो उनके मुँह से यह बात सुनकर मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गया और मौसी की चूचियों पर टूट पड़ा.

मौसी ने रुका- कपड़े तो खोल लेने दे.

मगर मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था. मैंने उनकी ब्रा उतार डाली और उनकी चूचियों को पीने लगा. अपने दोनों हाथों से जितना हो सकता था, उतना दबाना शुरू कर दिया.

मौसी जोर जोर से बोल रही थीं- आराम से … दर्द हो रहा है.

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मैंने कहा- मौसी, इस दर्द का भी अपना ही मजा है.

उनकी बातों पर मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और लगातार कुछ मिनट तक उनका रस पीने के बाद मुझे उनकी चूत चोदने का मन करने लगा.

मैंने मौसी से कहा- मौसी, आज मैं आपको जन्नत की सैर कराऊंगा.

वो बोलीं- पहले अपने रॉकेट को तो इंजन में लगा.

मैं मौसी की चूत में लंड लगा कर जोर जोर से पेलने लगा.

मौसी मस्ती से चिल्ला रही थीं- आंह … मार दिया साले ने … अपनी मौसी की चूत का भोसड़ा बना दिया … आह.

उनकी बातों को सुनकर मेरा लंड कामुकता से भरपूर हो रहा था.

धकापेल चुदाई चलने लगी थी.

आज मेरा लंड भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.

करीब 15 मिनट की चूत की शहनाई बजाने के बाद मेरा लंड अपनी औकात भूल गया और रोने लगा.

मैं मौसी के ऊपर ही गिर पड़ा.

मौसी ने कहा- बस हो गया … इतना ही दम था … इसी दम पर अपनी मौसी की चुदाई करना चाह रहा था. अभी तो मैं गांड नहीं मरवाई और तुम्हारा ये हाल हो गया है.

मैंने मौसी से कहा- मौसी अब नहीं … मेरा लंड खड़ा होगा, तब मैं आपकी गांड भी मारूंगा.

यह सुनकर मेरी मौसी बोलीं- जो लंड मेरी चूचियों को देखकर खड़ा हो जाता है, उसे मुझे खड़ा करने में ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी.

मैं लेट गया.

मेरी मौसी बहुत सारी इधर उधर की बातें बताने लगीं. सुनते सुनते मुझे और मौसी को कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.

जब मेरी नींद रात को करीब एक बजे खुली, तो मुझे लगा मानो मेरे ऊपर कोई चीज से दबाव डाला जा रहा हो.

मैंने अपनी आंखें खोलीं तो देखा मौसी की चूचियां मेरे सीने को एक बाजू से दबा रही थीं.

मौसी की चूचियों को देखकर लगा कि मौसी की दोनों मुसम्मियों को निचोड़ लूं.

पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और मैं अपना लंड हाथ से हिलाने लगा.

मुझे नहीं पता था कि मेरी मौसी की चूत बगल में ही चुदने पड़ी थी.

बस मैं लंड हिलाने लगा और मौसी के मम्मों को देख देख कर अपनी वासना भड़काने लगा. मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.

मेरे लंड हिलाने से मैं भी हिल रहा था इसी वजह से मेरी मौसी की नींद टूट गई और वो जाग गईं.

मैं धीरे से बिना हिले ऐसे ही अपने लंड को छोड़कर सोने का नाटक करने लगा.

जब मौसी ने देखा कि मैं सो रहा हूँ, तो वो भी मेरे से चिपक कर सोने लगीं.

जब मौसी ने मेरे कंबल को अपनी तरफ खींचा और अन्दर से पकड़कर सही करने लगीं. तभी मेरा खड़ा लंड उनके हाथ में आ गया.

वो लंड छूकर डर गईं और देखने लगीं कि यह क्या है.

उस समय मुझे अपनी मौसी को चोदने का भूत सवार था इसलिए मैंने सोने का नाटक जारी रखा, पर लंड में कहां दिमाग होता है. वो अकड़ा रहा.

मौसी ने जब मोबाइल की टॉर्च को लेकर कम्बल के अन्दर देखा, तो वो देखती ही रह गईं.

उन्होंने धीरे से मेरी तरफ देखा और जब मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की, तो वो धीरे से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं.

मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो गया था कि जो मैंने सोचा था, मेरा वो ही काम हो रहा है.

मौसी मेरे खड़े हुए लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं और जब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, तो भला मैं कैसे रुक सकता था.

मैंने भी धीरे से करवट ली और जागने की एक्टिंग करने लगा.

जब मैंने आंख खोली तो मौसी को देखकर कहा- मौसी, आप अभी जाग रही हो?

मेरी मौसी बोलीं- अबे साले, तू भी तो कब से जाग रहा है. अपनी मौसी को पेलने के लिए लंड को बाहर निकाल रखा है.

मैं हंस दिया.

वो बोलीं- मैंने शाम को ही देख लिया था, जब तू मेरी ब्रा पर मुठ मार रहा था. उसी के बाद से मुझे तुझसे चुदने की खुजली होने लगी थी. इसलिए आज मैं तेरे साथ गेस्ट रूम सोने चली आई हूँ.

यह बात सुनकर मैं बोला- मौसी, कसम से आपकी चूत मारकर मैं तो धनी हो जाऊंगा.

वो बोलीं- अब मौसी की चूत की खुजली भी मिटाएगा या फिर ऐसे ही टाइम निकाल देगा!

दोस्तो उनके मुँह से यह बात सुनकर मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गया और मौसी की चूचियों पर टूट पड़ा.

मौसी ने रुका- कपड़े तो खोल लेने दे.

मगर मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था. मैंने उनकी ब्रा उतार डाली और उनकी चूचियों को पीने लगा. अपने दोनों हाथों से जितना हो सकता था, उतना दबाना शुरू कर दिया.

मौसी जोर जोर से बोल रही थीं- आराम से … दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- मौसी, इस दर्द का भी अपना ही मजा है.

उनकी बातों पर मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और लगातार कुछ मिनट तक उनका रस पीने के बाद मुझे उनकी चूत चोदने का मन करने लगा.

मैंने मौसी से कहा- मौसी, आज मैं आपको जन्नत की सैर कराऊंगा.

वो बोलीं- पहले अपने रॉकेट को तो इंजन में लगा.

मैं मौसी की चूत में लंड लगा कर जोर जोर से पेलने लगा.

मौसी मस्ती से चिल्ला रही थीं- आंह … मार दिया साले ने … अपनी मौसी की चूत का भोसड़ा बना दिया … आह.

उनकी बातों को सुनकर मेरा लंड कामुकता से भरपूर हो रहा था.

धकापेल चुदाई चलने लगी थी.

आज मेरा लंड भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.

करीब 15 मिनट की चूत की शहनाई बजाने के बाद मेरा लंड अपनी औकात भूल गया और रोने लगा.

मैं मौसी के ऊपर ही गिर पड़ा.

मौसी ने कहा- बस हो गया … इतना ही दम था … इसी दम पर अपनी मौसी की चुदाई करना चाह रहा था. अभी तो मैं गांड नहीं मरवाई और तुम्हारा ये हाल हो गया है.

मैंने मौसी से कहा- मौसी अब नहीं … मेरा लंड खड़ा होगा, तब मैं आपकी गांड भी मारूंगा.

यह सुनकर मेरी मौसी बोलीं- जो लंड मेरी चूचियों को देखकर खड़ा हो जाता है, उसे मुझे खड़ा करने में ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी.

मैं लेट गया.

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तभी मौसी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

उनके होंठ पड़ते ही मेरे लंड में पता नहीं कौन सा करंट आ गया.

मौसी ने कहा- देखा, चल अब मेरी गांड मार ले, पता नहीं अब दोबारा कब मौका आएगा.

यह सुनकर एक बार फिर से मैं जोश में आ गया और अपनी मौसी को झुकाकर उनकी गांड में अपना लंड पेल दिया.

लंड घुसते ही मौसी चिल्ला पड़ीं- आह आराम से कर … पूरी रात है. इतनी जल्दी में हो, क्या कहीं जाना हैं?

मैंने कहा- मौसी, आपकी गांड को देखकर मेरा लंड मेरे बस में नहीं है.

मौसी ने हंसते हुए कहा- अच्छा अब तेरा लंड तेरे बस में नहीं है, ये क्यों नहीं कहता कि मौसी की गांड फाड़ना चाहता है.

मैं लगातार उनकी गांड में लंड पेलते हुए उनके मम्मों को दबा रहा था.

मेरा मन तो भर ही नहीं रहा था.

मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अपनी मौसी के साथ में ही रहने लगूँ और जब मेरा मन करे, तब उनकी चूत में अपना लंड डालकर अपने मन को तृप्त करता रहूँ.

एक घंटे मौसी की चुदाई करने के बाद मुझे नींद आने लगी और मैं अपना लंड मौसी की चूत में डालकर उनके मम्मों को मुँह में लेकर सो गया.

सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा मौसी नाश्ता बना रही थीं और उनके बेटे कोचिंग चले गए थे.

मेरे दिमाग़ से कल का सीन ही नहीं हट रहा था.

मौसी को किचन में देखकर मेरा लंड फिर से तन गया.

मैं धीरे से मौसी के पीछे गया और कसके पकड़ लिया.

मौसी बोलीं- क्या हुआ … कल का भूत अभी भी नहीं उतरा है क्या?

तो मैंने हंसकर कहा- मौसी, आपके इन मम्मों को जब भी देखता हूँ ना तो मेरे लंड में सुरसुरी होने लगती है.

मौसी ने हंसकर कहा- यही बात है तो आ जाओ और अपने लंड को एक बार और तृप्त कर लो.

मैंने कहा- आपके दोनों बालक किधर गए हैं?

मौसी ने कहा- घर पर कोई नहीं है, कल का जो बाकी हिसाब रह गया था, आज वो पूरा चुकता कर लो.

मैं अपनी मौसी की चूचियों को फिर से मुँह में डालकर पीने लगा.

मेरी मौसी फिर से गर्म होने लगीं और उनके मुँह से मादकता भरी सिसकारियां निकलने लगीं.

मैंने उन्हें किचन की पट्टी पर लेटाकर उनकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और उन्हें फिर से उत्तेजित करने लगा.

मौसी चिल्लाकर कह रही थीं- राहुल बेटा, अपनी मौसी की चूत जल्दी से मार दे, मुझे इतना परेशान ना कर.

मैंने उनसे कहा- मौसी, मैं आपकी चुदाई कितनी भी करूं, लेकिन मेरा मन ही नहीं भरता है.

मौसी बोलीं- कुछ दिन और रुक जा, मैं तेरा मन भर दूँगी.

मैं मान गया और मौसी चुदाई धकापेल करने लगा.

फिर शाम को खाना खाने के बाद मौसी करीब 11 बजे रात में मेरे पास दुल्हन की तरह सज कर आईं और बोलीं- आज मेरी सुहागरात का दिन है, मगर मेरा पति मेरे पास नहीं है.

मैंने बोला- अगर बीवी आप जैसी हो तो मैं आपका पति बनने को तैयार हूँ.

वो बोलीं- बन जा.

फिर मैंने मौसी को बेड पर लेटाया और कहा- ओके मेरी जान, आज हमारी सुहागरात है, आप ऐसा समझो.

मौसी ने कहा- हां आज तुम्हारे साथ पहली बार ही है. आज से तुम ही मेरे पति रहोगे. जो पति अपनी पत्नी की जरूरतों को पूरा ना करे वो किस काम का पति?

फिर मैंने मौसी की घूँघट उठाया और उनके होंठों पर किस करने लगा.

मैं उनकी जवानी से फिर से खेलने लगा.

कुछ समय होने बाद मैंने उनकी साड़ी को उतारना शुरू कर दिया. उनकी पूरी साड़ी और बाकी कपड़े उतारने के बाद वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थीं.

मैं अपना लंड उनकी चूत में डालकर पेलने लगा और उनके होंठों पर किस करते हुए मैंने उन्हें रात भर में 4 बार चोदा.

अब मौसी को जब भी चुदने का मन होता है. वो मेरे पास फोन कर देती हैं और मैं तुरंत जाकर उनकी बलखाती चूचियों पर टूट पड़ता हूँ.

दोस्तो, मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी यह Xxx मौसी चुदाई कहानी अच्छी लगी होगी.

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