Train Mein Chudai सेक्स कहानी में मैं अपनी बीवी की सहेली को चोदना चाह रहा था कि एक बार वह मेरे साथ ट्रेन में लंबा सफ़र करने वाली थी. मैंने ट्रेन में ही जुगाड़ बनाया.
फ्रेंड्स, मैं आपको अपनी बीवी की सहेली मधुलिका की ट्रेन में चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग : – बीवी की फ्रेंड को चोदने की तम्मन्ना ट्रैन में पूरी की – Train Mein Chudai
में अब तक आपने पढ़ा था कि मधुलिका मेरे साथ सेक्स करने के लिए राजी हो गई थी.
अब आगे
मैंने आगे बढ़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
उसकी गर्म आहें और भारी सांसें मेरी सांसों से टकरा रही थीं.
उसके होंठों को मैंने अपने होंठों में भर लिया.
अब वह मछली की तरह मेरी बांहों में मचल उठी और तुरंत अपना हाथ निकाल कर किसी चुदासी कुतिया की तरह मुझसे चिपट गई.
वह मुझे चूमने चाटने लगी.
मेरे पूरे बदन में सिहरन सी होने लगी.
मैं भी मचलने लगा.
उसने कहा- जीजा प्यारे … और गर्म करो मुझे … बड़ा मज़ा आ रहा है.
इतनी देर तक तो मेरे पति ने मुझे कभी गर्म नहीं किया.
इसके बाद मैं उसके चूचों को दोनों हाथों से दबाने लगा.
उसने झट से अपनी टी-शर्ट उतार दी.
टी-शर्ट के हटते ही उसके दो बॉल जैसे चिकने गोरे चूचे, काले रंग की 34B ब्रा से झांकने लगे.
मैंने उसकी जींस का बटन खोल दिया और जींस उतार दी.
अब उसका संगमरमर जैसा सफ़ेद चिकना बदन सामने था.
वह सिर्फ एक काली पैंटी ब्रा पहने हुई थी.
उसका यह रूप मुझे पूरी तरह उत्तेजित कर गया था.
इसके बाद वह खड़ी हो गई और उसने मेरे सारे कपड़े जल्दी जल्दी उतार दिए.
अब मैं केवल अंडरवियर में था जिसके ऊपर से मेरे लौड़े का उभार साफ़ नज़र आ रहा था.
उसने मेरे नंगे भरे बदन को देख कर कहा- जीजा प्यारे … पहले पता होता कि तुम इतने सेक्सी हो तो मैं कब का तुमसे चुद चुकी होती!
वाइफ की फ्रेंड सेक्स के लिए उतावली लग रही थी.
मैंने कहा- जानेमन, मुझे भी यह अगर पहले पता होता कि तुम चुदासी कुतिया हो … तो मैं कब का तुमको चोद चुका होता … चल अब तू मुझसे चुद ले मादरचोदी.
उसने अपने कोमल हाथों से मेरी चड्डी के ऊपर से मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया.
मेरा लंड खड़ा होकर सख़्त गर्म रॉड की तरह हो गया.
लंड मसलते हुए उसने मेरी छाती का निप्पल अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
अब मेरे लंड के साथ मेरी गोलियां भी टाइट होने लगी थीं.
मेरे बदन से हल्का हल्का पसीना बाहर आ रहा था.
इसके बाद उसने झट से मेरी चड्डी नीचे करके मेरे लंड को मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
उसके मुँह से उम्म उम्म उम्म की आवाज़ आने लगी.
मैं तो पहले ही बहुत गर्म हो गया था.
लंड चूसते चूसते वह मेरी गोलियां चूसने लगी.
मैंने उससे कहा- तुमको गर्म करने का बहुत अनुभव है!
तो उसने कहा- हां सब पोर्न देख देख कर सीखा है.
पर अपने भोसड़ पति को इतना गर्म करने की जरूरत ही नहीं पड़ती.
वह साला एक मिनट में ही फुच्च फुच्च हो जाता है.
मैं हंस दिया.
वह मेरे लंड की गोलियां चूसती गई और मेरे लंड से एक तरल कामुक व चिकना द्रव्य स्रावित होने लगा जिसे मधुलिका ने जीभ से चाट कर खा लिया.
अब मैं जंगली शेर की तरह उस पर झपटा और उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसे अलग फेंक दिया.
उसकी ब्रा को खोलते ही उसके 34 साइज के दूध और भूरे व तने हुए निप्पल देख कर मैं पागल सा हो गया.
मैंने झट से उसके दूध पूरी ताक़त से दबाए और उसके एक निप्पल को मुँह में भर कर चूसने लगा.
उसकी चीख निकल गई- उई माँ मर गई … मुझे लग रही है कुत्ते … धीमे कर.
लेकिन मैंने नहीं छोड़ा और जी भर कर उसके दोनों मम्मों को चूसा.
दूध चूसने के बाद मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
अब उसको बर्थ पर लेटा कर उसकी टांगों को हल्का सा फैलाया और टांगों के बीच में अपना सर घुसेड़ दिया.
मैंने उसकी चूत को देखा, तो चूत ज़्यादा फटी नहीं थी, अभी भी गुलाबी रंग की चूत ही थी.
उसका पति अभी तक उसकी चूत का भोसड़ा नहीं बना पाया था.
मैंने मधुलिका से कहा- तुम्हारी अभी ज़्यादा फटी नहीं है!
उसने कहा- हां, मेरे पति का खड़ा होने के बाद भी 5 इंच का ही होता है और उसका तुम्हारे लंड जितना मोटा भी नहीं है.
साला दो मिनट में ही झड़ जाता है.
आज मुझे यक़ीन हो रहा है कि तुम इसको ज़रूर भोसड़ा बना दोगे!
मैंने कहा- क्यों नहीं जानेमन, अभी लो … भोसड़ा बनाने के लिए ही तो मैं मरा जा रहा हूँ.
मैंने उसकी गुलाबी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
वह गर्म आहें भरने लगी- उम्म उम्मह उम्म और चाटो जीजा प्यारे … आह मेरी चूत का रस पी लो और अपनी प्यास बुझा लो … उम्म उम्म!
अपनी साली की चूत को चाटते हुए उसकी बुर में एक बीच वाली उंगली डाली और कुरेद तो आराम से चली गई.
दूसरी डाली तो आधी ही गई.
फिर दोनों उंगली निकाल कर उसके मुँह में डाल दीं और थूक से चिकनी करके फिर से जोर लगा कर डालीं, तो घप से चली गईं.
उसके मुँह से आह निकल गई.
मैं उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
मैंने उससे कहा- चल, अब कुतिया बन!
उसने कहा- क्यों पहले गांड चोदोगे क्या?
मैंने कहा- हां.
उसने कहा- नहीं, दर्द होगा.
मैंने पीछे कभी नहीं चुदवाया है.
मैंने कहा- मैं आराम से करूँगा, तुम भरोसा करो.
उसने कहा- नहीं. आगे की लो.
वह नहीं मान रही थी … लेकिन मेरा मन उसकी गांड मारने का ही ज़्यादा था क्योंकि उसकी गांड ही लंड खड़ा कर देती थी.
मैंने कहा- अच्छा सीधी लेट जाओ.
मैंने उसे सीधी लेटा दिया और अपने सामान से निरोध निकाल कर उसे पकड़ा दिया.
उसने पैकेट फाड़ा और निरोध को मेरे लंड पर अच्छे से चढ़ा दिया.
वह लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
कुछ देर चूसने के बाद उसने कहा- मेरा फ़ैवरेट फ्लेवर लाए हो!
मैंने कहा- और क्या … मुझे पता है तुम्हारा टेस्ट.
इसके बाद मैंने उसकी टांगें उठाईं और अपने लंड के सुपारे को उसकी चूत की फांकों पर घिसने लगा.
वह गर्म होकर लंड लेने को छटपटा रही थी.
उसके मुँह से आहें निकल रही थीं- आह आह उम्म उम्म.
तभी मैंने झटके से लंड से प्रहार किया.
मेरा लंड चूत फाड़ते हुए पूरा अन्दर चला गया.
वह चीख पड़ी- आह मादरचोद … मर गई.
उसकी आंख से आंसू निकल आए और मेरी आंख से भी … क्योंकि उसकी चूत टाइट थी और मैंने बहुत जोर से पेला था.
फिर मैंने धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया.
अब उसे आनन्द आने लगा.
मुझे भी ऐसा लग रहा था कि लंड किसी गर्म भट्टी की दीवार से रगड़ रहा है.
वह आहें भरती हुई कह रही थी- आह आह उम्म उफ उफ़ … चोद डाल चोद डाल मुझको … जीजा भोसड़ी वाले … चोद मुझे … मेरा सारा पानी निकाल दे … आज बुझा दे मेरी प्यास और तेजी से चोद बहन के लौड़े!
मैंने अपने लंड की गति को और बढ़ा दिया और तेज तेज अन्दर तक झटके देने लगा.
उसकी चूत से पक पक की अवाज आने लगी और वह खूब मचलने लगी.
मैं दोनों हाथ चूचियों पर रख कर मसलने लगा, निप्पल मींजने लगा.
वह और तेज़ आहें भरने लगी- आह उफ़्फ उफ़ … फाड़ दी तूने चूत … मादरचोद आह आह मैं झड़ रही हूँ … आह आह मेरा पानी निकल रहा है.
इतने में उसका ख़ुशबूदार काम रस बाहर आ गया.
चूत के रस की सुगंध क्या मस्त सुगंध थी.
मैंने कहा- मैं अभी नहीं झड़ा हूँ, चल कुतिया बन!
उसने कहा- नहीं, मैं गांड नहीं चुदवाऊंगी … दर्द होगा.
मैंने कहा- रंडी रोना नहीं … चुपचाप चुदवा ले छिनाल कहीं की.
उसने कहा- नहीं.
मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने कहा- अगर नहीं चुदवाया तो इस चुदाई का वीडियो मैं अभी तुरंत तुम्हारे पति को भेज दूँगा क्योंकि मैंने यहां स्पाई कैम लगा दिया है और सारी रिकॉर्डिंग मेरे फ़ोन में सेव हो रही है.
उसने कहा- नहीं नहीं ऐसा मत करो … मैं तैयार हूँ लेकिन आराम से करना, दर्द होगा.
मैंने कहा- दर्द तो पहली बार सील तुड़वाने में भी हुआ होगा, लेकिन बाद में मजा तो आया होगा ना!
उसने कहा- हां.
मैंने कहा- बस वैसे ही इसमें भी है.
मैंने अपने लंड से निरोध निकाल कर नीचे फेंका और दूसरा निरोध निकाल कर पकड़ा दिया.
मधुलिका ने अपने हाथों से निरोध मुझे पहनाया.
मैंने उसे कुतिया बनाया और उसकी मख़मली गांड पर एक थप्पड़ मारा.
उसकी गांड लाल हो गई.
फिर उसकी गोरी गांड को फैलाया तो भूरे रंग का गांड का छोटा सा छेद दिखा.
मैं उसके छेद की सिलवटों पर जीभ को फिराने लगा.
मधुलिका को अच्छा लगने लगा.
वह कहने लगी- गांड चटवाने में मुझे चूत चटवाने से भी ज़्यादा उत्तेजना हो रही है … आह और चाटो मेरे छेद को.
मैं छेद को चाटते हुए उसके छेद में अपनी जीभ को घुसेड़ने लगा और उसकी गांड के छेद का नमकीन स्वाद मुझे कामुक बनाने लगा.
मैंने अपने कसे हुए रॉड जैसे लंड टोपे पर अपना थूक लगाया और ढेर सारे थूक से मधुलिका की गांड के छेद को नहला दिया.
फिर लंड के टोपे को उसकी गांड के छेद पर रख कर धीरे धीरे जोर लगाने लगा.
मेरे लंड का टोपा धीरे धीरे उसकी गांड में जाने लगा.
उसकी चीख निकलने लगी- उयी मम्मी … मर गई … हाय उफ़ आह आह जीजा मर जाऊंगी …
एक तो तुम्हारा मोटा लंबा लंड है …
ऊपर से तुमने डॉटेड निरोध पहना है साले ऐसा लग रहा है जैसे नागफनी का पत्ता घुसा दिया है.
मैंने कहा- साली मादरचोद यह जो तू 36 इंच की फूली हुई गांड लेकर चलती ना … आज इसको फाड़ कर रख दूँगा मैं … ले माँ की लौड़ी रंडी.
इतना कह कर मैं ट्रेन की रफ़्तार में झटके देने लगा.
फट्ट फट्ट फट्ट की आवाज़ उसकी गांड से आती रही और मेरे झटके इतने जोर के होने लगे थे कि मेरा निरोध अन्दर फट गया.
वह चीखती रही.
मैं उसी स्पीड में उसे चोदता रहा और मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.
सारा गाढ़ा ढेर सारा माल उसकी गांड में ही भर दिया.
वह पूरी तरह से थक के टूट गई थी.
उसने कहा- तुम्हारा सड़का मेरी गांड में भर गया है, इसे निकाल साले!
मैंने अपना हाथ तुरंत उसकी गांड के नीचे किया.
उसने जोर लगाया, तो एक जोड़ की आवाज़ पुर्र पुर्र पुर्र के साथ सारा सड़का मेरे हाथ में आ गया.
मैंने उसे दिखाया.
उसने कहा- बहुत ही गाढ़ा माल है, मैं इसे पियूँगी.
मैंने उसे अपना माल तुरंत अपने हाथों से उसे पिला दिया और हम दोनों चिपक कर सो गए.
अगले दिन ग्यारह बजे हमारी ट्रेन गोरखपुर पहुंच गई और हमने शादी अटेंड की.
तब से आज तक इस बात को दो साल हो गए हैं.
किसी को पता भी नहीं चला है.
आज भी जब मौक़ा मिलता है, वह घर में अकेली होती है तो उसको जाकर चोद आता हूँ.
मज़े की बात बताऊं कि ट्रेन में गांड मरवाने बाद से आज तक वह सबसे ज़्यादा मुझसे गांड ही मरवाती है.
दोस्तो, अब विदा लेता हूँ.
मुझे उम्मीद है कि आप सबको सेक्स कहानी ज़रूर पसंद आयी होगी.
अपनी अगली सेक्स कहानी के साथ मैं जल्द आपसे मिलूँगा.
और हां, यह Xxx वाइफ फ्रेंड सेक्स कहानी कैसी लगी, आप कमेंट में रिप्लाई ज़रूर करें.