नमस्ते दोस्तो, मैं आपकी अपनी अंजलि भाभी, जामनगर, गुजरात से हूं।
उम्र 32 साल एक घरेलू महिला हूं लेकिन हूं बिल्कुल ठरकी। मुझे हर बार एक नया लन्ड चाहिए होता है।
मैंने अपनी सारी इंट्रो पहली कहानी में दे दी थी।
मेरी पहली कहानी
बुर की सील की डील टीचर से
आपने पढ़ी होगी।
उसमें मैंने बताया था कि कैसे मैं एक कमसिन लड़की अपनी मॉम का ठरकपन देखते हुए बड़ी हो रही थी।
यह Xxx माँ बेटी सेक्स कहानी बहुत समय पहले की है.
मेरी मॉम शिल्पा शर्मा, एक 39 साल की ठरकी और सेक्सी औरत थी उस समय … जो ना जाने कितने लन्ड अपने चूत, मुंह और गांड में ले चुकी है और हर बार कोई नया लन्ड लेना चाहती हैं।
और ये भी बात है कि मॉम को जवान लौड़े ज्यादा पसंद है। तो मॉम अपनी बुटीक से गुठलियां मार कर नए लौड़े ले लेती।
हमारी कॉलोनी के, बिरादरी के, और न जाने कितने लौड़ों पर उसकी हमेशा नजर रहती।
वो अपनी अदाओं से और सुडौल काया से हर एक पुरुष को अपनी और आकर्षित करती।
न जाने कितने लन्ड वो चलते फिरते खड़े करती और कितनों से उसे आभास करवा के मुठ मरवाती।
मेरी मम्मी एकदम कड़क आंटी माल थी।
उसकी बड़ी बड़ी आंखें, नर्म गुलाबी ओंठ और उन पर शरारती मुस्कान, बड़ी और मांसल चूचियां जो हर वक्त लो कट ब्लाउज में आधे से ज्यादा बाहर आती।
मादक और सेक्सी नाभी, बिल्कुल मल्लू आंटी।
उसके मोटे मोटे चूतड किसी सेक्स देवी से तुलनात्मक बनाते।
मॉम अक्सर साड़ी ही पहनती और साथ में स्लीवलेस ब्लाउज … तो उसमें वो और भी मादक दिखती।
उस समय मॉम की उम्र लगभग 40 के आसपास थी. मगर वो लगती नहीं थी. इतना कसा हुआ जिस्म था मेरी मॉम का।
मर्द तो मर्द मैं भी मॉम की जवानी और मादकता की दीवानी हो रही थी।
अक्सर मैं उसे नहाते हुए या कपड़े बदलते देखती और उसकी कामुकता की कायल होती।
जैसा कि मैंने बताया था कि मेरी मॉम कितनी बड़ी ठरकी और चुदक्कड़ औरत है.
और उसके एक एक कारनामे अब मैं भी जानने लगी थी।
वो हर प्रकार से अपने आप को संतुष्ट करती, मतलब कि लड़के, मर्द साथ ही साथ औरतें भी।
एक दिन की बात है, मैं उसके बुटीक पे गई तो मैंने उसे उसके एक फ्रेंड माधवी आंटी के साथ चुम्मा चाटी करते वक्त खुद देख लिया।
दोपहर का वक्त था तो बुटीक में कोई नहीं था।
मैं उसे बिना बताए ही वहां गई।
वहां एकदम सन्नाटा था।
मैं इधर उधर मॉम को ढूंढती हुई ट्रायल रूम तक गई, तो वहाँ से मुझे कुछ आवाजें आ रही थी।
तो मैंने की होल से देखने की कोशिश की तो अंदर का नजारा देखने लायक था।
मॉम और माधवी आंटी एक दूसरे से लिपटी हुई थी और जबरदस्त फोरप्ले किस करने में लगी थी।
मेरी मॉम साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज में थी और आंटी बड़े गले वाले टी शर्ट और जींस में!
मैं तो हैरान रह गई कि मेरी मॉम कितनी बाजारू किस्म की औरत है जो अपनी प्यास बुझाने के लिए एक औरत तक को नहीं छोड़ती।
खैर मैं यह नजारा मिस नहीं करना चाहती थी।
मेरी तो उत्सुकता और बढ़ती जा रही थी।
अब मैंने देखा कि मॉम माधवी आंटी को किस करते हुए उनके मम्मे दबाने लगी थी।
आंटी भी मॉम को पूरा साथ दे रही थी।
अब वो भी मॉम के बड़े बड़े बूब्स को दोनो हाथों से मसल रही थी और अपनी चूत को मॉम के चूत से कपड़ों के ऊपर से ही घिसने की कोशिश कर रही थी।
फिर आंटी ने मॉम को घुमाया और बोली- साली कितनी आग हैं तुझमें, छीनाल कहीं की … कितने लन्ड तो लेती है. और फिर मुझे भी अपना शिकार बना दिया है। जो ब्लू फिल्मों में देखती है, वो सब तुझे करना होता है।
मॉम बोली- क्या करूं यार, मेरी प्यास है कि बुझती ही नहीं। मर्द तो मर्द … मुझे तो औरतों में भी अब रुचि आने लगी है … तो सबसे पहले मैं तुझे ही ट्राई करती ना बहन की लौड़ी। आखिर आज तक हमने बहुत सारे चुदाई कांड साथ ही किए हैं या अपने सब सीक्रेट हम दोनों को पता है ना?
इस पर वो दोनों खिल खिलाकर हंसने लगी।
आंटी मॉम को घोड़ी स्टाईल में चोदने की कोशिश कर रही थी, कोशिश भी ऐसी कपड़ों के ऊपर से!
मुझे हंसी भी आ रही थी और वो सीन हॉर्नी भी फील कर रहा था।
फिर मॉम ने पीछे मुड़कर अपनी साड़ी और पेटिकोट को ऊपर उठाया और आंटी ने उनकी पैंटी को नीचे सरका दिया अब मॉम की चूत खुली हुई थी।
जो मुझे साफ साफ दिख रही थी, मॉम की गोरी गोरी जांघें बीच में हल्के बालों वाली चूत कितनी सेक्सी लग रही थी।
अब आंटी अपनी उंगलियों से मॉम की चूत में फिंगरिंग करने लगी।
मॉम साड़ी को उठाए आंखें बंद करके खड़ी थी और सिसकारियां भरने लगी- अह्ह्ह … उह्ह्ह्ह … उम्म्ह्ह … मधु डार्लिंग और तेज और तेज … हय्य यय … ओ माआ … आआआआ!
मॉम इतनी उत्तेजित थी कि जल्दी ही झड़ने लगी और उनकी चूत से पानी निकलने लगा।
अब जाकर वो शांत हो गई और रूमाल निकाल कर अपना पानी जो उनकी टांगों तक गया था उसे पौंछने लगी।
फिर उन्होंने अपनी साड़ी ठीक की।
माधवी आंटी ने मॉम के चूतड़ पर चांटा मारते हुए कहा- साली राण्ड, मुझे क्यों परेशान करती है तेरी लेस्बियन फैंटेसी के लिए! तेरी अंजू भी तो पटाका हो गई है। उसके साथ क्यों नहीं करती? और वो भी तुझसे बड़ी आवारा है। सुना है मैंने … 2-4 अफेयर चल रहे है उसके! काफी रफ्तार पकड़ी है उसने!
इस पर मॉम ने कहा- पता है मुझे, मैं मजे लेती हूं, वो भी ले! लेकिन बात तेरी सही है, देखती हूं उस पे डोरे डाल के … घर में भी मजे लूंगी फिर!
और दोनों शैतानी हंसी हंस पड़ी।
मैं जल्द से वहां से निकल गई और घर आकर सोचने लगी।
बात तो सही थी, मैंने भी तब तक लेस्बियन सेक्स नहीं किया था।
मैं भी ठरकी थी, मेरी सेक्स बॉम्ब मॉम के साथ ये सब करने के विचार भर से मेरी चूत में पानी आ गया।
अब मेरे शैतानी दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न आज रात मॉम को लेस्बियन लव का गिफ्ट दिया जाए।
मुझे पता था कि शुरुआत मैं भी करूं तो मॉम ना कर ही नहीं पायेंगी।
मैंने जानबूझ कर अपने रूम का ए सी खराब होने का नाटक करने का सोचा और इसी तरह मैं रात को मॉम के बेडरूम में जाने का प्लान बनाया।
रात 8 बजे मॉम बुटीक से वापस आई।
पापा भी दुकान से आ गए।
कामवाली ने खाना तैयार रखा था तो हम सबने खाना खाया और सब अपने अपने रूम में चले गए।
गौर करने वाली बात थी कि पापा मॉम भी अलग अलग रूम में सोते थे।
सौतेली माँ को खेतों में ले जा कर रगड़ा – Sauteli Maa ki Chudai
मेरी रण्डी मॉम पापा को करीब भी आने ना देती, उसे तो रोज नया लौड़ा चाहिए होता, और पापा से वो बोर हो चुकी थीं।
यह बात पापा जानते थे … पर करते भी क्या … मॉम उनकी एक न चलने देती।
मेरा प्लान तैयार था, रूम में जाने के बाद थोड़ी ही देर में मैं मॉम के पास गई और मॉम बेड पर बैठे हुए किसी के साथ चैट कर रही थी।
मैं अंदर गई और बोली- मॉम, मेरे रूम का एसी खराब हुआ है तो मुझे वहां नींद नहीं आ रही।
मॉम बोली- कोई बात नहीं … आज रात यहाँ सो जा।
मुझे पता था वो ना तो कहेंगी नहीं।
मॉम का डबल बेड था तो मॉम एक साइड खिसक गई और मुझे जगह कर दी।
कंबल एक ही था तो मैं पीठ के नीचे तकिया लगा कर अपना फोन लिए तिरछी नजर से मॉम के मोबाइल में देखने की कोशिश कर रही थी।
मेरे आने से भी उसको कोई फर्क नहीं पड़ा, वो मुस्कुराते हुए अपने किसी आशिक से बात कर रही थी।
मैंने गौर से देखा तो मेरी बेशर्म मॉम उसे अपने बेटी के सामने की न्यूडस भेज रही थी और नालायकों सी हंस रही थी।
थोड़ी देर बाद मॉम सोने लगी तो उन्होंने ने लाइट ऑफ कर दी और नाईट लैंप चालू रखा और मुझे गुड नाईट बोलकर लेट गई।
मैंने भी कुछ पल बाद मोबाइल रख दिया और सोने लगी।
मॉम ने बिना ब्रा के पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी तो उसकी मोटी चूचियां का उभार मुझे लैंप की रोशनी में साफ साफ दिखाई दे रहा था। मॉम ने कंबल सिर्फ कमर तक ही ओढ़ा हुआ था।
बुटीक पे हुई आंटी और मॉम की बातें मुझे याद आ रही थी तो मैंने सोचा कि अब पहल मॉम करे … उससे पहले मैं ही करती हूं।
10 मिनट बाद मैंने करवट बदली और मॉम के पेट पर हाथ रखा और अब धीरे धीरे उसे सहलाने लगी।
मुझे पता था कि मॉम जागी हुई हैं.
मगर उन्होंने कुछ रिस्पॉन्स नहीं दिया।
शायद वो इसका मजा भी लेना था और देखना था की उसकी पटाका बच्ची क्या क्या करती है।
अब मैंने मॉम के नाइटी के डोरी की गांठ खोल दी और नाइटी को थोड़ा हटा दिया।
मॉम ने ब्रा नहीं पहनी थी तो अब उसके चूचे मेरे सामने नंगे हो गए।
अपनी मॉम के चूचों की तो मैं पहले से कायल थी तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अब एक चूचे पे हाथ रखा और उसे हल्के से दबाया.
तो मॉम ने आंखें खोली और शरारती मुस्कान दी और बोली- मेरा बच्चा, तू इतनी बड़ी कब हो गई?
मैंने कहा- मॉम, आपको फुर्सत कहां अपने ठरकपन से! हर रोज एक नया बकरा ढूंढती रहती हैं।
मॉम बोली- क्या करूं बेटा, तेरे पापा तो मुझे वो सुख देते हैं नहीं! तो मुझे कहीं न कहीं मुंह मार के ही मेरी प्यास बुझानी पड़ती है।
“पर इतने लोगों से मॉम?” मैंने पूछा।
मॉम ने कहा- ये तू मुझसे पूछ रही है?
और हंसने लगी- बेटू, इतनी कम उम्र में तू तो झंडे गाड़े जा रही है। मुझे सब पता है। तेरी भी तो प्यास कुछ कम नहीं है।
तो मैंने कहा- ये गुण तो आपसे ही मुझे मिले हैं मॉम! क्या करें हमारी ट्रेन एक जगह पे रुकती ही नहीं है। इसे तो हर बार कोई नया यात्री चाहिए होता है।
“हां बेटू, और ये रुकनी भी नहीं चाहिए, धड़ाधड़ इसे आगे बढ़ते रहना ही ठीक है। उसी से तो हमें परम आनंद मिलेगा न!” मॉम ने कहा।
मैं हंस पड़ी और बोली- आपकी बेटी हूं तो सावित्री तो नहीं बनूंगी। मगर आपका रिकॉर्ड जरूर तोड़ना चाहती हूं।
मॉम बोली- तथास्तु!
और हम हंसने लगे।
तब मॉम ने कहा- अब हम इतना खुल गए हैं तो फिर कैसी शर्म, अब हमारे बीच सब खुल्लम खुल्ला होगा, ओके बेटू?
मैंने कहा- आपका हुक्म सर आंखों पर मेरी सेक्स की देवी मां!
कहते ही मैं मॉम के ऊपर चढ़ गई और मॉम के होठों पे अपने होंठ रख दिए और किस करने लगी।
बहुत रोमांचक और हसीन पल था वो मेरे लिए!
मेरी हॉर्नी मॉम मेरे नीचे थी।
मॉम भी मुझे बड़े मजे से साथ दे रही थी।
हम डीप किस कर रहे थे, कभी मेरी जीभ मॉम चूसती तो कभी उसकी मैं!
हम दोनों ने ना आज तक कितनों की हवस मिटाई थी, मॉम तो उसमें ऑस्कर विजेता थी।
और आज हम दोनों के मिलन की बारी थी, Xxx माँ बेटी सेक्स होने वाला था.
मेरी चूत तो पानी से लबालब भरी हुई थी और मेरी पूरी पैंटी गीली थी।
मैं टी शर्ट और शॉर्ट्स में थी, अंदर सिर्फ पैंटी।
अब मैंने उठकर अपनी टी शर्ट उतार दी और ऊपर से नंगी हो गई।
और मॉम को उठाकर उसकी नाइटी खींच कर निकाल दी।
अब मॉम सिर्फ पैंटी में थी।
मैंने मॉम के गालों पर कानों पर पप्पियों की झड़ी लगा दी। मैंने मॉम का पूरा चेहरा चाट चाट कर गीला कर दिया।
अब मैंने मॉम के हाथों को ऊपर करके उसकी दायीं बगल में मुंह घुसा दिया।
इससे मॉम बहुत उत्तेजित हुई और मीठी मीठी आहें भरने लगी- अह्ह्ह्ह ह … अंजु … मेला बच्चा!
उसके बगल के छोटे छोटे बाल और उनकी भीनी खुशबू मुझे और भी ज्यादा पागल कर रही थी।
अब मैं थोड़ा नीचे आई और मॉम के बड़े बड़े बूब्स को चूसने और दबाने लगी।
मेरे ऐसा करने से उसके चूचुक एकदम तन गए।
मैं उन्हें एक एक करके चूसती और दांत से काट रही थी।
इससे मॉम के गोरे बूब्स लाल हो चुके थे।
मॉम मस्ती से इस समय का मजा ले रही थी।
अब मैं मॉम के नाभि पे पहुंची।
मैं नाभि में अपनी जीभ डाल कर उसे चूस रही थी।
मॉम बोल पड़ी- आज तक मैंने कितनों के साथ चूदाई का खेल खेला मगर ऐसा मजा मुझे नहीं आया। अह्ह्ह … अंजु … मेरी जान … मुझे क्या पता तू इतनी माहिर खिलाड़िन है इस खेल की! अय्यय्य … आय लव यू मेला बच्चा!
“मॉम आगे देखो और क्या क्या करता है तेला बच्चा..”
मैं और मॉम हंस पड़ी।
मॉम बोली- जो करना है कर मेरी जान, आज तो मैं पूरी रात तेरी हूं।
मैं नाभि से खेल के अब उनकी जांघों की ओर बढ़ी।
मॉम रेड कलर की पैंटी में गजब लग रही थी। उनकी गोरी चिकनी जांघों से क्या महक आ रही थी।
मैं उसकी जांघें चाटने लगी और धीरे से उनकी पैंटी उतार दी।
मॉम की गुलाबी और कामरस से लबालब चूत मेरे मुंह के सामने थी।
मैं उतावली थी तो सीधा मॉम के चूत पर मुंह लगा दिया।
मॉम मस्ती से चिल्ला उठी- आउच … अंजु!
तो मैंने ऊंगली मॉम के मुंह में डाली।
अब मेरे नाक और मुंह पर मॉम का चूत रस लगा।
मैं वापिस ऊपर गई और मुंह मॉम के मुंह पर रख दिया।
मॉम अपनी ही चूत का रस मेरे मुंह से चाटने लगी।
मैंने उसको लिप लॉक किस दिया।
अब मैं वापिस चूत चाटने लगी, साथ ही मैंने एक उंगली मॉम की चूत में घुसाई।
मॉम आंखें मूंद कर कराहने लगी और एक्साइटमेंट में जल्द ही सरसराकर झड़ने लगी- तूने तो मुझे स्वर्ग का सुख दिया मेरी जान अंजु! हय्य ययय … उह्ह्ह … अह्ह्ह!
मैंने कहा- मॉम रुको … जरा सब्र करो, अभी रात बाकी है!
“आज मैं तेरी गुलाम हूं, अंजु बेबी चाहे वो कर ले मेरे साथ!” मॉम ने कहा।
अब मैंने अपना शॉर्ट निकाल दिया, साथ ही मेरी गीली पैंटी भी!
मैं बिल्कुल नंगी हुई और मॉम के बगल में लेट गई.
अब मॉम नंगी मेरे ऊपर सवार हुई और मेरी चूत पर अपनी चूत लगाकर रगड़ने लगी जैसे कोई मर्द औरत को चोदता है।
मैं भी अब आहें भरने लगी.
मॉम बहुत ज्यादा हॉर्नी होकर मुझे किस करते हुए मेरे चूचों को दबाने लगी और चूसने लगी।
मैंने मॉम को इशारा किया तो मॉम सीधा मेरी जांघों पर हाथ फेरते हुए मेरी चूत में उंगली करने लगी।
मैं और मेरी रण्डी मॉम वासना के समंदर में गोते खा रहे थे।
हम मर्यादा भूल कर काम क्रीड़ा करने में व्यस्त थी।
मॉम एक मंझी हुई खिलाड़ी थी।
उंगली से एक औरत को कैसे संतुष्टि देना है … उसमें वो माहिर खिलाड़ी थी।
उनकी इस हरकत से मेरा बांध टूट गया और मैं चरम पर थी।
“अह्ह्ह … मॉम … मेरी सेक्स देवी … जोर से … और जोर से!” कहते हुए खुद को रोक न सकी और चिल्लाते हुए झड़ गई।
मैंने कहा- मॉम, आज रात तू मेरी गुलाम है ना?
“हां मेरी जान अंजु” मॉम ने कहा।
मैं बोली- फिर रुको दो मिनट।
तब मैं उठी और अपने कमरे में गई और वहां से एक बैग लायी जिसमें डिल्डो और कुछ सेक्स टॉयज थे।
मॉम उठ गई, मैंने बैग खोला और उसमें से एक डिल्डो और हथकड़ी निकाली जो मैं अक्सर यूज किया करती थी।
मॉम ये देख के बोली- साली छीनाल, तू भी मुझसे बड़ी रण्डी है। ये क्या क्या जमा कर रखा है?
“क्या करूं मॉम, जरूरत पड़ती है सबकी! और आप ही का खून है मुझमें! 40 की उमर में आप कहर बरपा रही हो, तो मैं तो ठीक से 19 की भी नहीं हूं।” मैंने जवाब दिया।
मॉम ने कहा- बात तो सही है तेरी, लेकिन मेरे सारे रिकॉर्ड्स तोड़ेगी तू!
हम दोनों हंस पड़ी।
अब मैंने हथकड़ी से मॉम के हाथ बांध दिए और डिल्डो को बेल्ट के जरिए अपने जांघ पर फिट किया।
मैंने मॉम को कहा- मैं तुझे बेदर्दी से चोदना चाहती हूं। आज देखना है तुझमें कितनी आग हैं, साली रण्डी।
“हां मेरी जान, जो जी चाहे कर आज। मैं कुछ नहीं बोलूंगी। आज तू मेरी मालकिन है, और मैं तेरी दासी।”
डिल्डो आठ इंच का होगा जिससे मैं अपनी मॉम की गांड़ फाड़ चूदाई करने वाली थी।
मैंने डिल्डो बांध कर मॉम को उठाया और उसे चूसने को कहा।
खड़ी होकर मैंने डिल्डो को मॉम के मुंह में दिया।
मॉम ने भी उसे किसी असली लन्ड की तरह थूक लगा कर चूसा।
मैं अब बेरहम होना चाहती थी, तो मॉम को चांटे मारने लगी।
मॉम चिल्ला उठी। मॉम भी हार्ड सेक्स की आदी थी।
जोरदार चांटों से मॉम का गोरा मुंह लाल लाल हो गया।
अब मैंने मॉम को कहा- शिल्पा रण्डी चल कुतिया बन!
मॉम जल्द से पलटी और कुतिया बनी।
अब मैंने उसके चूतड़ों पर तबला बजाना शुरू किया, दोनो हाथों से मैं कस कस के थप्पड़ जड़ दिए।
मॉम कराहने लगी।
मुझे बहुत मजा आ गया।
“मजा आ गया शिल्पा रण्डी! क्या कड़क माल है साली छीनाल तू!” मैं बोली।
मॉम चिल्लाती हुई इस पल का मजा भी ले रही थीं।
मैंने मॉम की चूत पर डिल्डो घिस दिया।
मॉम को लगा कि मैं चूत में डालने वाली हूं!
मगर मैं ठहरी ठरकी … मैंने अगले ही पल इरादा बदला और एक झटके में उसे मॉम की गांड में पेल दिया।
मॉम इस अचानक हमले से दर्द के मारे बिलबिला उठी- अंजु, साली इतनी बेरहमी से पेलता है कोई? बता तो देती!
मेरी मॉम ने रोती सूरत से कह दिया।
मैंने कहा- चुप साली ठरकी औरत!
मैं हंस रही थी और मॉम रोने को आई थीं।
वैसे मॉम की गांड का छेद इतना टाइट तो था नहीं, कितने लन्ड उसमें घुस चुके होंगे।
मगर अचानक था इसलिए मॉम को दर्द हुआ था।
अब मैंने डिल्डो को अंदर बाहर करना शुरू किया।
मॉम सिसकारियां भरने लगी।
मैं साथ ही में मॉम के चूतड़ों का बाजा बजा रहा थी और स्पीड बढ़ा कर मॉम की गांड चोद रही थी।
“अह्ह्ह … उह्ह … अंजु बेबी … कम ऑन … फक मी हार्डर बेबी!” मॉम दर्द में बड़बड़ाने लगी।
मैं 8 इंच लम्बा डिल्डो मॉम की गांड में एकदम डीप डालकर बेरहमी से उसे चोद रही थी।
लगभग 10 मिनट तक चोदने बाद मैंने डिल्डो बाहर निकाला और मॉम को पीठ के बल लिटाया।
मैंने मॉम की पीठ के नीचे एक तकिया लगाया.
अब मॉम चूत फूल कर मेरे सामने थी।
मैंने जल्द से मॉम के ऊपर सवार होकर डिल्डो उसकी चूत के मुंह पर रखा और जोरदार धक्का लगाया।
चूत का गीलापन और मॉम की अनगिनत बार चुदी चूत में 8 इंच का डिल्डो आसानी से अंदर चूत की गहराई में जड़ तक पहुंच गया।
मॉम मादक आहें भर रही थी।
इधर इस सब कामक्रीड़ा की वजह से मैं भी एक बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर तक मॉम की धमाकेदार चूदाई के बाद मेरी चूत ने एक बार फिर पानी छोड़ा।
अब मॉम की बारी थी, मैंने स्पीड बढ़ा दी।
चार पांच बेरहम धक्कों के साथ ही शिल्पा रण्डी आखिरकार झड़ने लगी।
मॉम की चूत से पानी की तेज धार निकली। मॉम निढाल और संतुष्ट हो गई थी।
हम दोनों का पूरा बदन अकड़ गया था।
दोनों मां बेटी पसीने से लथपथ हुई थी।
मैं मॉम के ऊपर ही लेटी हुई उसे किस करने लगी।
मॉम एकदम निश्चिन्त सी थी, उनके चेहरे पर चरम सुख का भाव था।
उन्होंने भी मुझे बेतहाशा चूम लिया।
पूरी रात हम दोनों Xxx माँ बेटी एक ही कंबल में लिपट कर सो गई।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी Xxx माँ बेटी सेक्स कहानी? मुझे जरूर बताइएगा।
एक और मस्त कहानी के साथ मिलते हैं बाद में!
तब तक के लिए नमस्कार।