विधवा माँ और आंटी को दिया चरमसुख – Maa ki Chudai

Maa ki Chudai

Maa ki chudai कहानी में मेरे पापा की मौत के बाद मेरी मम्मी की विधवा सहेली भी हमरे साथ रहने लगी थी. एक रात मैंने उन दोनों को पोर्न देखकर चूत में मूली डालते देखा.

दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है और मैं 19 साल का हूँ.

मैं अमृतसर से हूँ और अभी एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहा हूँ.

यह Maa ki chudai कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है.

यह घटना मेरे जीवन का एक रंगीन हिस्सा है.

इस घटना के बाद मैं हर रोज़ अपनी मम्मी की चुदाई करता हूँ.

हां दोस्तो, यह चौंकने वाली ही बात है कि मैं अपनी मम्मी की चूत चुदाई करता हूँ.

चलिए आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी मम्मी और उनकी एक मदमस्त सहेली के बारे में बता देता हूँ.

दरअसल बचपन में मेरा एक पक्का दोस्त हुआ करता था, उसका नाम आनन्द था.

दुर्भाग्यवश एक कार दुर्घटना में उसकी और उसके पापा की मृत्यु हो गयी थी.

आनन्द से मेरी पक्की दोस्ती की वजह से हमारे घर वाले भी आपस में काफ़ी घनिष्ठ हो गए थे.

उसके और उसके पापा की मृत्यु के बाद मेरी मम्मी की भी बेस्ट फ्रेंड यानि आनन्द की मम्मी कणिका आंटी का और कोई नहीं बचा क्योंकि आनन्द अपने माँ बाप का इकलौता बेटा था.

आनन्द के दादा दादी ने अपनी बहू (मतलब कणिका आंटी) को घर से निकाल दिया.

पर क्योंकि कणिका आंटी के पापा मम्मी की मृत्यु पहले ही हो गई थी तो कणिका आंटी का अब इस दुनिया में कोई नहीं बचा था.

चूंकि मेरी मम्मी कणिका आंटी की बहुत अच्छी सहेली थीं, तो मेरी मम्मी के रिक्वेस्ट पर वे हमारे साथ ही रुक गईं.

फिर समय का कुछ ऐसा चक्र चला कि मेरे जवान होने तक मेरे पापा भी ब्लड कैंसर से गुजर गए.

पापा सरकारी अफसर थे तो उनकी पेंशन से हम सबका घर खर्च बहुत अच्छे से चल जाता था.

दूसरी तरफ आनन्द के पापा की पेंशन भी कणिका आंटी को मिलती थी तो पैसे की कोई कमी नहीं थी.

वैसे भी अब हम सिर्फ़ 3 ही लोग रह गए थे.

मेरी मम्मी, कणिका आंटी और मैं!

हम तीनों लोग अमृतसर में एक फ्लैट में रहते थे.

अब कहानी में कुछ ऐसा मोड़ आया कि मैं अपनी जवानी में कदम रखने से पहले ही कुछ ग़लत लड़कों की संगत में रहने लगा.

पापा के ना होने से किसी तरह की बंदिश नहीं बची थी तो बहुत ज्यादा बिंदास होकर गंदी हरकतें और गाली वाली भाषा बोलने लगा था.

जवानी की दहलीज पर कदम रखने वाली उम्र कुछ ऐसी होती है कि यदि अंकुश न हो तो भविष्य का सत्यानाश होने में देर नहीं लगती.

यही मेरे साथ हुआ.

मुझे उसी दौरान पॉर्न आदि देखने और हस्त मैथुन की आदत लग गयी.

बात यहीं नहीं रुकी, मैंने अब अपनी मम्मी और आंटी को भी घूरना चालू कर दिया था.

मैं सिगरेट पीते हुए पॉर्न देखता और उसमें भी मॉम एंड सन की चुदाई वाली कहानी व ब्लू-फिल्म देखता.

उसी समय मैं अपनी मम्मी व आंटी को अपनी कल्पना में लेकर मुठ मार लेता.

दोस्तो, मेरी मम्मी का फिगर 34-30-36 का है.

Maa ki Chudai-1

वे अभी भी जवान दिखती हैं और साढ़े पाँच फिट की लंबी हाइट के कारण मम्मी का हुस्न बड़ा ही मदमस्त लगता था.

मम्मी की तरह ही आंटी का फिगर भी 34-32-38 का था.

उनकी उम्र मेरी मम्मी के जितनी ही और हाइट भी लगभग एक समान ही थी.

मेरे ख्याल से आंटी मेरी मम्मी की हाइट से एकाध इंच कम ही रही होंगी.

वे दोनों ही एकदम चुदक्कड़ किस्म की महिलाएं थीं और मैं उन दोनों को याद करके ही दिन भर अपना लंड हिलाता रहता था.

मेरा लंड भी अद्भुत लंबाई मोटाई वाला है. यह 7 इंच लंबा और ढाई इंच मोटा लंड है.

यह उन दिनों की बात है जब गर्मी का मौसम था और मेरी स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं.

तब मेरे पापा की मृत्यु को सिर्फ़ चार महीने ही हुए थे.

मैं अपने घर में दिन भर शॉर्ट्स में ही रहता था.

मम्मी और आंटी दोनों अक्सर सलवार सूट में ही होती थीं और वे दोनों बहुत ज़्यादा देर रात तक जागती रहती थीं.

शायद वे लोग टीवी सीरियल्स में बहुत मन लगाती रहती थीं.

मैं भी कुछ नहीं कहता था क्योंकि वे दोनों विधवा औरतें टीवी के अलावा किधर अपना मन लगातीं!

उन दिनों मैं जल्दी सो जाया करता था.

आंटी और मम्मी एक ही कमरे में सोती थीं और मैं दूसरे कमरे में!

उस दिन गर्मी कुछ ज़्यादा थी इसलिए मेरी नींद खुल गयी.

पानी पीने के लिए मैं कमरे से बाहर आया और देखा तो हॉल में मम्मी और आंटी सोफे पर बैठ कर सामने टीवी पर एक पॉर्न मूवी देख रही थीं.

मैं एकदम से हैरान रह गया और चुपचाप उनके पीछे लगे खंबे के पीछे छुप कर देखने लगा.

मम्मी और आंटी दोनों ने अपनी अपनी सलवारें नीचे कर रखी थीं और वे अपनी अपनी चूत में मोटी मोटी मूलियां घुसा रही थीं.

मैं समझ गया कि इन दोनों की चूत में खुजली हो रही है और जल्द ही मुझे इनकी चूत के लिए अपने लंड को पेश करना पड़ेगा वरना कोई बाहरी आदमी इनकी चूत पर धावा बोल देगा.

तब मैं खंबे के पीछे से ही अपना लंड हिलाने लगा.

और कुछ पल बाद ही मैंने सोचा कि क्यों ना मैं मम्मी के सामने जाकर उनको भी अपने मूसल लंड को देखा कर दंग कर दूं.

इसलिए अब मैंने जानबूझ कर थोड़ी आवाज़ की.

तो आंटी ने झट से टीवी का चैनल बदल दिया और मूली अपनी चूत में से निकाल दी.

उसके बाद उन दोनों ने जल्दी से अपनी अपनी सलवार पहन ली.

मैं उनके सामने गया और मैंने वहां की महक से पहचान लिया कि दोनों की चूत में से बहुत प्यारी और सुगंधित महक आ रही है.

मैंने कहा- मम्मी, गर्मी के कारण मुझे नींद नहीं आ रही है, क्या मैं आपके एसी वाले कमरे में आज रात आप दोनों के साथ सो जाऊं?

उन्होंने कहा- हां बिल्कुल, हम दोनों भी बस कुछ ही देर में सोने आ रही हैं.

उस वक़्त रात के 11.00 बज रहे थे.

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उसके बाद मैंने जानबूझ कर टेबल की तरफ देखते हुए कहा- अरे आप लोग भी मूलियां खा रही थीं … मैं भी कुछ फ्रेश खाने की सोच रहा था!

मैंने एक मूली को उठाया और उसे सूंघने लगा.

इतने में ही मम्मी ने वह मूली मुझसे छीन ली और कहा- जाओ तुम जाकर सो जाओ.

मैं उनके कमरे में एसी चला कर सोने लगा और सोचा कि आज रात तो मैं इन दोनों की प्यासी चूत की आग बुझा कर ही रहूँगा.

यह सोचने के बाद सबसे पहले मैंने मम्मी के ही कमरे वाले बाथरूम में जाकर अपनी अंडरवियर उतार दी.

फिर वहां पर देखा, तो मम्मी और आंटी की ब्रा और पैंटी पड़ी थी.

मैं काफी देर तक उन दोनों के अंडरगारमेंट्स को सूंघ कर अपना लंड हिलाता रहा और बाद में मैंने उनके अंडरगारमेंट्स पर अपना वीर्य गिरा दिया.

लगभग आधे घण्टे बाद वे दोनों कमरे के अन्दर सोने आईं और आते ही वे दोनों बाथरूम में जाकर अपनी अपनी नाइटी व ब्रा पैंटी बदलने चली गईं.

अन्दर उन्हें शायद मेरी हरकत का पता चल गया.

वे दोनों उधर वॉशरूम में ही इसके बारे में बातें करने लगीं.

पर जब वे बाहर आईं तो उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और मेरे दोनों तरफ सो गईं.

15-20 मिनट बाद ही मैंने अपना लंड खड़ा कर दिया और मम्मी की जांघ और गांड पर रगड़ने लगा.

अब मेरा खुद पर से काबू हट गया था और मैं अपना लंड शॉर्ट्स में से निकाल कर हिलाने व रगड़ने लगा था.

तब तक मेरी मम्मी की नींद खुल गयी और उन्होंने मुझे पकड़ लिया.

जैसे ही उन्होंने लाइट जलाई तो देखा कि मेरा 7 इंच वाला लंड बाहर निकला था.

वे लंड को देख कर हैरान हो गईं और उन्होंने मुझसे पूछा- बेटा, तुम ये क्या कर रहे हो?

तो मैंने कह दिया- आप दोनों पॉर्न फिल्म देख रही थी तो मैंने सोचा क्यों ना आपकी खुजली में ही मिटा दूं क्योंकि आख़िर अब मैं भी तो बड़ा हो गया हूँ!

तभी आंटी भी जाग गईं.

जब उन्होंने ये सब बातें सुनी तो उन्होंने मेरी मम्मी को एक तरफ आने का इशारा किया.

मम्मी और आंटी एक कोने में जाकर बात करने लगीं.

आंटी- पायल, वैसे भी कितना समय हो गया, हम दोनों ने अभी तक कोई भी लंड अन्दर नहीं लिया है.

वैसे भी इसका लंड हमारे पतियों से बहुत बड़ा है, इससे चुदवा लेती हैं, घर की बात घर में ही रहेगी और हम दोनों की पूरी हवस भी मिट जाएगी!

बस फिर क्या था मम्मी और आंटी ने मेरे पास आकर कहा- बेटा, तुम अपने मैनर्स भूल रहे हो, लगता है तुम्हें इसकी सज़ा देनी पड़ेगी!

उनकी यह बात सुनकर मैं थोड़ा डर गया.

पर इतने में ही मम्मी ने हंसते हुए मेरा लंड पकड़ लिया और कहा- बेटा, तुम्हारी सज़ा यह है कि तुम्हें अब हमारी चूत की सेवा करनी होगी.

बस ऐसा कहते ही मम्मी ने अपने मुँह में लंड ले लिया.

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मैं हैरान रह गया.

अब बचा ही क्या था!

मम्मी और आंटी दोनों एकदम हवस से भरी हुई थीं.

उन्होंने मुझे पकड़ कर पूरा नंगा कर दिया और मुझे नीचे बेड पर लिटा कर मेरा लंड चूसने लगीं.

मैंने कहा- आप दोनों क्या मस्त लंड चूसती हो … आह लगता है काफी बड़ी चुसक्कड़ रही हो.

आंटी बोलीं- बेटा देखता जा, थोड़ी देर बाद तू हम दोनों को चुसक्कड़ के साथ साथ बड़ी चुदक्कड़ भी कहेगा!

मैं आंटी के एक दूध को मसलता हुआ बोला- बिल्कुल आंटी, आप दोनों तो हो ही चुदक्कड़ रंडियां!

अपने बेटे से चुद रही हो … इससे बड़ी रंडी कौन हो सकती है!

आह मस्त चूस रही हो मेरी छिनाल रंडियो, चूसो आह चूसो … मजा आ गया!

आंटी और मम्मी लगभग दस मिनट बाद मेरे लंड से हटीं तो मैंने मम्मी और आंटी के बूब्स पकड़ लिए और उन दोनों के मम्मों को मसलने लगा.

वे दोनों अब तक मेरे सामने अपने आपको पैंटी के अलावा पूरी नंगी कर चुकी थीं.

मैंने बारी बारी से उन दोनों के बूब्स पकड़ कर मुँह में लिए और उनकी मस्त चुसाई की.

अब हम सब चुदास से गर्म हो गए थे.

मैंने फटाफट से मम्मी को धक्का दिया और बिस्तर पर लेटा दिया.

मम्मी ने पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत सहलाते हुए कहा- अब मेरा बेटा असली मर्द हो गया है … अब मैं इसकी पत्नी बन सकती हूँ.

वे दोनों बिल्कुल रंडी के जैसी सेक्सी पोजीशन में चूत खोल कर लेट गईं.

मैंने दोनों की नाइटी पहले ही उतार कर फेंक दी थी और उन दोनों को फर्स्ट टाइम मैं सिर्फ पैंटी में देख रहा था.

मैं तो दो दो माल जैसी रंडियों को नंगी देख कर पागल ही हो गया था.

मैंने सबसे पहले मम्मी की पैंटी को एक ही झटके में उतार कर अलग कर दिया और मम्मी की चूत को सूंघने लगा.

फिर खूब ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा.

उनकी तो जैसे चीखें ही निकल गईं और उन्होंने मेरा सर अपनी चूत में दबा लिया.

मम्मी और आंटी के साथ सेक्स करते हुए थोड़ी ही देर में ही मम्मी झड़ गईं, मैं उनकी चूत का सारा रस चाट गया.

उसके बाद आंटी की चूत पर अपना मुँह लगा दिया.

इस तरह मैंने मम्मी और आंटी की चूत को चाटने के बाद उन्हें अपना असली जलवा दिखाया.

मैंने आंटी से कहा- आंटी, आप तो इतनी सेक्सी हो, पहले ही मुझसे चुदवा सकती थीं!

उन्होंने कहा कि जब जागे तब सवेरा … अभी कौन सी देर हुई है.

अब भी मेरी इस प्यासी चूत में अपना हैवान लंड घुसेड़ कर इसको फाड़ दे बेटा और आज मुझे अपनी रंडी बना ले.

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मैंने एक झटके में आंटी की चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया और खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा.

आंटी लगातार मोटी मोटी मूली अपनी चूत में लेती रहती थीं.

तब भी वे मेरे मूसल ब्रांड लंड से जैसे पागल ही हो गयी थीं और उनके मुँह से सिर्फ़ ‘आआहह उईईई साले ने फाड़ डाली रे … मादरचोद तेरा कितना मोटा लंड है …

भोंसड़ी वाले … आह’ की ही कामुक आवाज़ें निकल रही थीं.

सच में आंटी तो जैसे मेरे लंड की दीवानी हो गयी थीं.

इतने में मेरी मम्मी ने आंटी से जलते हुए कहा- हट साली रांड, आज बेटा क्या अपनी मम्मी की सेवा नहीं करेगा!

उसी वक्त आंटी तेज आवाज करती हुई झड़ गईं और मैं भी झड़ गया.

तब आंटी ने कहा- आह … अपना सारा पानी इस जवान प्यासी चूत में ही डाल कर बड़ा उपकार किया है बेटा आह!

आंटी की चूत से लंड निकाल कर मैंने अपनी मम्मी को देखा तो उन्होंने अपने ऊपर लिटा लिया.

मैंने कुछ ही देर में वापस चार्ज होकर मिशनरी पोजीशन में ही अपनी मम्मी की चूत में खूब तेज तेज झटके लगाए और झड़ने के लिए रेडी हो गया.

इसी बीच मम्मी की चूत दो बार पानी भी छोड़ चुकी थी.

तीसरी बाद जब मम्मी झड़ीं तो मैं भी झड़ गया.

हालांकि झड़ने के बाद भी मेरा लंड एकदम कड़क था तो मैं रुका ही नहीं.

मम्मी ने आह करते हुए कहा- सच में बेटा, क्या मस्त हैवान लंड है तेरा … मुझे पहले पता होता तो अब तक तेरे इस जादुई लंड से रोज़ चुदवाती.

तेरा कमीना बाप तो कभी ढंग से चोदता ही नहीं था.

क्या शानदार लंड है तेरा … झड़ने के बाद भी लगातार खूब चोद रहा है!

मैंने मम्मी से कहा- अब तो आपको रोज़ ही चोदूंगा!

तो मम्मी ने आहें निकालते हुए कहा- हां बेटा, अब तो मैं तुम्हारी गुलाम बनकर रहूंगी … पक्का रोज़ चुदवाऊंगी अपनी इस मोटी चूत को तेरे मूसल लंड से!

मम्मी की चूत काफ़ी गद्देदार लगी.

मैंने बारी बारी से दोनों की गांड, चूत और मुँह में लंड पेल कर पूरी रात मस्ती की.

उस दिन के बाद से हम तीनों खूब सेक्स करते हैं.

savitabhabhi

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