शादी में आयी मामी की जोरदार चुदाई की कथा – Mami ki Chudai

Mami ki chudai

हॉट Mami ki Chudai का मजा मुझे मेरी सगी मामी ने तब दिया जब वे मेरे भाई की शादी में कई दिन के लिए हमारे घर रही थी. एक रात सर्दियों में मैं उनके साथ सो गया था.

दोस्तो, कैसे हो!

मैं दिव्या एक बार फिर से आपके सामने हाजिर हूं.

बस फर्क इतना सा है कि इस बार मैं अपनी नहीं बल्कि अपने एक पाठक की कहानी लेकर आई हूं.

दोस्तो, सबसे पहले इस लंबे अंतराल के लिए आप सभी से माफी मांगती हूं.

अब आपका ज्यादा समय खराब ना करते हुए अपने पाठक सचिन की कहानी पर आती हूं.

आगे हॉट मामी रियल सेक्स का मजा सचिन के शब्दों में:

नमस्कार दोस्तो, मैं सचिन. मेरी उम्र 19 साल है.

मैं उत्तरप्रदेश से हूँ और अपनी जिंदगी की इस घटना में आप सभी का स्वागत करता हूं.

मेरे घर पर मेरे भाई की शादी थी, तो बहुत से रिश्तेदार आए हुए थे.

शादी के बाद धीरे धीरे रिश्तेदारों के जाने का सिलसिला चलता रहा.

कुछ चले गए, कुछ रुक गए.

उन्हीं में इस घटना की नायिका थी, जो और कोई नहीं … बल्कि मेरी मामी थीं.

मामी की उम्र 38 साल की है.

उनका फिगर तो मुझे नहीं पता लेकिन उन्हें देखकर कोई भी अपना आपा खो दे इतनी लल्लनटॉप माल हैं.

उनका इतना साफ रंग है कि उन्हें देखकर तो दूध भी शर्मा जाए.

उनकी सुंदरता के सभी पैरामीटर देखने के बाद तो कोई भी उन्हें 25-26 साल से ज्यादा उम्र का नहीं बता सकता.

अब आप ही बताओ कि ऐसे माल को देख कर कंट्रोल करना कितना मुश्किल होगा.

उन्हें देखने के बाद मेरे मन में पहले से कोई गलत ख्याल नहीं था लेकिन कुछ ऐसा घट गया कि वह मेरे नीचे भी आ गईं.

दोस्तो, आप तो जानते ही हैं कि शादी में कितने काम होते हैं.

इन्हीं कामों के चलते सभी बहुत थक भी जाते थे.

तो शाम को सोने के लिए जिसे जहां जगह मिलती थी, वहीं सो जाते थे.

सर्दियों में शादी का कार्यक्रम होने का अपना एक अलग ही मजा है.

सभी लोग कमरों में जमीन पर लगे बिस्तर पर सोया करते थे.

ऐसे ही शादी का पूरा कार्यक्रम संपन्न हो गया था.

शादी के दो दिन बाद भी मेरी थकान निकली नहीं थी बल्कि कहें तो बढ़ और गई थी.

उस रात मुझे सोने के लिए जो जगह मिली, मैं लेट गया.

वहीं मेरे पास में मेरी मामी लेटी थीं.

थकान में इतना कौन ही देखता है.

मैंने भी कुछ नहीं देखा और वहीं सो गया.

रात में मेरी रजाई किसी ने खींच ली.

तो नींद में मैं अपनी मामी की रजाई में घुस गया.

भाई लोग नींद में मेरे हाथ पैर कहां जाते हैं, मुझे इसका पता ही नहीं चलता है.

मेरे हाथ मामी के ऊपर चले गए.

मुझे कुछ होश ही नहीं था, बस जो भी नर्म लगा, मैं उसे दबाने लगा.

उसी दरमियान गहरी नींद के चलते मेरे पैर भी मामी की ही ऊपर आ गए थे.

रात के 2 बजे के आस-पास आंख खुली तो मेरा ध्यान गया कि मेरा हाथ मेरी मामी के ब्लाउज के अन्दर था.

तब लगा कि अरे यह क्या हुआ. अब तो सुबह गांड पर डंडे पड़ेंगे.

तभी दिमाग में आया कि ऐसा कुछ होता, तो मामी ने अब तक मेरा हाथ अपने मम्मों के ऊपर से हटाया क्यों नहीं.

मैंने सोचा कि जो होगा, वह देखा जाएगा.

मैं ऐसे ही अपना हाथ मामी के ब्लाउज में डाले लेटा रहा.

साथ ही साथ कभी कभी मैं मामी के बूब्स को सहला भी दिया करता.

ऐसा करते करते कब आंख लग गई, कुछ पता ही नहीं चला.

फिर दिन में मैंने ध्यान दिया कि मामी के व्यवहार में कोई फर्क नहीं दिख रहा था.

यह देख कर मन में आया कि शायद मामी ने मेरे हाथ का मजा लिया है.

अब अगली रात तो मैंने पहले से ही इस बात पर ध्यान दिया और निश्चित किया कि मुझे वहीं सोने को मिले जहां मामी सोएं.

ऊपर वाले की निगाह भी ऐसी सीधी रही कि मुझे मामी के बराबर में सोने को मिल गया.

लेटने के एक घंटा तक मैंने यह देखा कि पहले सभी सो जाएं, तभी कोई प्रोग्राम शुरू किया जाए.

पता नहीं क्यों इस बार मुझे काम बिगड़ने के डर से ज्यादा, काम बनने की उम्मीद लग रही थी.

जब यह निश्चित हो गया कि सभी सो गए हैं तो मेरे हाथों ने अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ना शुरू किया.

थोड़ी देर तक मामी की गोलाइयों का मजा लेने के बाद मुझे लगा कि मामी जग रही हैं.

मैंने अपने हाथ उनके ऊपर से हटा लिए और ऐसे ही लेटा रहा.

थोड़ी देर में मेरी आंख लग गई और मैं सो गया.

रात में पता नहीं किस समय मेरी आंख खुली.

तो मैंने पाया कि इस बार मेरी मामी का चेहरा मेरी तरफ था और उनका हाथ मेरी टी-शर्ट के अन्दर मेरे सीने पर था.

इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गई.

मैंने भी अपने हाथ उनके ब्लाउज में डाल दिए.

इस बार मामी के रिएक्शन देखने को मिला.

उन्होंने अपना हाथ मेरे सीने पर चलाना शुरू कर दिया.

अब तो सिग्नल एकदम क्लियर था लेकिन मुझे थोड़ी शर्म लग रही थी.

मैंने अपना हाथ उनके ब्लाउज से निकाल लिया.

इस पर उन्होंने मेरे माथे पर किस कर दी.

अब मैं सोच रहा था कि ये हो क्या रहा है!

आप लोग भी समझ रहे होंगे कि कोई ऐसा काम हो जाए, जिसकी आपको कोई उम्मीद ना हो … तो किस तरह के रिएक्शन होते हैं.

वही हाल मेरा था.

थोड़ी देर में मामी का हाथ मेरे सीने से धीरे धीरे चलकर मेरे लंड के ऊपर पहुंच चुका था और वे लोअर के ऊपर से ही लंड को सहला रही थीं.

मैंने मन में सोचा कि भाड़ में जाए रिश्ता, जो हो रहा है … वही होने दो.

मामी मेरे लंड को सहला रही हैं तो मैं भला क्यों पीछे रहूं!

मैंने भी हाथों को नीचे ले जाना शुरू किया और उनकी साड़ी के अन्दर ले जाकर चूत को सहलाने लगा.

इस बार मुझे दो बातें पता चलीं.

पहली उनकी चूत गीली थी और दूसरी उनकी झांटें उंगली में चुभ रही थीं.

मतलब 2-4 दिन पहले ही झांटों की साफ की गई है.

थोड़ी देर यह कार्यक्रम चलने के बाद वे झड़ गईं और ठंडी हो गईं.

अब मैं बचा.

शायद मेरे मन की बात वह समझ गई थीं, उनके हाथ फिर से चलने लगे.

इस बार उनके हाथ सीधे लंड पर चल रहे थे.

मतलब उनका हाथ मेरे कपड़ों के अन्दर था.

जब मेरा माल निकलने को हुआ, मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया.

वे समझ गईं और उन्होंने उठकर मेरे लंड मुँह में ले लिया.

उनके इस प्रयास से मेरे कपड़े खराब होने से बच गए.

उन्होंने पूरा माल गटक लिया और चाट चाटकर लंड साफ कर दिया.

अब वे लेट गईं.

थोड़ी देर में लंड खड़ा होता, तब तक कमरे में कोई जाग गया और टॉयलेट करने चला गया.

इस पर मैंने उनका हाथ हटाकर कपड़े सही कर लिए.

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वे भी सामान्य हो गईं.

फिर कोई घड़ी देखकर बोला कि सुबह 5:30 बज गए हैं.

अब धीरे धीरे सभी लोग जाग गए.

इधर पूरे बने हुए मूड की मां बहन एक हो गई.

मैं फिर से सो गया और मामी उठकर घर के काम में लग गईं.

कुछ देर बाद मैं भी जागकर अपने काम में लग गया.

घर में सब कुछ सही था लेकिन मैं और मामी एक दूसरे से नजर मिलाने से बच रहे थे.

मेरी तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी.

ऐसे ही पूरा दिन निकल गया.

शाम को मामी ने खाना के लिए मुझे बुलाया.

मैंने उनसे आग्रह किया- मामी, मेरा खाना रूम में ही ले आओ.

वे आ गईं.

तब मैंने कहा- मामी, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई.

माफ कर दो … नींद में अपनी हद ही भूल गया था.

आज से मैं कहीं और सो जाऊंगा!

मामी बोलीं- चिल यार, अब जो हो गया वह भूल नहीं सकते ना … क्यों फालतू की टेंशन लेकर बैठे हो.

वे खाना देकर चली गईं.

मैं खाना खाते हुए सोच रहा था कि लगता है मामी का मन कुछ और ही है.

मैंने उनसे और खाना मांगा, वह खाना देने आईं तो मैंने कहा- आपको बुरा नहीं लगा क्या?

इस बार पर उन्होंने जवाब में कहा- अरे कोई बात नहीं यार, दोनों तरफ से ही मन था,
मैं चुप हो गया और खाना खाकर टहलने चला गया.

वापस जब घर लौटकर आया, तब तक सभी सोने की तैयारी में थे.

मैंने देखा कि सब अपना अपना सोने का इंतजाम कर रहे हैं.

तो मैंने भी कहा- मामी, मेरा बिस्तर भी लगा दो कहीं.

मामी बोलीं- इतने बिस्तर तो लगे हैं, जहां जगह मिले, सो जाओ.

इस बार फिर से हम दोनों साथ में सोए और आज का कार्यक्रम जल्दी ही शुरू हो गया.

चुम्मा चाटी करते करते मैं कभी उनके बूब्स दबाता, कभी चूत सहलाता.

उनका हाथ भी मेरे सीने पीठ और लंड पर घूम रहा था.

मैंने कहा- मामी, कहीं दूसरी जगह पर चलते हैं!

उन्होंने कहा- क्यों?

तो मैंने कहा- अधूरी कहानी पूरी करने!

वे बोलीं- एक साथ चलेंगे तो कोई देख लेगा!

मैंने कहा- थोड़ी थोड़ी देर के अंतर में निकल लेंगे.

आप सीढ़ियों के पास आ जाना.

वे धीरे से मुस्कुरा दीं.

फिर क्या था, मैं पहले निकल गया और मैंने ध्यान से देखा कि मुझे निकलते हुए किसी ने नहीं देखा था.

सभी लोग सो चुके थे.

कुछ मिनट बाद मामी भी सीढ़ियों में आ गईं.

यहां किसी के आने का डर नहीं था क्योंकि शाम को सीढ़ियों में लॉक लगा दिया जाता है.

आज मैंने चाबी अपने पास रख ली थी.

फिर क्या … मामी के आते ही सबसे पहले गले से लगाया.

धीरे धीरे मैंने उन्हें और उन्होंने मेरे पूरे शरीर को चूमना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर में हम दोनों लोग बिल्कुल निर्वस्त्र हो चुके थे.

यहां सर्दी भी नहीं लग रही थी क्योंकि ऊपर और नीचे दोनों तरफ से गेट बंद थे और एक फोम की गद्दी सीढ़ियों में रखी हुई थी, मैंने उसे वहीं सीढ़ियों पर बिछा ली.

चुम्मा चाटी से फ्री होकर मामी ने मुझे मस्त ब्लोजॉब दी.

मैंने उनकी चूत में उंगली करके एक बार आग निकाली.

मामी बहुत आह उह कर रही थीं.

मैंने उनसे कहा- आवाज ना निकालो.

किसी ने सुन लिया तो लफड़ा हो जाएगा.

वे मेरी बात मान गईं और बोलीं- जल्दी से अपने हथियार से मेरी प्यास बुझाओ!

मैंने कहा- मामा नहीं बुझाते हैं क्या!

तो वे बोलीं- उन्हें तो अपने काम से ही फुर्सत नहीं मिलती है.

मैंने कहा- कोई बात नहीं.

मैं फुर्सत में हूं और ऐसी प्यास बुझाऊंगा कि सालों तक प्यास नहीं लगेगी.

मैंने उनकी चूत पर लंड लगाकर धक्का लगाया.

उनके मुँह से आह निकलने को हुई और उन्होंने अपना दबा कर किसी तरह से आवाज रोकी.

इस पर उनके रिएक्शन देखकर पता लगा कि मेरे लंड को झेलने में उन्हें मुश्किल हो रही है.

लेकिन धीरे धीरे लंड ने उनकी चूत में जगह बना ली.

सीढ़ियों में ज्यादा अलग अलग किस्म की पोजीशन नहीं बन पा रही थी.

हालांकि जो पोजीशन बनी थी, वह भी अल्टीमेट थी.

इसका मजा वे आसानी से समझ सकते हैं, जिन्होंने सीढ़ियों पर किसी की ली हो.

वहां जैसी भी पोजीशन बन सकती थी, मैंने उसी में मामी को चोदना चालू किया.

वे झड़ गईं तो कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया.

उसके दस मिनट बाद फिर से गर्मी चढ़ी, तो इस बार मामी मेरी गोदी में बैठ गईं.

मैंने उनकी चूत में वापस लंड पेल दिया.

उनके दूध चूसते हुए मैंने दूसरी चुदाई काफी देर तक की.

इस तरह से मैंने मामी के साथ तीन राउंड सेक्स किया.

हॉट मामी रियल सेक्स का मजा लेने के बाद अब हम दोनों कमरे में आ गए.

मामी मेरे लंड को पकड़ कर और मैं उनके बूब्स पकड़ कर सो गया.

अगले दिन मामी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी.

मैंने पूछा- मामी बहुत खुश हो!

वे बोलीं- सब तुम्हारी और तुम्हारे पप्पू की ही महिमा है.

जब उन्होंने महिमा कहा तो मुझे याद आया कि हम दोनों को उनकी लड़की महिमा ने देख लिया था.

यह तब हुआ था जब हम लोग वापस कमरे में लौट रहे थे.

मैंने मामी को बताया कि महिमा ने देख लिया था.

मामी ने हंस कर कहा- उसकी में भी कीड़ा कुलबुला रहा होगा!

मैंने कहा- तो ठीक है, उसका कीड़ा भी मार देता हूँ.

मामी हंस दीं.

अब मुझे उसकी चूत का उद्घाटन करने का मौका मिला.

वह सब कैसे हुआ, यह सेक्स कहानी फिर कभी लिखूँगा.

अब मामी जब तक घर पर रहीं, रोज उनकी अच्छी चुदाई की.

भाभी वाले बेड या किसी गुप्त जगह पर.

मतलब मैंने घर का कोई कोना नहीं छोड़ा जो आज मुझे मामी की आहों की याद ना दिलाता हो.

उसके बाद मैंने उनके घर पर जाकर भी उनकी सेवा की.

इन सबके साथ मुझे उनकी गांड फाड़ने का भी मौका मिला.

उसकी कहानी सभी आप तक जल्द ही पहुचाऊंगा.

दोस्तो, मेरी इस आपबीती को सेक्स कहानी के रूप में आप तक पहुंचाने में दिव्या जी की एक महत्वपूर्ण भूमिका है.

इसके लिए मैं इनका बहुत शुक्रगुजार हूं.

मेरी पूरी कहानी को इतने ध्यान से पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है तो इसमें हुई सारी गलतियों के लिए आपसे क्षमाप्रार्थना है.

हॉट मामी रियल सेक्स कहानी पर अपने फीडबैक के लिए कृपया दिव्या जी की मेल पर ही मेल करें.

धन्यवाद.

savitabhabhi

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