खाला हुई मेरे लंड की दीवानी – Muslim Sex Stories

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पढ़े Muslim Sex Stories – मौसी की चुदाई हिंदी में पढ़ कर मजा लें कि कैसे मैंने अपनी हम उम्र मौसी की चूत खुद छोड़ी और अपने दोस्त से भी चुदवाई. बदले में मैंने उसकी मौसी को चोदा.

मैंने एक दिन अपने दोस्त आदिल से कहा- अरे यार आदिल, मैं तुमको सच बता रहा हूँ कि आजकल मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे तो एक ऐसी चीज मिल गयी है कि मैं उसी में मगन रहता हूँ। ऐसा लगता है जैसे मुझे मुंह मांगी मुराद मिल गयी हो।

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आदिल ने पूछा- अच्छा आलम मियां, यह तो बता कि ऐसा क्या मिल गया तुझे जो तू इतना खुश नज़र आ रहा है? तेरा चेहरा खिला हुआ है। कौन सा खज़ाना मिल गया है तुझे? वरना तू तो भोसड़ी का, मुंह बनाये चारों तरफ मारा मारा घूम रहा था। तेरे चेहरे की हवाइयां उड़ी रहती थीं लेकिन आजकल वो सब गायब हो गया और तू बड़ी मस्ती से बड़ी मौज़ मार रहा है।

मैंने कहा- अरे यार, मैं तो बहुत दिनों से जुगाड़ में था; बड़ी कोशिश कर रहा था। आखिरकार एक दिन मुझे कामयाबी मिल ही गयी। आजकल मैं अपनी ख़ाला जान की चूत मार रहा हूँ।

क्या मस्तानी चूत है उसकी यार! मुझे तो उसे चोदने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। वह भी बड़ी मस्त होकर मेरा लण्ड पकड़ती है, लण्ड चूमती है, चूसती है और फिर अपनी चूत में पेलवा लेती है।

बड़े मजे से उचक उचक कर, अपनी कमर हिला हिला कर और अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाती है। चुदवाते हुए इतनी मस्त मस्त बातें करतीं हैं इतनी प्यारी प्यारी गालियां सुनाती है कि लौड़ा साला बढ़ कर दूना हो जाता है। फिर मुझे उसे चोदने में दूना मज़ा आता है।

आदिल बोला- अच्छा यह तो बता कि ये सब हुआ कैसे? तूने कैसे पटाया अपनी ख़ाला को?
मैंने कहा- देखो यार, कुछ तो मैंने कोशिश की उसे पटाने की लेकिन ये सारा कमाल मेरे लंड का है. जब उसने मेरा खड़ा लंड देखा तो मेरे लंड पर ही फ़िदा हो गयी। अब मैं तुमको मौसी की चुदाई हिंदी में बताता हूँ.

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देखो यार, तुझे पता है कि मैं 20 साल का हूँ, पढ़ा लिखा तो ज्यादा हूँ नहीं हूँ पर हां मैं अपना छोटा मोटा धंधा करता हूँ. उसी से अपना काम चला रहा हूँ। मेरा शौक कसरत करना है। मैं रेगुलर जिम जाता हूँ और अपनी बॉडी बनाता हूँ।
मेरा कद 5′ 10″ का है। रंग गोरा है और देखने में ठीक ठाक ही लगता हूँ।

मेरी ख़ाला का नाम महक है। वह 22 साल की है यानि मुझसे दो साल बड़ी। उसका निकाह अभी नहीं हुआ है।
महक मेरे नानू की तीसरी बीवी की छोटी औलाद है तो वह मेरी हमउम्र ही है.

इस बार वह मेरे घर 2/3 साल बाद आई है। इस बार वह बहुत ही गदराई हुई और मस्त जवान लग रही है।

घर में आकर जब उसे अपना हिज़ाब उतारा और थोड़े और भी कपड़े उतारे तो मुझे उसके जिस्म का अंदाज़ा लग गया।

उसकी चूचियाँ मेरी अम्मी की चूचियों के बराबर हो गईं थीं। उसकी मोटी मोटी जांघें उसके चलने फिरने से साफ़ साफ़ ज़ाहिर होती हैं। उसकी गांड तो बहुत ज्यादा ही सेक्सी लगती है यार … मन करता है कि लंड पहले गांड में ही घुसेड़ दूँ।

आते ही वह मुझे देख कर बोली- अरे आलम जान, तुम तो पूरे मर्द हो गए हो? बड़े हैंडसम हो गए हो।
मैं भी उसके पास जाकर बोला- हां हो गया हूँ. पर कोई शंका हो तो और नजदीक से देख लो न मेरी प्यारी ख़ाला जान!

वह मुस्कराकर चली तो गयी लेकिन मेरा मतलब अच्छी तरह समझ गयी।

मेरे लंड में तो खलभली मची हुई थी.
मैं उसे पहले ही दिन से लंड पकड़ाने की कोशिश करने लगा।

सच बात तो यह थी कि मैं उस पर फ़िदा हो चुका था। वह जिस तरह से हंस हंस कर बड़ी अदाओं से बातें करती थी उससे मेरे लंड में आग लग जाती थी।

मैं उसे कम से कम कपड़ों में देखना चाहता था। मैं सोचा करता था कि काश वह मुझे एकदम नंगी दिख जाए तो मज़ा आ जाये। मेरे लंड को कम से कम थोड़ी तसल्ली तो हो जाए।
इसलिए जब जब मैं घर में होता था तो उसके ऊपर ही मेरी नज़रें लगीं रहतीं थीं।

कभी उसकी चूचियों में लंड पेलने का मन करता था तो कभी उसकी गांड में लंड घुसाने का!
मेरी हरकतें देखकर कभी कभी मेरी अम्मी जान कहती थीं- बेटा आलम, तू घर में ही क्यों हरदम घुसा रहता है कभी बाहर भी जाया कर!
और मैं हंस कर रह जाता।
मेरा एक एक दिन बड़ी मुश्किल से गुज़र रहा था।

एक दिन मैं उसके पास ही बैठा था तो उसका फोन घनघना उठा।
उसने फोन करने वाला का नाम देखा और सीधे कूदती फांदती हुई ऊपर छत पर चली गयी।

मैं समझ गया कि इसमें कोई प्राइवेट बात होने वाली है।
उसे नहीं मालूम हुआ कि मैं उसके पीछे छत पर आ गया हूँ।

वह एक कोने में बैठी हुई बातें करने लगी और मैं पीछे से चुपचाप खड़े खड़े उसकी बातें सुनने लगा। वह जो बोल रही थी वह तो मुझे सुनाई पड़ रहा था पर उधर की आवाज़ बिल्कुल नहीं सुनाई पड़ रही थी।
ख़ाला क्या बोल रही थी वह आप भी सुनिए- हां अब बोल भोसड़ी की ज़ोया … क्या कह रही थी तू?
उसके मुंह से गाली सुनकर मेरे लंड में बड़ी जोर का करंट लगा और वह उछल पड़ा.

वो आगे बोली- अच्छा हां समझ गयी मैं!
नहीं यार, मुझे उसका लंड बिलकुल पसंद नहीं आया.
उसकी माँ की चूत … उसे पसंद है तो वह घुसा ले अपनी चूत में मुझे क्या?
हां क्या बात है उसका लौड़ा तो लाखों में एक है.
सबा की माँ की चूत … हां हां मालूम है उसकी बेटी भी लौड़ा खूब लेती है.
निदा के अब्बू का लंड तो बड़ा हैंडसम है. हां हां यार मुझे उसके लंड से प्यार हो गया.
हां दो बार ही चोदा है मुझे … अभी तो 3 महीने यहाँ रहूंगी.
हां हां जब आऊंगी. तब तेरे मियां का लंड पेलवा लूंगी क्योंकि मेरा भी निकाह होने वाला है. अरे यार, मैं तो शादी के बाद भी चुपके चुपके पेलवाती रहूंगी.
वो तो है … तब तुम मेरे शौहर का लंड पेलवा लेना।
अच्छा अब बाद में … शायद मेरी आपा आती होंगी।

अब मुझे ख़ाला के बारे में बहुत कुछ मालूम हो चुका था. वह कई लंड पकड़ चुकी है और चुदवाती भी है।
वह जैसे ही मुड़ी तो मुझे खड़ा हुआ देखा।

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मैंने अपना खड़ा लंड उसे दिखा दिया और कहा- ख़ाला जान, जब तुमने इतने लंड पकड़े हैं तो मेरा भी लंड पकड़ कर देख लो यार!
वह आगे बढ़ी और मेरे खड़े लंड की तरफ देखा; मेरे लंड पर एक थप्पड़ मार कर बोली- हां पकड़ लूंगी किसी दिन तेरा भी लंड!
ऐसा कह कर वह फ़ौरन नीचे उतर गयी।

मेरा लंड साला और तन गया।

फिर मैं भी नीचे आ गया।
वह सीधे जाकर मेरी अम्मी जान के पास बैठ गयी और मैं मन मसोस कर रह गया।

फिर मैंने ठान लिया की अब मैं इसकी चूत में लौड़ा पेल कर ही दम लूँगा, चोद डालूँगा मैं इस भोसड़ी वाली की चूत!

आदिल बोला- यार आलम, तेरी कहानी सुनकर मेरा लौड़ा बहन चोद खड़ा हो गया। अच्छा बता फिर क्या हुआ?
मैंने कहा- जब किसी काम को करने की ठान लो तो ऊपर वाला भी मदद करता है। दो घंटे के बाद मेरी अम्मी ने कहा बेटा कि वे अब्बू जान के साथ किसी रिश्तेदारी में जा रही हैं।
अम्मी ने मुझे ख़ाला का ख्याल रखने को कहा और अगले दिन शाम को वापस आने का बताया।

मैंने कहा- अम्मी जान, तुम चिंता न करो मैं ख़ाला जान का पूरा ख्याल रखूंगा।
वे अब्बू के साथ चली गयीं।

अब घर में केवल मैं और मेरी मस्तानी ख़ाला जान।
मुझे लगा जैसे मेरी लॉटरी खुल गयी हो!

अम्मी जान के जाने के बाद मैंने ख़ाला को अपनी तरफ खींच कर बड़ी जोर से अपने सीने से लगा लिया।
उसकी दोनों मस्तानी चूचियों को अपनी छाती से चिपका लिया।

उसने थोड़ा बहुत तो ना नुकुर किया पर उसकी कौन सुनने वाला था।
वह बोली- यार आलम, इतनी भी जल्दी क्या है? अब तो मैं यहीं ही हूँ। थोड़ा सबर करो, जो कुछ करना है, मजे से करो। मुझे तेरा लंड पसंद है।

मैंने कहा- यार, मेरा लंड काबू के बाहर होता जा रहा है.
वह हंस कर बोली- अभी तक पजामा के बाहर तो हुआ नहीं तेरा लंड, काबू के बाहर कैसे हो गया?

मैंने कहा- तुम ही बाहर कर दो ने मेरा लंड ख़ाला जान?
वह शरारत करती हुई बोली- मर्द का लंड तो पजामा भी नहीं रोक सकता? अगर तू मर्द है तेरा लंड पजामा फाड़ कर बाहर निकल आएगा।

उसकी इस बात में मेरे लंड मी जबरदस्त आग लगा दी।
मैंने भी बेशर्मी से अपना पजामा खोल कर फेंक दिया और एकदम नंगा नंगा खड़ा हो गया उसके आगे और मेरा लंड भी खड़ा हो गया।
वह बोली- हाय दईया, बड़ा मोटा तगड़ा है तेरा भोसड़ी का लंड!

फिर उसने हाथ बढ़ाकर पकड़ ही लिया मेरा लंड और बोली- तेरा लंड ज़ोया के अब्बू के लंड के बराबर है. उसका भी लंड बिलकुल ऐसा ही है मोटा!
मैंने पूछा- क्या तुम उससे चुदवाती हो?
वह बोली- नहीं, मैंने बस एक बार पकड़ा है उसका लंड जब वह मेरी भाभी जान की चूत चोद रहा था।

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उसकी इस बात ने मुझे और उत्तेजित कर दिया।

तब तक मैंने भी उसके कपड़े उतार डाले और उसकी दशहरी आम जैसी बड़ी बड़ी चूचियाँ खूब दबादबा कर रस निचोड़ने लगा।
उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देख कर मैं पागल हो गया, चूत पर हाथ फिराने लगा, उसकी गांड पर हाथ फिराने लगा।

मैंने कहा- ख़ाला जान, तेरी गांड भी बड़ी मस्त है।
वह बोली- सब लोग मेरी गांड की बहुत तारीफ करते हैं।
मैंने कहा- तेरी गांड ही नहीं, तेरी बुर, तेरी चूचियाँ, तेरी कमर, तेरी मस्तानी खुली खुली बाहें सब तारीफ करने के काबिल हैं ख़ाला जान!

फिर वह खुल कर बोली- मैं तेरी ख़ाला नहीं, चूतचोदी ख़ाला हूँ आलम मियां। मैं बहुत हरामजादी, बेशरम और बड़ी मादरचोद हूँ. मैं लंड की बहुत बड़ी दीवानी हूँ। मुझे तेरे लंड से प्यार हो गया है।
बस उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाला और चूसने लगी।
उसका लंड चूसना मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था।
मैं भी उसकी चूत चाटने लगा। मैं तो उसकी चूत का दीवाना हो गया। उसकी मोटी मोटी जांघों पर हाथ फिरा फिरा कर मज़ा लेने लगा।

इससे मैं इतना उत्तेजित हो गया कि मैं झड़ने की कगार पर आ गया।
मैंने कहा- यार, मैं तेरे मुंह में झड़ जाऊंगा, लंड बाहर निकाल दो।

उसने नहीं निकाला और मैं सच में उसके मुंह में ही झड़ गया।
मामला कुछ देर के लिए शांत हो गया।

अब मेरा दोस्त आदिल बोला- यार, मेरा भी मन तेरी ख़ाला की चूत चोदने का हो गया है।
मैंने कहा- अरे यार, अभी तो मैंने भी उसकी चूत नहीं चोदी. आगे तो सुनो।

मैं बताने लगा:

कुछ देर बाद मेरा लंड साला फिर खड़ा होकर हिनहिनाने लगा।
मैंने कहा देख चूत चोदी ख़ाला ये तुझे बुला रहा है।
उसने कहा- हां आती हूँ मैं यार!
वह सामने आ गयी।

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उसने भी कुछ नहीं पहना था, एकदम नंगी होकर मेरे सामने खड़ी हो गयी.
मैंने कहा- वाह मेरी जान, तुम तो नंगी ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही हो। तेरी जवानी बहुत मस्त है। तेरा हुस्न बहनचोद तेरी रग रग में समाया हुआ है।
उसने मुझे लिटा दिया और मेरा लंड खूंटा की तरह पकड़ कर हिलाने लगी।

वहीं पर एक तेल की शीशी रखी थी। उसने तेल हथेली में लिया और मेरे लंड पर लगा दिया।
तेल से मेरे लंड की मालिश करने लगी, बोली- मुझे कटे लंड की मालिश करने में बड़ा मज़ा आता है।

आज पहली बार मेरे लंड की मालिश हो रही थी, मैं तो मज़ा लेने लगा, मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।

फिर वो बोली- हाय मेरे आलम मिया, अब तू पेल दे लंड अपनी माँ की बहन की चूत में!
उसका ऐसा कहना हुआ कि मैंने उसे लिटाया और उसके ऊपर चढ़ कर लंड गच्च से घुसा दिया उसकी चूत में!

मैं पागलों की तरह धकाधक चोदने लगा उसकी चूत … लंड पूरा घुसा घुसा के चोदने लगा।
मैंने कहा- यार, तेरी चूत चुदी हुई है न?
वह बोली- हां यार, चुदी हुई है।
मैंने कहा- यार चुदी हुई है … पर लग नहीं रही है कि चुदी हुई है। बड़ी टाइट है तेरी चूत चोदी चूत! मुझे तो एकदम तारो ताज़ा लग रही है तेरी बुर!

मैं धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और वह हर धक्के का जवाब भी धक्के से दे रही थी।
इससे मैं जान गया कि ये बहनचोद चुदी हुई ही नहीं बल्कि अच्छी तरह चुदी हुई है।

मैंने कहा- आज मैं तेरी चूत फाड़ डालूँगा महक; तेरी चूत का हलवा बना दूंगा। तुमने मुझे बहुत परेशान किया है. तेरी चूत की माँ की चूत!
वह बोली- हाय मेरे राजा, खूब चोदो मुझे … अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे! ये तेरी माँ की बहन की चूत है, इसे चोद डाल। तेरा मादरचोद लंड बड़ा मज़ा दे रहा है।

दोस्तो, चुदाई का मज़ा तभी आता है जब दोनों चोदने वाला और चुदाने वाली बड़ी मस्ती से दिल खोल कर चुदवाये। दोनों एक दूसरे के साथ देकर चुदाई करें।

उसकी नाचती हुई चूचियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थीं।
उसकी सिसकारियां मेरे लंड का हौसला बढ़ा रही थीं।

मैं चुदाई की स्पीड बढ़ाता जा रहा था।
वह भी गांड से जोर लगाती जा रही थी।

मैं समझ गया कि आजकल लोग चुदी हुई लड़की से शादी क्यों करते हैं.

अब मैं बहुत ज्यादा ही मस्त हो चुका था।

तभी मुझे मालूम हुआ कि उसकी चूत ढीली हो गयी है।

फिर मेरे मुंह से निकला- यार अब मैं निकलने वाला हूँ।
वह फ़ौरन घूम गयी और मेरा लंड पकड़ कर बोली- मेरे मुंह में निकल जाओ यार, मैं इसे पीना चाहती हूँ। लंड पीने से खूबसूरती बढती है।

मौसी ने मेरा लंड मुंह में भर लिया.
वह सच में पी गयी।

फिर हम दोनों बाथ रूम में बड़ी देर तक नंगे खेलते रहे।
उसने मेरे लंड में साबुन लगाकर मुझे नहलाया और मैंने भी उसकी चूचियों पर, उसकी चूत पर, उसकी गांड पर साबुन लगा लगा कर उसे खूब नहलाया।

बड़ी मस्ती की हम दोनों ने!
और फिर रात को दुबारा मस्ती के मूड में आकर बिस्तर पर लेट गए।

मैं सच में उसे अपनी बीवी समझ बैठा था और वह भी मुझसे अपने शौहर के जैसा बर्ताव करने लगी।

मैं यह सब अपने दोस्त को बता रहा था कि इतने में मैंने देखा कि आदिल का लण्ड खड़ा है।
वह बोला- यार आलम, तेरी कहानी सुन कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। अब क्या करूँ?
मैंने जोश में आकर कह दिया- तो तुम भी इसे मेरी ख़ाला की चूत में पेल दो।
वह हसंने लगा।

हम दोनों बात कर ही रहे थे कि ख़ाला का फोन आ गया।
वह बोली- अरे यार, आपा (मेरी अम्मी) का फोन आया था। कह रही थीं कि वे लोग अब दो दिन के बाद आयेंगे। कुछ काम आ गया है उसे ख़त्म करके ही आना होगा।

मैंने कहा- लो यार, अब तो मुझे और टाइम मिला गया अपनी ख़ाला की चूत चोदने का! अब चलो मैं तुमको उससे मिलवाता हूँ। अगर वह तैयार हो जाती है तो तुम भी उसे चोद कर मज़ा लेना. नहीं तो लौट आना। लेकिन हां अगर तुमने मेरी ख़ाला की चूत चोदी तो मैं भी तेरी ख़ाला की चूत चोदूंगा।

वह बोला- अरे यार, मैं तेरी ख़ाला की चूत चोद पाऊं या न चोद पाऊं … पर तुम मेरे साथ चलो और आज ही मेरी ख़ाला की चूत चोद लो।
मैंने कहा- नहीं, पहले तुम मेरी ख़ाला चोदो, चलो मेरे साथ!

मैं आदिल को लेकर ख़ाला के पास आ गया और अंदर जाकर मैंने उसे सारी बात बता दी।
वह बोली- अच्छा तो तुम दोनों मिलकर लंड पेलना चाहते हो मेरी चूत में?
मैंने कहा- हां जरूर … लेकिन अगर तुम कहोगी तो वरना मैं उसे वापस कर दूंगा।

उसने कहा- एक बात है … मुझे अगर उसका लंड पसंद आ गया तो मैं उससे भी चुदवा लूंगी, नहीं तो तुम उसे भगा देना।
मैंने कहा- ठीक है।

तब मैंने आदिल को बेडरूम में बुला लिया।
मैंने उसकी ख़ाला की चूत चोदने के लालच में अपनी ख़ाला की चूत उससे चुदवाने का मन बना लिया।

ख़ाला जान ने उसके सामने पहले मेरा पजामा का नाड़ा खोला और लंड अंदर ही अंदर सहलाने लगी।
आदिल बड़े गौर से उसे देखने लगा।

फिर ख़ाला ने दूसरे हाथ से आदिल के पजामे का नाड़ा खोला और दन्न से अपना हाथ अंदर घुसेड़ दिया।
उसका हाथ आदिल के लंड से टकरा गया।

महक का चेहरा खिल उठा तो मेरी उम्मीद बंध गयी।

फिर उसने लंड बड़े प्यार से बाहर निकाला, उसे गौर से देखा और बोली- माशाल्ला, लौड़ा तो बहनचोद बड़ा जबरदस्त है तेरे दोस्त का आलम मियां! मज़ा आ गया इसे पकड़ कर। ये तो तेरी ख़ाला की चूत का आज ही भोसड़ा बना देगा।

मैं यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया।

फिर वह भी पूरा नंगा हो गया और मैं भी पूरा नंगा।

दोनों लंड देख कर महक ख़ाला की तो चांदी हो गयी।
वह बोली- अब तुम दोनों मिलकर मुझे चोदो, मैं पूरी तरह तैयार हूँ।

फिर क्या रात भर हम दोनों ने मिलकर ख़ाला की चूत का बाजा खूब बजाया।

दूसरे दिन मैंने उसे उसकी ख़ाला के साथ बुलवाया।
उसकी ख़ाला भी गज़ब की खूबसूरत थी। उसकी चूचियां महक की चूचियों के बराबर ही थीं। वह भी चुदवाने में बड़ी अव्वल थी।

उसे देख कर मेरा लौड़ा तन गया।
फिर हम चारों एक ही कमरे में आमने सामने चुदाई का खूब मज़ा लिया।

आदिल में मेरे सामने मेरी ख़ाला की चूत चोदी और मैंने उसके सामने उसकी ख़ाला की चूत चोदी।

यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक की मेरी अम्मी आ नहीं गयीं।

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