मैंने बीमारी का बहाना बनाया और मामी ने मुझसे चुदवाया – Maami ki Chudai

Mami ki Chudai

मैंने सेक्स प्लान बना कर अपनी बड़ी मामी को चोद दिया उनके बेड पर! वे मुझे बहुत प्यार करती थी. मैंने बिमारी का बहाना बनाया और मामी को भावना में बहाकर मना लिया.

दोस्तो, मेरा नाम योगेश शर्मा हैं और मैं इंदौर का रहने वाला हूं।

मेरी उम्र 19 साल की है और मेरा लन्ड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।

यह सेक्स प्लान कहानी मेरी और मेरी मामी की है।

मेरी मामी का नाम अर्चना है और दिखने में बेहद सुंदर मानो स्वर्ग की अप्सरा हो.

उनकी उम्र 32 साल की है और उनके दो बच्चे भी हैं.

लेकिन उनको देख कर कोई नहीं कह सकता कि वे दो बच्चों की मां हैं.

यह बात दो महीने पहले तब की है जब मेरी नानी और मेरे बड़े मामा मेरी मौसी के यहां गए हुए थे.

मेरे दो मामा हैं और दोनों शादीशुदा हैं.

लेकिन मेरा दिल बड़ी मामी पर फ़िदा है.

मेरा परिवार गांव से संबंध रखता है; सभी गांव की भाषा में बात करते हैं.

उस दिन मेरे मामा और नानीजी मौसी के यहां गए हुए थे.

घर में नानाजी, छोटे मामा, छोटी मामी, बड़ी मामी और उनके बच्चे थे.

मैंने सोच लिया था कि अभी मौका है, फिर मामाजी आ जाएंगे तो मौका नहीं मिलेगा.

मैं उस रात नानीजी के यहां बिना किसी कारण के जबरन ही रुक गया.

चूंकि सब मुझे लाड़ करते हैं इसलिए ज्यादा कुछ नहीं पूछा कि मैं यहां किस काम से आया था.

रात के करीब 9.30 बज रहे थे.

सबने खाना खा लिया और छत पर टहलने चले गए.

मेरे छोटे मामा जी तो अपने दोस्त के पास चले गए थे और नानाजी टीवी देख रहे थे.

मैं, बड़ी मामी, छोटी मामी और उनके बच्चे हम सब छत पर ही थे.

टहलते टहलते कब 11.30 बज गए, मालूम ही नहीं चला.

इतने में छोटे मामाजी अपने दोस्त के पास से आ गए और अपने रूम में चले गए.

उन्हें आया देख कर छोटी मामी भी चली गईं.

बच्चे नानाजी के पास सो गए थे.

अब बस छत में और बड़ी मामी हम दोनों अकेले थे.

बड़ी मामी को नींद नहीं आ रही थी क्योंकि मामाजी नहीं थे.

इसलिए हम दोनों आपस में बात करने लगे.

जब मेरी मामी बात करती हैं, तब जी चाहता है कि उनके गुलाबी होंठों को चूम लूँ.

मैंने पहले से ही सेक्स प्लान बना लिया था कि मुझे आज रात किसी भी कीमत पर मामी को चोदना है.

फिर मैंने धीरे से मामी को बोला- मामी, आपको एक बात बताऊं?

मामी- बताओ न … क्या बात है!

मैं- आप किसी को बताओगी तो नहीं!

मामी- नहीं बताऊंगी. बेफिक्र होकर बताओ.

मैं- आपने गुप्त रोग का नाम सुना है.

मामी- हां.

वे चिंता करती हुई बोलीं- पर किसे हुआ है!

मैं- मुझे!

इतने में तो मामी टेंशन में आ गईं और ऊपर से मैं लाड़ का लड़ैता ठहरा.

मामी- क्या हुआ बाबू. मुझे सब सच बताना, डरना मत. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगी.

मैं- वह मामी ये बात आज से एक हफ्ते पहले की है. जब रात को अपने लिंग के साथ खेल रहा था. ऐसा नॉर्मली सभी लड़के करते हैं.

मामी- हां फिर?

मैं- तो मैं अपने लिंग को हिला कर खड़ा कर रहा था लेकिन वह हुआ नहीं और ढीला ढीला हो रहा था.

मामी- अरे बाप रे … फिर बाबू?

मैं- तो अगले दिन मैंने डॉक्टर को बताया, तो उसने कहा कि ये नपुंसकता के लक्षण हैं.

मामी चिंता करती हुई बोली- फिर बाबू?

मैं- तो मामीजी वह डॉक्टर ने कहा कि तुम्हारी मर्दानी ताकत जा रही है.

मामी- तो बाबू तुम अच्छे डॉक्टर को बताओ ना!

मैं- मामी मैंने गुप्त रोग के सबसे अच्छे डॉक्टर को ही बताया. लेकिन उन्होंने मुझे एक कठिन इलाज बताया है.

मामी- क्या इलाज है वह?

मैं- मामी वह डॉक्टर कहता है कि मेरी मर्दाना ताकत तब आएगी, जब मैं किसी महिला के साथ में सेक्स करूंगा.

वह कहता है कि मेरे लिंग में उत्तेजना की कमी है. यदि समय पर सेक्स नहीं किया तो मैं नपुंसक बन जाऊंगा.

लेकिन मामी मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है, मैं किसके साथ सेक्स करूंगा. मैं बहुत परेशान हो रहा हूँ मामी!

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मामी- बाबू तुम्हें ये पहले बताना चाहिए था न … तुम टेंशन मत लो!

मैं- मामी मुझे बहुत शर्म आ रही थी इसलिए ये बात मैं सिर्फ आपको बता रहा हूँ.

मामी- बाबू तुम घबराना मत. एक काम करो तुम मेरे साथ सेक्स कर लो.

मैं- लेकिन आप मेरी मामी हो. मैं आपके साथ ये कैसे कर सकता हूं?

मामी- मैं तुम्हारी मामी बाद में और दोस्त पहले हूँ. तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड समझकर सेक्स कर सकते हो.

‘लेकिन मामी!’

‘लेकिन-वेकिन कुछ नहीं. कमरे में चलो, सब सो गए हैं … और आज तुम्हारे मामा भी नहीं हैं.’

मैं- लेकिन मामी, मुझे सेक्स करना नहीं आता.

मामी- मैं हूँ ना. तुम चुपचाप कमरे में चलो.

मैं और मामी कमरे में आ गए और मामी ने गेट भी बंद कर दिया.

रात का करीब एक बज रहा था.

अचानक मामी मेरी तरफ़ देखती हुई बोलीं- योगेश तुम झूठ तो नहीं बोल रहे हो न?

मैंने कहा- मामी मैं झूठ क्यों बोलूंगा. और आप तो मुझे बचपन से जानती हो.

मेरे इतना कहते ही मामी ने मुझे अपने गले से लगा लिया और मेरे माथे पर किस कर दिया.

मैंने भी मामी को कस के पकड़ लिया.

फिर मामी बोलीं- योगेश जैसा मैं बोलूंगी, तुम्हें वैसा ही करना है.

मैंने हां में गर्दन हिला दी.

मामी ने मुझे पलंग पर बिठाया और मेरे गाल पर हाथ फेरने लगीं.

मैं क्या बताऊं दोस्तो, मेरा सपना पूरा हो रहा था और मेरा लंड तो मानो पैंट फाड़कर बाहर निकल रहा था.

मेरा बनाया हुआ सेक्स प्लान कामयाब हो रहा था.

शायद मेरी मामी भी भोली ही निकली थीं या उन्हें भी मैं एक सॉफ्ट टारगेट के जैसे मिल गया था.

मामी बोलीं- योगेश तुम मुझे किस करो … होंठ पर करना!

मैंने मामी को किस किया, वह भी सहयोग देने लगीं.

हमारा चुंबन लगभग 5 मिनट तक चला.

फिर मैंने मामी को खड़ा कर दिया पलंग से और दीवार के सहारे उन्हें किस करने लगा.

उनकी मस्त गांड पर हाथ फेरने लगा, उनको चूमते चूमते उनकी चूची को दबाने लगा.

उस रात मेरी मामी ने नीले रंग की सेक्सी सी साड़ी पहन रखी थी.

बड़ा ही मस्त माहौल था दोस्तो, मानो जन्नत …

फिर मैंने उनका पल्लू हटा दिया और उनका पीठ से खुला खुला सा ब्लाउज दिख रहा था.

उनका मुँह दीवार की तरफ करके, कंधे को चूमते हुए उनके ब्लाउज खोल दिया.

मामी ब्रा नहीं पहनती हैं.

मामी सिसकारियां ले रही थीं और वह भी धीमे धीमे!

तब मामी ने कहा- तुम्हें तो सब आता है योगेश … कहां से सीखा ये?

मैंने कहा- मैं मोबाइल में कभी कभी ब्लू फिल्म देख लिया करता था. उसमें ऐसा ही करते हैं. मैं सही कर रहा हूं ना मामी?

मामी- हां योगेश, ऐसे ही करते रहो. मुझे भी अच्छा लग रहा है.

मैंने मामी को अपनी तरफ घुमा लिया.

आह क्या रसभरे चूचे थे दोस्तो … एकदम दूध से भरे गुब्बारे मानो अभी मेरे लिए ही जवान हुए हों.

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उनके मम्मे Allahabad Escorts के जैसे बड़े बड़े लग रहे थे. ऐसा लग रहा था मानो पता नहीं मामी जी ने अपने ममों को कितनो से चुसवाया है.

मैं उनको बड़े प्यार से चूसने लगा.

मामी सिसकारियां ले रही थीं.

मैंने मामी को धक्का देकर पलंग पर लेटा दिया और मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल फेंकी.

हम दोनों आधे नंगे हो चुके थे.

फिर मैं मामी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें किस करने लगा.

मुझसे अब रहा नहीं गया.

मैंने अपनी लोअर भी निकाल दी और साथ में अंडरवियर भी.

मामी मेरे लंड को देखकर हैरान हो गईं और बोलीं- योगेश, तुम्हारा लंड इतना बड़ा … तुम क्या लगाते हो इस पर?

मैंने कहा- कुछ नहीं मामी, बस मुठ मारते मारते इतना बड़ा हो गया.

मामी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और जैसे ही उन्होंने मेरा लंड पकड़ा, मुझे एक करंट का झटका सा लगा.

मेरे लंड को पहली बार कोई औरत हाथ लगा रही थी.

मामी मेरे लंड को ऊपर नीचे करने लगीं और कहने लगीं- योगेश, मुझे नहीं लगता कि तुम्हें कोई रोग है, तुम झूठ बोल रहे थे ना!

मैंने कहा- हां मामी, मैंने आपसे झूठ बोला. मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं आपको चोदना चाहता था … इसी लिए मैंने ये प्लान बनाया.

‘और तुम्हारे इस प्लान में मामी फंस गई, बड़े चालाक हो तुम!’

मैंने कहा- हां मामी आप मेरा क्रश हैं.

‘हम्म … मैं भी तुमसे चुदवाना चाहती थी.’

मैंने कहा- क्या सच?

वे बोलीं- हां मुच … तो क्या अब मैं इस लंड को अपने मुँह में ले लूँ?’

‘हां मामी, बिल्कुल आज रात के लिए ये आपका ही केला है!’

मेरे ऐसा कहते ही मामी ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.

क्या मजा आ रहा था दोस्तो, मैं बता नहीं सकता.

थोड़ी देर तक मेरे लंड को चूसने के बाद मैंने मामी के मुँह में ही अपना वीर्य निकाल दिया.

उन्होंने आधा वीर्य पी लिया और वीर्य अपनी साड़ी पर गिरा लिया.

मामी ने कहा- बस योगेश इतना ही!

मैंने कहा- मामी, ये मेरा फर्स्ट टाइम है ना … इसलिए मैं जल्दी झड़ गया.

फिर मामी उठीं और अपनी साड़ी उतारने लगीं.

वे सिर्फ पेटीकोट में आ गईं.

मामी को सिर्फ पेटीकोट में देख कर मेरा लंड फिर से तन गया और मामी ने उसे हाथ में लेकर कहा- अब ये लौड़ा तुम्हारी मामी को चोद कर ही मानेगा.

मैंने मामी को पलंग पर लेटा दिया और उनके पेटीकोट के अन्दर अपना मुँह दे दिया और उनकी पैंटी को थोड़ा साइड में करके उनकी चूत को चाटने लगा.

आह्ह … क्या स्वाद था उनकी चूत का.

उन्हें भी चुत चटवाने में मजा आ रहा था.

मैंने उनका पेटीकोट और पैंटी भी निकाल फेंकी और अब हम दोनों पूरे नंगे थे.

फिर मैंने मामी से कहा- मामी, अब हम दोनों 69 पोजीशन में करेंगे.

वे बोलीं- ये क्या होता है?

मैंने कहा- मैं आपकी चूत चाटूंगा और आप मेरा लंड चूसना ओके!

वे तैयार हो गईं और उन्होंने 69 में आकर मेरे मुँह के ऊपर अपनी चूत रख दी.

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अब वे मेरा लंड चूस रही थीं.

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद इस बार मामी झड़ गईं और उन्होंने अपना सारा माल मेरे मुँह के ऊपर छोड़ दिया.

फिर वे सीधी होकर बोलीं- योगेश, कब तक तड़पाओगे, डालो ना अब इसे मेरी चूत में!

मैंने भी देरी न करते हुए उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लिया और तीन चार बार लंड को उनकी चूत पर मारते हुए एक ही बार में पूरा अन्दर घुसा दिया.

वह चिल्लाने वाली ही थीं कि मैंने अपना मुँह उनके मुँह में दे मारा और उन्हें चोदते चोदते ही किस करने लगा.

कमरे में फच फ़च की आवाज आने लगी.

मामी सिसकारियां ले रही थीं- आह्ह ह … आआ हहह बाबू और जोर से करो … फाड़ दो अपनी मामी की चूत … आआहह आआह आआ आज तो मर गई आह!

बस मामी एक बार फिर से झड़ गईं.

इसके बाद मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल की पोजीशन में बैठाया और इस बार मैं उनकी गांड के छेद में लंड डालने वाला था लेकिन छेद बहुत छोटा था तो दिक्कत हो रही थी.

मैंने पास ही में रखी खोपरे के तेल की डब्बी को उठा लिया और उनकी गांड के छेद में तेल डाल कर गांड ढीली कर दी.

मामी को गांड में उंगली करवाने में मजा आ रहा था.

फिर थोड़ा तेल मैंने अपने लंड पर भी लगाया.

अब लंड और गांड दोनों चिकने हो गए थे.

मैंने लंड गांड के छेद में सैट किया और जोर का धक्का दे दिया.

चिकनाहट के कारण पूरा लंड मामी की गांड में चला गया.

मामी दर्द से चिल्ला रही थीं और मैं जोर जोर से गांड मारे जा रहा था- आआआ आह्ह उई मां आ आह्हह आआ आआअ आह्ह आ मजा आ रहा है योगेश … ये रात मैं कभी नहीं भूलूंगी!

‘हां मामी, मैं भी ये रात कभी नहीं भूलूंगा … आह मामी मैं झड़ने वाला हूं!’

‘झाड़ दो अपना सारा माल अपनी मामी की गांड में आह …’

मैंने अपना सारा वीर्य मेरी प्यारी मामी की गांड में डाल दिया और एक बार फिर मामी भी झड़ गईं.

मामी तीसरी बार झड़ गई थीं.

करीब 3.30 बजे हम दोनों नंगे ही सो गए.

सुबह उठे तब तक सब सो ही रहे थे.

मामी मुस्कुरा कर बोलीं- और योगेश कोई कसर तो नहीं रह गई न तुम्हारे गुप्त रोग के इलाज में!

मैंने कहा- अगला डोज कब दोगी डॉक्टर साहब?

मामी हंसने लगीं और मुझसे लिपट गईं.

दोस्तो, आपको सेक्स प्लान कहानी कैसी लगी … प्लीज कमेंट्स जरूर करें.

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